Samrawata Violence: थप्पड़ कांड के बाद समर्थकों का हंगामा, 100 से अधिक गाड़ियों में आग, नरेश मीणा फरार
समरावता थप्पड़ कांड के बाद हंगामा, 100 से अधिक वाहनों में आग। पुलिस हिरासत से नरेश मीणा समर्थकों की मदद से फरार। इलाके में तनाव, इंटरनेट सेवा बंद।
टोंक, राजस्थान: राजस्थान के देवली-उनियारा विधानसभा क्षेत्र में थप्पड़ कांड से उपजा तनाव अब बेकाबू हो गया है। SDM पर थप्पड़ मारने के आरोप में हिरासत में लिए गए नरेश मीणा के समर्थकों ने सोमवार देर रात पुलिस पर पथराव कर भारी हंगामा कर दिया। पुलिस हिरासत से फरार होते हुए मीणा समर्थकों ने करीब 100 से अधिक गाड़ियों में आग लगा दी, जिसमें कार, बाइक और जीपें शामिल हैं। इलाके में आगजनी और हिंसा के बाद सुरक्षा के मद्देनजर इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है और समरावता गांव छावनी में बदल गया है।
थप्पड़ कांड से कैसे भड़की हिंसा?
यह घटना उस वक्त बढ़ी जब पुलिस ने नरेश मीणा को हिरासत में लिया। आरोप है कि पुलिस ने उनके समर्थकों द्वारा धरना स्थल पर भेजे गए खाने को रोका, जिसके विरोध में मीणा स्वयं पुलिस से बात करने पहुंचे थे। पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया, लेकिन मीणा के समर्थक पुलिस पर हमला कर उन्हें छुड़ाने में कामयाब रहे।
इसके बाद समरावता में हिंसा भड़क उठी, जिसमें रात भर उपद्रव चलता रहा और 100 से अधिक गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया। ग्रामीणों में अब भय का माहौल है और पुलिस की सख्ती से आम लोग डरे हुए हैं।
एक्स पर मीणा का जवाब: "न डरे थे, न डरेंगे"
घायल होने की खबरों के बीच, नरेश मीणा ने मंगलवार सुबह एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, "मैं ठीक हूं। न डरे थे, न डरेंगे।" इससे यह संकेत मिलता है कि मीणा अपने अगले कदम की रणनीति बना रहे हैं। उनके इस पोस्ट के बाद समर्थकों का मनोबल और बढ़ा हुआ नजर आ रहा है, लेकिन पुलिस प्रशासन ने पूरे इलाके में सख्त कदम उठाने का फैसला किया है।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की प्रतिक्रिया
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने इस मामले में सख्त रुख अपनाते हुए पुलिस महानिदेशक यू आर साहू को कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने घटनास्थल का जायजा लिया और जलदाय विभाग के मंत्री कन्हैयालाल मीणा से भी बात की। सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस मुख्यालय ने STF और RAC की तीन अतिरिक्त कंपनियों को तैनात करने का आदेश दिया है। जयपुर से अतिरिक्त पुलिस बल भेजा गया है और ADG लॉ एंड ऑर्डर विशाल बंसल ने पूरे मामले की मॉनिटरिंग अपने हाथ में ले ली है।
डॉ. किरोड़ीलाल मीणा की अपील
समाजवादी नेता डॉ. किरोड़ीलाल मीणा भी मामले में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने समरावता पहुंचे। उन्होंने एक्स पर एक ट्वीट में लिखा, "समरावता गांव के प्रकरण को लेकर मैंने पुलिस महानिदेशक एवं टोंक जिला कलेक्टर से बात कर स्थिति का जायजा लिया है। आप सभी से मेरी अपील है कि शांति और धैर्य बनाए रखें।" डॉ. किरोड़ीलाल का यह बयान तनाव कम करने का प्रयास है, परंतु ग्रामीणों में असुरक्षा और भय का माहौल बरकरार है।
पुलिस ने 60 संदिग्धों को लिया हिरासत में
पुलिस ने हिंसा में संलिप्त होने के शक में करीब 60 लोगों को हिरासत में लिया है। ADG विशाल बंसल के अनुसार, आगजनी और हिंसा में शामिल सभी संदिग्धों की पहचान की जा रही है। मुख्य आरोपी नरेश मीणा की गिरफ्तारी के लिए विशेष टीमों का गठन किया गया है, और उसकी लोकेशन ट्रेस की जा रही है। पुलिस ने साफ किया कि हिंसा फैलाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा और जल्द ही मुख्य आरोपियों की गिरफ्तारी सुनिश्चित की जाएगी।
ग्रामीणों में डर का माहौल
समरावता गांव के लोगों का कहना है कि पुलिस की इस कार्रवाई के बाद गांव में तनाव बढ़ गया है। कई ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने उनके परिवार के युवाओं को बिना किसी कारण हिरासत में ले लिया है। लोगों का कहना है कि इस पूरे मामले में आम ग्रामीणों का कोई कसूर नहीं है, फिर भी उन्हें भय और असुरक्षा के माहौल का सामना करना पड़ रहा है।
आगे क्या?
मौजूदा स्थिति को देखते हुए सवाल उठता है कि क्या पुलिस प्रशासन और सरकार इस मामले को शांत कर पाएगी। मीणा समर्थकों का उग्र प्रदर्शन और ग्रामीणों में फैले डर को देखते हुए प्रशासन के लिए चुनौती बड़ी है। नरेश मीणा की फरारी और समर्थकों की आक्रामकता ने मामले को और गंभीर बना दिया है।
समरावता में इंटरनेट सेवा अब तक बंद है और गांव में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात है। प्रशासन और पुलिस का कहना है कि स्थिति पर जल्द ही नियंत्रण पा लिया जाएगा, लेकिन स्थानीय ग्रामीणों का डर अभी बरकरार है।
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