बिना नदी के पुलिया निर्माण पर 2.87 करोड़ खर्च, मोहनाडीह में फंड की बर्बादी पर उठ रहे सवाल

झारखंड के पोटका प्रखंड के मोहनाडीह में बिना नदी के पुलिया निर्माण पर 2.87 करोड़ खर्च किए गए, जिससे सरकारी फंड के दुरुपयोग की चर्चाएं तेज हो गई हैं।

Oct 25, 2024 - 12:26
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बिना नदी के पुलिया निर्माण पर 2.87 करोड़ खर्च, मोहनाडीह में फंड की बर्बादी पर उठ रहे सवाल
बिना नदी के पुलिया निर्माण पर 2.87 करोड़ खर्च, मोहनाडीह में फंड की बर्बादी पर उठ रहे सवाल

जादूगोड़ा, 25 अक्टूबर 2024: पोटका प्रखंड के ग्वालकाटा पंचायत के मोहनाडीह गांव में करोड़ों रुपये की लागत से पुलिया निर्माण कार्य पर विवाद खड़ा हो गया है। यह पुलिया निर्माण मुख्यमंत्री ग्राम सेतु योजना के तहत 2.87 करोड़ रुपये की लागत से हो रहा है। लेकिन, इस क्षेत्र में कोई नाला या नदी ना होने के बावजूद पुलिया का निर्माण किया जा रहा है, जिससे ग्रामीणों और स्थानीय लोगों में फंड के दुरुपयोग को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं।

पुलिया निर्माण पर फंड बर्बादी का आरोप

गांव के स्थानीय निवासियों का कहना है कि बिना नाले और नदी के इस पुलिया का निर्माण समझ से परे है। ग्रामीणों के अनुसार, इस निर्माण पर फंड का दुरुपयोग किया जा रहा है। ग्रामीणों का मानना है कि लगभग 20 लाख रुपये में एक साधारण पुलिया बनाकर बरसात के दिनों में लोगों और स्कूली बच्चों के लिए रास्ता सुगम किया जा सकता था। लेकिन इसके बजाय, बिना उपयोग के 2.87 करोड़ रुपये इस पुलिया निर्माण में खर्च किए जा रहे हैं।

ग्रामीणों की नाराजगी और विरोध

मोहनाडीह गांव के लोग पुलिया निर्माण की गुणवत्ता और उपयोगिता को लेकर पहले से ही नाराज हैं। पिछले एक साल से यह पुलिया निर्माण धीमी गति से चल रहा है, जिससे ग्रामीणों में असंतोष और भी बढ़ गया है। इस निर्माण कार्य की धीमी गति और गुणवत्ता पर सवाल उठाते हुए ग्रामीण कई बार विरोध जता चुके हैं। उनका कहना है कि अगर विकास के नाम पर ऐसी ही योजनाओं में फंड का दुरुपयोग होता रहा, तो जरूरतमंद इलाकों तक कभी बुनियादी सुविधाएं नहीं पहुंच सकेंगी।

क्षेत्र में उठे जांच की मांग

ग्रामीणों का आरोप है कि इस तरह के निर्माण कार्य सिर्फ पैसे की बर्बादी हैं और इसका कोई वास्तविक लाभ नहीं है। कई अन्य गांवों में आज भी लोग नदी पार करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, जबकि मोहनाडीह में बिना नदी के पुलिया निर्माण पर करोड़ों रुपये खर्च हो रहे हैं। इस मामले में क्षेत्र के लोगों ने पुलिया निर्माण की जांच की मांग भी उठाई है, ताकि फंड का सही इस्तेमाल हो सके और जरूरतमंद क्षेत्रों तक विकास कार्यों का लाभ पहुंच सके।

सरकारी योजनाओं की उपयोगिता पर उठे सवाल

इस मामले ने ग्रामीण विकास से जुड़ी सरकारी योजनाओं की उपयोगिता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। मुख्यमंत्री ग्राम सेतु योजना के तहत इस तरह के निर्माण कार्यों का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों को सुविधा प्रदान करना है। लेकिन ऐसे पुलिया, जो बिना किसी नाले या नदी पर बने, वास्तव में कितने कारगर हैं, यह सवाल अभी भी बना हुआ है। ग्रामीणों का कहना है कि इस पुलिया का निर्माण, जिसमें करोड़ों रुपये लगाए गए, उनकी रोजमर्रा की जिंदगी में किसी भी तरह की मदद नहीं कर रहा है।

इस विवादास्पद पुलिया निर्माण ने सरकारी फंड के उचित उपयोग पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। ग्रामीणों ने सरकार से इस मामले की जांच कर फंड के सही उपयोग की मांग की है, ताकि सही मायने में विकास कार्यों का लाभ जरूरतमंद इलाकों तक पहुंचे।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।