Rajkot Fire: बहुमंजिला बिल्डिंग में भीषण आग! 3 की मौत, कई लोग फंसे, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
राजकोट में बहुमंजिला इमारत में भीषण आग, तीन की मौत, कई लोग झुलसे। जानिए हादसे की पूरी डिटेल और आग से बचाव के जरूरी उपाय।

राजकोट: गुजरात के राजकोट में रविवार देर रात एक बहुमंजिला इमारत में अचानक भीषण आग लग गई, जिससे इलाके में हड़कंप मच गया। जानकारी के मुताबिक, यह आग किशोर भाई भलाला के फ्लैट में लगी थी और तेजी से पूरी बिल्डिंग में फैल गई। हादसे में एक फायरकर्मी समेत तीन लोगों की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि कई अन्य झुलस गए।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, आग इतनी तेजी से फैली कि ऊपरी मंजिलों पर मौजूद लोग फंस गए। फायर ब्रिगेड की टीम ने मौके पर पहुंचकर क्रेन और सीढ़ियों की मदद से लोगों को बाहर निकाला, लेकिन कई लोग अभी भी फंसे होने की आशंका जताई जा रही है। आग से उठे धुएं के गुबार ने पूरे इलाके को घेर लिया, जिससे वहां अफरा-तफरी का माहौल बन गया।
शॉर्ट सर्किट बनी आग की वजह!
प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि आग लगने की वजह शॉर्ट सर्किट थी। राजकोट पुलिस के एसीपी विजय चौधरी के अनुसार, आग लगते ही इमारत में करीब 30 लोग फंस गए थे। दमकल विभाग और पुलिस ने तुरंत राहत कार्य शुरू किया और अधिकतर लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया। लेकिन इस हादसे में तीन लोगों की जान चली गई, जबकि झुलसे हुए कई अन्य लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
फर्नीचर के काम के दौरान लगी आग?
सूत्रों के मुताबिक, जिस जगह पर आग लगी, वहां फर्नीचर का काम चल रहा था। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि किसी इलेक्ट्रिक उपकरण या अन्य वजह से चिंगारी भड़की और धीरे-धीरे आग ने विकराल रूप ले लिया। दमकल विभाग ने पूरी बिल्डिंग की तलाशी लेने के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा कर लिया है, लेकिन अब भी पूरे मामले की गहन जांच जारी है।
घटनास्थल पर पहुंचे बड़े नेता
इस हादसे के बाद स्थानीय प्रशासन हरकत में आ गया। मौके पर बीजेपी नेता भरत बोगरा और विधायक डॉ. दर्शिता शाह पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने दमकल कर्मियों के प्रयासों की सराहना की और राहत कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए।
क्या कहता है इतिहास? राजकोट में पहले भी लगी है भीषण आग
राजकोट में इस तरह की घटनाएं कोई नई नहीं हैं। इससे पहले भी 2019 में एक व्यावसायिक इमारत में आग लगी थी, जिसमें कई दुकानें जलकर खाक हो गई थीं। वहीं, 2021 में एक अस्पताल में लगी आग में 5 मरीजों की दर्दनाक मौत हो गई थी। इसके बावजूद आग से बचाव के पुख्ता इंतजाम न किए जाने पर सवाल उठ रहे हैं।
सरकार से क्या है उम्मीदें?
इस घटना ने एक बार फिर से इमारतों में सुरक्षा मानकों की पोल खोल दी है। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसी दुर्घटनाओं से बचने के लिए फायर सेफ्टी ऑडिट को अनिवार्य किया जाना चाहिए और इमारतों में फायर अलार्म और आपातकालीन निकासी मार्गों को दुरुस्त रखना चाहिए।
आग से बचाव के लिए क्या करें?
विशेषज्ञों के अनुसार, आग से बचाव के लिए इन बातों का ध्यान रखना जरूरी है:
- इलेक्ट्रिक वायरिंग की नियमित जांच कराएं।
- फायर एक्सटिंग्विशर और फायर अलार्म हमेशा तैयार रखें।
- किसी भी प्रकार की संभावित आग की स्थिति में तुरंत दमकल विभाग को सूचना दें।
- इमारत में आपातकालीन निकासी मार्ग हमेशा खुला और स्पष्ट होना चाहिए।
राजकोट की यह आग एक बड़ा सबक है कि आग से बचाव के इंतजाम हर जगह अनिवार्य रूप से किए जाने चाहिए। तीन जानें जाने के बाद प्रशासन हरकत में आया है, लेकिन सवाल यह है कि क्या आने वाले समय में ऐसी घटनाओं को रोका जा सकेगा?
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