Sakchi Protest: हिंदुओं पर बांग्लादेश में अत्याचार को लेकर प्रदर्शन तेज

जमशेदपुर के साकची गोलचक्कर में हिंदूवादी नेताओं ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ प्रदर्शन किया। प्रधानमंत्री मोहम्मद यूनुस का पुतला दहन और तीखा विरोध।

Dec 2, 2024 - 20:40
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Sakchi Protest: हिंदुओं पर बांग्लादेश में अत्याचार को लेकर प्रदर्शन तेज
Sakchi Protest: हिंदुओं पर बांग्लादेश में अत्याचार को लेकर प्रदर्शन तेज

जमशेदपुर, 2 दिसंबर 2024: शहर के साकची गोलचक्कर पर सोमवार शाम हिंदूवादी संगठनों का उग्र प्रदर्शन देखने को मिला। सैकड़ों हिंदूवादी कार्यकर्ताओं ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ अपना आक्रोश व्यक्त किया। प्रदर्शन का नेतृत्व ललन चौहान, द्वीपल विश्वास, बालवीर मंडल, और अमित अग्रवाल जैसे प्रमुख हिंदूवादी नेताओं ने किया।

आक्रोश की आग में जला पुतला

प्रदर्शनकारियों ने बांग्लादेश के प्रधानमंत्री मोहम्मद यूनुस का पुतला दहन कर अपना विरोध दर्ज किया। बांग्लादेश का झंडा जलाने और "जय श्री राम" के नारे लगाते हुए उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार को अब और बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

क्या है मामला?

बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हिंसा और धार्मिक उत्पीड़न की घटनाएं नई नहीं हैं। स्वतंत्रता के समय से ही वहां हिंदुओं की संख्या में गिरावट देखी गई है। वर्ष 1947 में बांग्लादेश (तब का पूर्वी पाकिस्तान) में हिंदू समुदाय की आबादी लगभग 28% थी, जो अब घटकर 8% से भी कम रह गई है।
पिछले कुछ वर्षों में, बांग्लादेश में दुर्गा पूजा पंडालों पर हमले, मंदिरों को तोड़ा जाना और हिंदू परिवारों की संपत्तियों पर कब्जे जैसी घटनाओं ने भारत में भी आक्रोश पैदा किया है।

भारत सरकार पर उठे सवाल

प्रदर्शनकारियों ने केंद्र सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि भारत और बांग्लादेश के बीच जारी सौहार्दपूर्ण संबंधों के बावजूद, वहां के हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं।
कार्यक्रम में वक्ताओं ने मांग की कि भारत सरकार बांग्लादेश के साथ कूटनीतिक संबंध पर पुनर्विचार करे। उन्होंने कहा कि यदि यह अत्याचार बंद नहीं हुआ तो हिंदूवादी संगठन देशव्यापी आंदोलन शुरू करेंगे।

हिंदू संगठनों की एकजुटता

इस विरोध प्रदर्शन में भाजपा के कदम मंडल अध्यक्ष अजीत सिंह उर्फ भीम सिंह, रणजीत आइच, विश्वजीत सिंह, ऋषभ, और राजू झा सहित कई प्रमुख नेता शामिल हुए।
कोल्हान विभाग की मातृशक्ति प्रमुख चंदना बनर्जी, दुर्गा वाहिनी की उपासना दत्त, और स्नेह भट्टाचार्य ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।

सकारात्मक कदम या उग्र आंदोलन?

हिंदूवादी नेताओं ने स्पष्ट कर दिया कि यदि भारत सरकार ने जल्द ही कोई ठोस कार्रवाई नहीं की, तो एक बड़ा आंदोलन किया जाएगा। उन्होंने कहा,
"हमारी सहिष्णुता को हमारी कमजोरी न समझा जाए। हिंदुओं के सम्मान की रक्षा के लिए हर संभव कदम उठाए जाएंगे।"

साकची गोलचक्कर: आंदोलन का केंद्र

जमशेदपुर का साकची गोलचक्कर न केवल यातायात का प्रमुख केंद्र है, बल्कि यह शहर में राजनीतिक और सामाजिक आंदोलनों का मुख्य मंच भी बन चुका है। पहले भी यहां बड़े आंदोलन हुए हैं, जो राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर चर्चित रहे हैं।

जनता की प्रतिक्रिया

प्रदर्शन में शामिल सनातनी कार्यकर्ताओं ने एकजुटता का प्रदर्शन किया। स्थानीय लोगों ने भी इस विरोध को अपना समर्थन दिया।
कार्यक्रम में शामिल कार्यकर्ता सौपा दास, राजन नायक, तापस सरकार, प्रणब दास, और लाली दीक्षित ने कहा कि यह प्रदर्शन हिंदू एकता का प्रतीक है।

यह प्रदर्शन केवल एक विरोध नहीं, बल्कि भारत के हिंदू समुदाय की बढ़ती चिंताओं और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए एक चेतावनी है। हिंदू संगठनों की बढ़ती सक्रियता इस बात का संकेत है कि धार्मिक उत्पीड़न को अब अनदेखा नहीं किया जाएगा।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।