Ranchi Fraud: मुंबई में चाऊमीन बेचते हुए पकड़ा गया रांची का ठग, 22 लाख रुपये की ठगी कर भागा था
रांची के ठग ने मुंबई में चाऊमीन बेचते हुए पुलिस से बचने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। जानिए कैसे हुआ 22 लाख रुपये की ठगी और आरोपी की गिरफ्तारी।
रांची: झारखंड की राजधानी रांची में साढ़े 22 लाख रुपये की धोखाधड़ी करने के बाद आरोपी रविंद्र राणा ने पुलिस से बचने के लिए मुंबई में चाऊमीन बेचने का नया रास्ता अपनाया। लेकिन रांची पुलिस की टेक्निकल सेल की मुस्तैदी से आरोपी को मुंबई में ही गिरफ्तार कर लिया गया। यह घटना रांची के सुखदेव नगर इलाके की है, जहां आरोपी ने एक कारोबारी से बड़े पैमाने पर ठगी की थी।
कैसे हुई ठगी और आरोपी का फरार होना?
रांची के एक प्रतिष्ठित कारोबारी शैलेंद्र कुमार पाठक ने रविंद्र राणा के खिलाफ 22 लाख 50 हजार रुपये की धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया था। शैलेंद्र कुमार पाठक ने आरोपी से इलेक्ट्रिकल तार खरीदने के लिए पैसे दिए थे। लेकिन जब आरोपी ने तार नहीं दिए और काफी समय बाद पैसे की वापसी की मांग की, तो रविंद्र राणा ने उसे एक चेक दिया, जो बाद में बाउंस हो गया। इसके बाद आरोपी ने अपना मोबाइल भी बंद कर लिया और रांची से फरार हो गया।
रविंद्र राणा का मुंबई में चाऊमीन का कारोबार
ठगी के बाद रविंद्र राणा ने मुंबई में चाऊमीन की दुकान खोल ली थी। मुंबई में अपने नए कारोबार को लेकर वह पुलिस से बचने में कामयाब रहा था, लेकिन रांची पुलिस की टेक्निकल सेल ने उसकी गतिविधियों को ट्रैक किया। पुलिस को जैसे ही जानकारी मिली कि वह मुंबई में छिपा हुआ है, तो उन्होंने तुरंत कार्रवाई शुरू की।
पुलिस की मेहनत और आरोपी की गिरफ्तारी
रांची पुलिस ने टेक्निकल सेल के माध्यम से आरोपी रविंद्र राणा के मुंबई में होने की पुष्टि की। इसके बाद सुखदेव नगर थाना की टीम मुंबई पहुंची और आरोपी को उसकी चाऊमीन की दुकान से गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने बताया कि आरोपी ने मुंबई जाने से पहले बिहार के गया और झारखंड के बोकारो में भी पनाह ली थी, लेकिन वहां पुलिस की कार्रवाई से वह चकमा देकर भाग निकला।
ठगी के मामले की बढ़ती जटिलता
रविंद्र राणा की गिरफ्तारी से पहले रांची पुलिस के लिए यह केस चुनौतीपूर्ण बन चुका था। आरोपी के बार-बार स्थान बदलने और पुलिस को धोखा देने के प्रयासों ने मामले को और भी जटिल बना दिया था। लेकिन पुलिस ने अपनी टेक्निकल सेल की मदद से उसे अंततः गिरफ्तार किया और रांची लाकर जेल भेज दिया।
क्या है इस प्रकार की ठगी की बढ़ती घटनाओं के पीछे का कारण?
यह मामला सिर्फ एक व्यक्ति की धोखाधड़ी नहीं, बल्कि झारखंड में इस प्रकार की ठगी की बढ़ती घटनाओं को भी उजागर करता है। बढ़ते आर्थिक अपराधों और ठगी के मामलों में पुलिस की सतर्कता और जांच की प्रक्रिया को और भी तेज़ करने की आवश्यकता महसूस हो रही है। यह घटना यह भी बताती है कि अपराधी अब अपनी पहचान छिपाने के लिए विभिन्न स्थानों पर भाग जाते हैं, और पुलिस को भी उन्हें ट्रैक करने में कठिनाई होती है।
ठगी और आर्थिक अपराधों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की आवश्यकता
रविंद्र राणा की गिरफ्तारी के बाद स्थानीय लोगों ने ठगी और आर्थिक अपराधों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। शैलेंद्र कुमार पाठक की तरह हजारों लोग ऐसे अपराधियों का शिकार बन चुके हैं, जो फर्जी व्यवसायों के तहत ठगी करते हैं। पुलिस और प्रशासन को इस पर और अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हो।
What's Your Reaction?