Patna Accident Tragedy: बिहटा में ट्रक-ऑटो टक्कर, 4 स्कूली बच्चों समेत 5 की मौत

पटना के बिहटा में भीषण सड़क हादसे में 4 स्कूली बच्चों समेत 5 की मौत। आक्रोशित ग्रामीणों ने ट्रक को आग लगाई और सड़क जाम कर दिया। जानें पूरी घटना।

Nov 22, 2024 - 18:26
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Patna Accident Tragedy: बिहटा में ट्रक-ऑटो टक्कर, 4 स्कूली बच्चों समेत 5 की मौत
Patna Accident Tragedy: बिहटा में ट्रक-ऑटो टक्कर, 4 स्कूली बच्चों समेत 5 की मौत

पटना, बिहार: बिहार की राजधानी पटना से सटे बिहटा में गुरुवार को एक दिल दहला देने वाला सड़क हादसा हुआ, जिसमें 4 स्कूली बच्चों समेत 5 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। इस हादसे में 6 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। हादसे का मुख्य कारण एक तेज रफ्तार बालू लदा ट्रक बना, जिसने सामने से आ रही ऑटो को जोरदार टक्कर मार दी।

कैसे हुआ हादसा?

यह दुर्घटना बिहटा के विष्णुपुरा गांव के पास हुई। ऑटो में 12 लोग सवार थे, जिनमें अधिकतर स्कूली बच्चे थे। घटना के समय बालू लदा ट्रक तेज रफ्तार में था और उसने सीधे ऑटो को टक्कर मार दी।
टक्कर इतनी जोरदार थी कि ऑटो के परखच्चे उड़ गए। हादसे के बाद ट्रक ड्राइवर मौके से फरार हो गया।

मृतकों और घायलों की स्थिति

घटना में 4 स्कूली बच्चों और एक अन्य व्यक्ति की मौके पर ही मौत हो गई। ऑटो चालक की हालत गंभीर बताई जा रही है। सभी मृतक विशनपुरा गांव के निवासी थे।

ग्रामीणों का गुस्सा और पुलिस पर आरोप

घटना के बाद स्थानीय ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा। उन्होंने दुर्घटनाग्रस्त ट्रक में तोड़फोड़ की और उसे आग के हवाले कर दिया।
ग्रामीणों ने कहा कि "पुलिस की लापरवाही के कारण" यह हादसा हुआ है। उनका आरोप था कि पुलिस पैसे लेकर नो-एंट्री वाले समय में भी ट्रकों को सड़क पर चलने देती है, जिससे ऐसे हादसे बढ़ रहे हैं।

सड़क जाम और पुलिस की कार्रवाई

घटना के बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने सड़क जाम कर दी। स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची और लोगों को समझाने की कोशिश की, लेकिन ग्रामीण नहीं माने।
स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए आसपास के थानों से अतिरिक्त पुलिस बल बुलाया गया।

बिहार में बढ़ते सड़क हादसे: एक गंभीर समस्या

बिहार में सड़क हादसों का बढ़ना चिंता का विषय बन गया है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के अनुसार, बिहार में हर साल सैकड़ों लोग सड़क दुर्घटनाओं में अपनी जान गंवाते हैं।
तेज रफ्तार, खराब सड़कें और ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन इन हादसों के मुख्य कारण हैं।

नो-एंट्री नियम का उल्लंघन और पुलिस की भूमिका

ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिस की मिलीभगत से नो-एंट्री वाले क्षेत्रों में भी भारी वाहन चलते हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार, ऐसे हादसे रोकने के लिए नियमों का सख्ती से पालन जरूरी है।

  1. स्पीड चेकिंग अभियान: तेज रफ्तार वाहनों पर निगरानी रखी जाए।
  2. नो-एंट्री का कड़ाई से पालन: नो-एंट्री में भारी वाहनों को प्रतिबंधित किया जाए।
  3. ग्रामीण जागरूकता: सड़क सुरक्षा के प्रति लोगों को जागरूक करना जरूरी है।

हादसे से सबक

बिहटा का यह हादसा सड़क सुरक्षा और पुलिस की जिम्मेदारी को लेकर कई सवाल खड़े करता है। इस त्रासदी ने 5 जिंदगियां छीन लीं और दर्जनों परिवारों को शोक में डाल दिया।
आने वाले समय में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सरकार और प्रशासन को ठोस कदम उठाने की जरूरत है।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।