Saraikela Loot: बंद पड़े प्लांट से स्क्रैप चोरी करते पकड़े गए माफिया, पुलिस का खुलासा चौंकाने वाला!

सरायकेला खरसावां जिले में बंद पड़े अभिजीत आयरन प्लांट से स्क्रैप चोरी करने वाले चार माफिया गिरफ्तार। पुलिस ने चोरी की साजिश का पर्दाफाश कर पिकअप वैन समेत भारी मात्रा में सामान बरामद किया। जानिए पूरी खबर!

Feb 26, 2025 - 19:23
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Saraikela Loot: बंद पड़े प्लांट से स्क्रैप चोरी करते पकड़े गए माफिया, पुलिस का खुलासा चौंकाने वाला!
Saraikela Loot: बंद पड़े प्लांट से स्क्रैप चोरी करते पकड़े गए माफिया, पुलिस का खुलासा चौंकाने वाला!

सरायकेला खरसावां: झारखंड के सरायकेला खरसावां जिले में बंद पड़े अभिजीत आयरन प्लांट में चोरी का खेल धड़ल्ले से चल रहा था, लेकिन पुलिस की मुस्तैदी से एक बड़ा खुलासा हुआ है। खरसावां थाना पुलिस ने बुरुडीह स्थित प्लांट से स्क्रैप चोरी करते चार स्क्रैप माफियाओं को रंगे हाथों गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। इस कार्रवाई में बड़ी मात्रा में लोहा और स्ट्रीट लाइट के पोल सहित कई सामान बरामद किए गए हैं, जिन्हें गैस कटर से काटकर चोरी करने की योजना बनाई गई थी।

कैसे हुई कार्रवाई?

पुलिस अधीक्षक को गुप्त सूचना मिली थी कि अभिजीत आयरन प्लांट में स्क्रैप की अवैध कटिंग हो रही है। इस पर एसडीपीओ समीर सवैया के नेतृत्व में एक टीम बनाई गई, जिसने छापेमारी कर चारों स्क्रैप माफियाओं को रंगे हाथों पकड़ लिया। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान मोहम्मद जुम्मन उर्फ जुम्मन, करण बारला उर्फ बावला बारला, मोहन सिंह जामुदा और गोवर्धन डे उर्फ शुकरा के रूप में हुई है।

छापेमारी के दौरान पुलिस ने पिकअप वैन (JH 22 G-1841) से 6 स्ट्रीट लाइट पोल के टुकड़े, 18 पोल (जो काटे जाने वाले थे), एक स्कूटी, एलपीजी गैस सिलेंडर, ऑक्सीजन सिलेंडर, बर्नर, रेगुलेटर, लोहे का नट-बोल्ट, स्टील का सिंक, गैस चूल्हा सेट, कुर्सी और एक मोबाइल बरामद किया।

चोरी की साजिश ऐसे हुई बेनकाब!

गिरफ्तार माफिया अत्याधुनिक तरीके से चोरी को अंजाम दे रहे थे। वे प्लांट में लगे स्ट्रीट लाइट पोल को काटकर झाड़ियों में छिपा देते थे, फिर गैस कटर से छोटे-छोटे टुकड़ों में काटकर नदी के दूसरे छोर पर खड़ी पिकअप वैन से चोरी कर गायब करने की कोशिश करते थे।

पुलिस ने बताया कि यह गिरोह लंबे समय से इस इलाके में स्क्रैप चोरी कर उसे बेचने का गोरखधंधा चला रहा था। जांच में यह भी सामने आया है कि इस गैंग के संपर्क बड़े स्क्रैप डीलरों और कबाड़ी व्यापारियों से जुड़े हो सकते हैं।

क्या है अभिजीत आयरन प्लांट का इतिहास?

अभिजीत आयरन प्लांट कभी झारखंड के औद्योगिक विकास की पहचान माना जाता था, लेकिन बंद होने के बाद यह अपराधियों के अड्डे में तब्दील हो गया। 2013 में जब यह प्लांट बंद हुआ, तभी से इसके कीमती उपकरण और स्क्रैप पर चोरी की घटनाएं सामने आती रही हैं। स्थानीय पुलिस समय-समय पर कार्रवाई करती रही है, लेकिन स्क्रैप माफिया लगातार अपनी गतिविधियों को अंजाम देते रहे हैं।

स्क्रैप चोरी क्यों है बड़ी समस्या?

झारखंड और पश्चिम बंगाल के औद्योगिक क्षेत्रों में स्क्रैप माफिया का बड़ा नेटवर्क सक्रिय है। इन गिरोहों के पास गैस कटर, ऑक्सीजन सिलेंडर और अन्य अत्याधुनिक उपकरण होते हैं, जिससे वे लोहे को आसानी से काट सकते हैं। चूंकि बंद पड़े कारखानों में सुरक्षा कम होती है, इसलिए ये माफिया इन जगहों को निशाना बनाते हैं।

पुलिस की आगे की कार्रवाई?

खरसावां पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है कि इस गिरोह के तार कहां तक जुड़े हैं। यह भी जांच की जा रही है कि क्या प्लांट में कोई अंदरूनी मदद कर रहा था?

फिलहाल पुलिस ने आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है और मामले की जांच जारी है। पुलिस के अनुसार, जल्द ही इस गिरोह से जुड़े अन्य लोगों की भी गिरफ्तारी हो सकती है।

यह मामला सिर्फ एक चोरी का नहीं, बल्कि झारखंड में बढ़ते स्क्रैप माफिया नेटवर्क का पर्दाफाश करता है। औद्योगिक इकाइयों के बंद होने के बाद इन जगहों पर गैरकानूनी गतिविधियां बढ़ती जा रही हैं, जिसे रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की जरूरत है।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।