Ranchi Demolition: 6 घंटे गरजा बुलडोजर, 60 से ज्यादा मकान और दुकान ढहे
रांची के एचईसी इलाके में 6 घंटे चली बुलडोजर कार्रवाई में 60 से ज्यादा मकान और दुकानों को ध्वस्त किया गया। प्रशासन ने पूर्व में नोटिस देकर हटाने की अपील की थी।
झारखंड की राजधानी रांची में रविवार को अतिक्रमण के खिलाफ प्रशासन ने बड़ा कदम उठाते हुए एचईसी (हैवी इंजीनियरिंग कॉरपोरेशन) की जमीन से अवैध निर्माण को हटाने का अभियान चलाया। सुबह 11 बजे से शुरू हुई यह कार्रवाई शाम 5 बजे तक चली, जिसमें 60 से ज्यादा मकान और दुकानों को गिरा दिया गया।
कैसे हुआ यह अभियान?
एचईसी के मुख्य प्रवेश द्वार से लेकर डिबडीह रोड और भुसूर कटिंग तक बुलडोजर की गड़गड़ाहट सुनाई देती रही। जिला प्रशासन, एचईसी प्रबंधन और पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में अवैध निर्माण को ध्वस्त करते हुए चेतावनी दी गई कि दोबारा निर्माण हुआ तो और सख्त कदम उठाए जाएंगे।
लोगों का गुस्सा और प्रशासन का संयम
जैसे ही बुलडोजर ने मकानों को गिराना शुरू किया, लोगों में भगदड़ मच गई। कई महिलाओं ने अपने परिवारों की दुर्दशा का हवाला देकर कार्रवाई रोकने की कोशिश की।
आक्रोशित लोगों ने बुजुर्ग, बीमार और मवेशियों की दुहाई देते हुए कुछ समय मांगा। महिलाओं और बच्चों को रोता देख प्रशासन ने भी मानवीयता का परिचय देते हुए कुछ को अपना सामान हटाने के लिए दो दिन का समय दिया।
अतिक्रमण पर प्रशासन क्यों हुआ सख्त?
एचईसी प्रबंधन ने बताया कि अवैध निर्माणकारियों को पहले से ही नोटिस जारी किया गया था। जगह खाली करने के लिए साउंड सिस्टम से भी घोषणाएं की गई थीं।
इसके बावजूद लोग नहीं हटे, जिसके बाद प्रशासन ने यह सख्त कदम उठाया। सदर एसडीओ के निर्देश पर यह अभियान चलाया गया, जिसमें अंचलाधिकारी सुमन सौरभ और एचईसी प्रबंधन के आरके झा ने नेतृत्व किया।
भविष्य की योजना
प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि अतिक्रमण हटाने की यह प्रक्रिया यहीं खत्म नहीं होगी। दूसरे चरण में जल्द ही बाकी अवैध निर्माण को हटाने की योजना बनाई गई है।
लोगों के लिए क्या संदेश?
इस घटना से साफ है कि प्रशासन अब अतिक्रमण को बर्दाश्त नहीं करेगा। यह कदम न केवल सरकारी जमीन को खाली कराने की दिशा में उठाया गया है, बल्कि शहर को सुव्यवस्थित बनाने का भी प्रयास है।
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