दूसरी बार बाल्टी चुनाव चिन्ह मिलने से निर्दलीय प्रत्याशी सौरव विष्णु का हौसला बुलंद, राजनीति में स्वच्छता लाने का लिया संकल्प
झारखंड विधानसभा चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी सौरव विष्णु को पूर्वी विधानसभा क्षेत्र से दूसरी बार बाल्टी चुनाव चिन्ह मिला है। सौरव का कहना है कि वो इस चिन्ह के साथ राजनीति में स्वच्छता लाने के लिए कटिबद्ध हैं।
झारखंड में विधानसभा चुनाव का माहौल गरम है, और हर उम्मीदवार अपने-अपने एजेंडे और प्रतीकों के साथ मैदान में उतर रहा है। इस बीच, पूर्वी विधानसभा से निर्दलीय प्रत्याशी सौरव विष्णु को दुबारा बाल्टी का चुनाव चिन्ह मिलने से उनके समर्थकों में भारी उत्साह है। सौरव विष्णु का कहना है कि बाल्टी छाप ही उनका प्रतीक है, जिसे जनता ने लोकसभा चुनाव के दौरान हाथों-हाथ अपनाया था। उनका मानना है कि यह प्रतीक न केवल उनकी पहचान है बल्कि उनके उद्देश्य का प्रतीक भी बन चुका है।
सौरव ने इस पर कहा, “बाल्टी से गंदे पानी को बाहर फेंकने की तरह, मैं राजनीति से गंदगी को बाहर निकालने का प्रण लेकर चुनाव में उतरा हूँ। बाल्टी के इस प्रतीक के साथ, मैं एक साफ-सुथरी और जनता-हितैषी राजनीति की उम्मीद लेकर जनता के बीच जा रहा हूँ। मेरा उद्देश्य है कि मैं राजनीति के स्तर को ऊपर उठाऊं और अपने क्षेत्र की समस्याओं का समाधान करके एक नए राजनीतिक अध्याय की शुरुआत करूँ।”
बाल्टी चिन्ह: एक प्रतीक और उद्देश्य
सौरव विष्णु का यह दूसरा चुनाव है जिसमें उन्हें बाल्टी का चुनाव चिन्ह मिला है। इससे पहले उन्होंने संसदीय चुनाव में भी इसी प्रतीक के साथ भाग लिया था और उनके समर्थकों ने इसे उनके व्यक्तित्व का हिस्सा मान लिया। पिछले चुनाव में भी, विष्णु अक्सर बाल्टी लेकर अपने क्षेत्र में घूमते नजर आए थे, जिससे जनता से उनका गहरा संपर्क स्थापित हो सका था।
विष्णु का मानना है कि जनता के बीच इस प्रतीक की एक अलग पहचान बन चुकी है। “जनता मुझसे और इस चिन्ह से जुड़ चुकी है,” वे कहते हैं, “इस चिन्ह से मुझे मिल रही पहचान से मैं बेहद खुश हूँ, और इसे देखकर लोगों में मेरे प्रति एक सकारात्मक सोच बनती है।”
परिवारवाद और भ्रष्टाचार से लड़ने का संकल्प
सौरव ने कहा कि उनकी राजनीति का उद्देश्य किसी परिवार विशेष या व्यक्तिगत लाभ नहीं है, बल्कि आम जनता के लिए काम करना और उनकी समस्याओं का समाधान करना है। उनका आरोप है कि वर्तमान राजनीति में पार्टियां जनता की समस्याओं से कट चुकी हैं और सिर्फ अपने लाभ को बढ़ाने में लगी हैं। वे कहते हैं, “मौजूदा राजनीतिक ढांचे में परिवारवाद और लूट की संस्कृति हावी है। राजनीति में परिवारवाद और लूटवाद से ऊपर उठकर, मैं आम जनता के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, और रोजगार की सुविधा सुनिश्चित करने का प्रयास करूंगा।”
“बच्चों के भविष्य का सोचें और वोट डालें”
विष्णु का कहना है कि इस चुनाव में जनता से उनका आग्रह है कि वे वोट डालने से पहले अपने बच्चों और उनके भविष्य का जरूर सोचें। उनका मानना है कि यही सही समय है जब जनता अपने वोट से एक ईमानदार और सच्चे नेता का चयन कर सकती है जो उनके हित में काम करेगा। वे जनता से अपील करते हैं, “अपने बच्चों का भविष्य और समाज के प्रति आपकी जिम्मेदारी को ध्यान में रखते हुए वोट डालें। यही सही समय है, जब बदलाव की शुरुआत की जा सकती है।”
चुनाव चिन्ह पर जनता का उत्साह और दीवाली की शुभकामनाएं
सौरव विष्णु के समर्थकों में उनके प्रतीक चिन्ह को लेकर भारी उत्साह है। क्षेत्र की जनता का कहना है कि वे चुनाव के दिन बाल्टी को ही अपनी पहली पसंद बनाएंगे। चुनाव चिन्ह बाल्टी से सौरव ने अपने क्षेत्र में एक उम्मीद की लहर पैदा की है।
दीवाली के मौके पर उन्होंने सभी समर्थकों और क्षेत्रवासियों को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं भी दी हैं। उन्होंने अपने संदेश में कहा, “दीपावली की इस पावन बेला पर मैं अपने सभी समर्थकों और उनके परिवारों की सुख-समृद्धि की कामना करता हूँ। ईश्वर आप सभी की ज़िन्दगी खुशियों से भर दे।”
इस चुनाव में बाल्टी के इस प्रतीक चिन्ह के साथ सौरव विष्णु जनता को एक नई उम्मीद देने का दावा कर रहे हैं।
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