Saraikela Thief : नाबालिग शातिर चोर पकड़ा गया, बचपन से दे चुका है दर्जनों वारदातों को अंजाम!
सरायकेला में शातिर नाबालिग चोर पकड़ा गया! 12 साल की उम्र से चोरी कर चुका है दर्जनों वारदातें, जानें कैसे पुलिस ने पकड़ा और आगे क्या होगा?
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सरायकेला: झारखंड के सरायकेला में एक नाबालिग चोर को पुलिस ने हिरासत में लिया है, जो सबमर्सिबल मोटर के तार जलाकर तांबा निकालने की कोशिश कर रहा था। इस शातिर चोर की उम्र भले ही कम हो, लेकिन इसके अपराधों की फेहरिस्त लंबी है।
कैसे पकड़ा गया चोर?
शुक्रवार सुबह सरायकेला थाना क्षेत्र में गौ पालन व्यवसायी राजेश साहू के बगान में धुआं उठता देख कर्मचारियों को शक हुआ।
- जब कर्मचारी वहां पहुंचे तो एक नाबालिग लड़का तार जलाकर तांबा निकालने की कोशिश कर रहा था।
- कर्मचारियों को देखते ही वह भागने लगा, लेकिन उसे दौड़ाकर पकड़ लिया गया और पुलिस के हवाले कर दिया।
- पुलिस अब उससे पूछताछ कर आगे की जांच में जुट गई है।
बचपन से ही शातिर, कई बार जा चुका है बाल सुधार गृह!
जानकारी के मुताबिक, यह नाबालिग महज 12 साल की उम्र से चोरी की वारदातों को अंजाम दे रहा है।
- अब तक चार बार बाल सुधार गृह भेजा जा चुका है, लेकिन हर बार बाहर आकर फिर से चोरी शुरू कर देता है।
- सरायकेला नगर क्षेत्र के चार ज्वेलरी दुकानों के ताले तोड़कर करीब 15 लाख रुपये के जेवरात की चोरी में भी शामिल रह चुका है।
- इलेक्ट्रॉनिक दुकान, मिठाई की दुकान, मंदिर की दान पेटी और बाइक चोरी जैसे कई मामलों में इसका नाम आ चुका है।
क्या है इसके चोरी का तरीका?
- चोरी करने के बाद यह तारों को जलाकर तांबा निकालता और उसे बेच देता था।
- दुकानों और घरों में खिड़की या छत के रास्ते घुसकर चोरी करता था।
- मंदिरों और दुकानों में रखे कैश बॉक्स के ताले तोड़ना इसकी खासियत बन चुकी थी।
सरायकेला में बढ़ती चोरी की घटनाएं!
सरायकेला में पिछले कुछ महीनों में चोरी की घटनाओं में तेजी आई है।
- व्यापारियों और स्थानीय लोगों ने सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं।
- कई इलाकों में सीसीटीवी कैमरे लगाने की मांग उठ रही है।
- पुलिस भी अब ऐसे मामलों में सख्ती बरतने की तैयारी कर रही है।
अब आगे क्या?
- पुलिस इस नाबालिग चोर से पिछले मामलों को लेकर भी पूछताछ करेगी।
- बाल सुधार गृह में भेजने के बजाय कोई ठोस सुधारात्मक कदम उठाने की जरूरत है, ताकि वह दोबारा अपराध की दुनिया में न लौटे।
- प्रशासन को भी बच्चों की देखरेख और उनके पुनर्वास पर ध्यान देना चाहिए, ताकि वे अपराध की राह छोड़ सकें।
पकड़े गए इस नाबालिग चोर की कहानी यह बताती है कि किस तरह कम उम्र के बच्चे अपराध के दलदल में फंस रहे हैं। यह मामला केवल एक चोरी का नहीं, बल्कि समाज और प्रशासन के लिए एक चेतावनी भी है कि नाबालिग अपराधियों को सही दिशा में लाने के लिए ठोस प्रयास किए जाने चाहिए। अब देखना होगा कि पुलिस और प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाते हैं।
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