तिरुपति लड्डू विवाद: सुप्रीम कोर्ट ने कहा, देवताओं को राजनीति से दूर रखें
तिरुपति लड्डू विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने आंध्र प्रदेश सरकार से सवाल किए। कोर्ट ने कहा, देवताओं को राजनीति से दूर रखना चाहिए। जानें इस मामले की पूरी जानकारी।
30 सितंबर 2024: तिरुपति लड्डू विवाद पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि देवताओं को राजनीति से दूर रखना चाहिए। यह मामला आंध्र प्रदेश में वाईएसआरसीपी सरकार के दौरान उठाया गया।
कोर्ट ने आंध्र प्रदेश सरकार से सवाल किया कि जब मामले की एसआइटी जांच के आदेश दे दिए गए थे, तो प्रेस में जाने की क्या जरूरत थी। कोर्ट ने सख्ती से पूछा कि जब तक जांच के नतीजे नहीं आते, तब तक प्रेस के पास जाने का क्या मतलब है।
यह विवाद तब शुरू हुआ जब तिरुपति तिरुमला मंदिर ट्रस्ट को गाय के घी की सप्लाई के नमूनों की लैब जांच में लार्ड (सूअर की चर्बी), टैलो (भेड़ की चर्बी) और मछली के तेल की मिलावट का पता चला। यह घी तिरुपति के प्रसिद्ध लड्डू प्रसाद बनाने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा था।
इस घटना के बाद कई लोगों ने मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करने की मांग की। उनका कहना था कि इन धार्मिक संस्थाओं को हिंदू धर्म के प्रबंधकों को सौंप दिया जाना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने आंध्र प्रदेश सरकार के वकील से कहा कि लैब रिपोर्ट से यह स्पष्ट है कि परीक्षण किया गया घी खराब था। इस मामले में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि यह आस्था का मामला है। यदि मिलावटी घी का इस्तेमाल किया गया है, तो यह अस्वीकार्य है।
इस सप्ताह के आरंभ में, भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी और तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) के पूर्व अध्यक्ष और वाईएसआर कांग्रेस पार्टी से राज्यसभा सांसद वाइवी सुब्बा रेड्डी ने इस मामले में याचिकाएं दाखिल की हैं।
इस मामले की सुनवाई जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ कर रही है। यह मामला अब पूरी तरह से तूल पकड़ चुका है। लोगों की आस्था और मंदिरों के प्रबंधन पर इसके असर को लेकर चर्चाएँ हो रही हैं।
इस प्रकार, तिरुपति लड्डू विवाद ने आंध्र प्रदेश में एक नई बहस छेड़ दी है।
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