ED के शिकंजे में तमन्ना भाटिया? जानें HPZ Token App के मनी लॉन्ड्रिंग केस से जुड़ी बड़ी सच्चाई!
तमन्ना भाटिया को ED ने मनी लॉन्ड्रिंग केस में किया तलब। HPZ Token App के जरिए करोड़ों की ठगी का मामला सामने आया। जानें कैसे फर्जी कंपनियों ने निवेशकों को दिया धोखा और तमन्ना का क्या है इसमें रोल।
बॉलीवुड अभिनेत्री तमन्ना भाटिया हाल ही में मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) के सवालों का सामना करती नजर आईं। ये मामला किसी आम धोखाधड़ी का नहीं है, बल्कि इससे जुड़े हैं करोड़ों रुपये और फर्जी कंपनियों का बड़ा जाल। तमन्ना भाटिया को इस मामले में तब तलब किया गया, जब ED ने HPZ Token App के जरिए करोड़ों रुपये की ठगी के मामले की जांच शुरू की।
कैसे जुड़ा तमन्ना भाटिया का नाम?
तमन्ना भाटिया का नाम इस मामले में तब सामने आया, जब ED ने इस घोटाले से जुड़े कई कार्यक्रमों में शामिल सेलिब्रिटीज की जांच की। ED ने बताया कि तमन्ना भाटिया ने एक इवेंट में हिस्सा लिया था, जिसे HPZ Token App से जुड़े लोगों ने आयोजित किया था। इस कार्यक्रम के लिए उन्हें एक तय राशि का भुगतान किया गया था। ED ने साफ किया है कि तमन्ना के खिलाफ कोई आपराधिक आरोप नहीं है, लेकिन उन्हें बतौर गवाह बयान दर्ज करने के लिए बुलाया गया था।
तमन्ना का बयान Prevention of Money Laundering Act (PMLA) के तहत ED के क्षेत्रीय कार्यालय में दर्ज किया गया। उन्हें पूछताछ के लिए बुलाने का मुख्य कारण यह था कि वे उस इवेंट का हिस्सा थीं, जिसके जरिए यह घोटाला जनता के सामने आया।
क्या है HPZ Token App ?
HPZ Token App एक मोबाइल ऐप था जो उपयोगकर्ताओं को बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसी में निवेश पर ऊँचे मुनाफे का वादा करता था। लेकिन, यह एक धोखाधड़ी निकला जिसने निवेशकों को बड़ी वापसी का लालच देकर ठग लिया। इस ऐप को मनी लॉन्ड्रिंग की जाँच से जोड़ा गया है और इस मामले में कई लोगों, जिसमें अभिनेत्री तमन्ना भाटिया भी शामिल हैं, से पूछताछ की गई है।
क्या है HPZ Token App घोटाला?
HPZ Token App एक ऐसे ऐप के रूप में सामने आया, जिसने निवेशकों को बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसी के जरिए भारी मुनाफे का लालच दिया। शुरुआत में निवेशकों को थोड़ा मुनाफा दिखाया गया, लेकिन जल्द ही यह घोटाला बन गया। कुल 299 कंपनियां इस मामले में ED के रडार पर हैं, जिनमें से 76 चीनी कंपनियां हैं, जिनके 10 चीनी मूल के निदेशक भी शामिल हैं।
इस केस की शुरुआत तब हुई, जब कोहिमा पुलिस की साइबर क्राइम यूनिट ने एक शिकायत दर्ज की। निवेशकों को बड़े रिटर्न का वादा कर उनके साथ धोखाधड़ी की गई। चीनी कंपनियों और विदेशी नागरिकों द्वारा संचालित इन कंपनियों ने बैंक खाते और मर्चेंट आईडी का इस्तेमाल कर बड़े स्तर पर फर्जीवाड़ा किया। इस केस में कई फर्जी निदेशकों को भी गिरफ्तार किया गया है, जिन्होंने कई नकली कंपनियों के जरिए लोगों को ठगा।
कितना बड़ा है घोटाला?
ED ने इस मामले में देशभर में छापेमारी कर अब तक 455 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियों और जमा राशि को जब्त किया है। इस मनी लॉन्ड्रिंग के खेल में फर्जी कंपनियों के जरिए बड़े पैमाने पर पैसे का हेरफेर किया गया।
ED की कार्रवाई और भविष्य की दिशा
इस केस में ED ने मार्च में आरोप पत्र दाखिल किया, जिसमें 299 कंपनियों को आरोपी बताया गया है। ED की जांच में सामने आया कि इन कंपनियों के चीनी नागरिकों के साथ संबंध हैं और ये कंपनियां भारत में फर्जी तरीकों से काम कर रही थीं। इनके जरिए लाखों निवेशकों से करोड़ों रुपये की ठगी की गई।
तमन्ना भाटिया का इस घोटाले में सीधा जुड़ाव नहीं है, लेकिन उनके कार्यक्रम में शामिल होने से यह मामला और भी दिलचस्प हो गया है।
तमन्ना भाटिया का बयान
ED की पूछताछ के बाद तमन्ना ने मीडिया के सामने कहा कि उन्होंने उस कार्यक्रम में बतौर सेलिब्रिटी हिस्सा लिया था, लेकिन उन्हें इस घोटाले के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। उनका कहना है कि वे कानून का सम्मान करती हैं और ED की जांच में पूरी तरह सहयोग करेंगी।
आजकल साइबर अपराधी और फर्जी कंपनियां बड़े-बड़े घोटाले कर रही हैं। ऐसे में किसी भी तरह के निवेश से पहले उसकी प्रमाणिकता की जांच करना बेहद जरूरी है। HPZ Token App के मामले ने एक बार फिर साबित कर दिया कि बिना जांच-पड़ताल के कहीं भी पैसा लगाना कितना खतरनाक हो सकता है।
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