मॉनसून की विदाई के बाद उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड की संभावना: IMD का अलर्ट

IMD का अनुमान है कि अक्टूबर-नवंबर में ला नीना एक्टिव हो सकता है, जिससे इस साल उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड पड़ने की संभावना है। जानें पूरी जानकारी।

Oct 2, 2024 - 15:27
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मॉनसून की विदाई के बाद उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड की संभावना: IMD का अलर्ट
मॉनसून की विदाई के बाद उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड की संभावना: IMD का अलर्ट

नई दिल्ली, 2 अक्टूबर:
भारत में मॉनसून की विदाई अब करीब है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) का कहना है कि 15 अक्टूबर तक मॉनसून पूरी तरह से देश से जा चुका होगा। इस साल मॉनसून ने सामान्य से 8% अधिक बारिश दी है, जो देश के कई हिस्सों में ज्यादा रही है।

मौसम विभाग ने यह भी बताया है कि इस साल कड़ाके की ठंड पड़ने की पूरी संभावना है। उत्तर भारत, खासकर दिल्ली-एनसीआर और आसपास के क्षेत्रों में ठंड ज्यादा तीव्र हो सकती है। IMD के अनुसार, इसका मुख्य कारण अक्टूबर-नवंबर के दौरान ला नीना का सक्रिय होना है।

ला नीना एक प्राकृतिक जलवायु घटना है, जिसमें समुद्र की सतह का तापमान ठंडा हो जाता है। इस बार, 71% संभावना है कि अक्टूबर और नवंबर के बीच ला नीना सक्रिय हो सकता है। इससे उत्तर-पश्चिम भारत के तापमान में सामान्य से ज्यादा गिरावट आ सकती है।

ला नीना के प्रभाव से सर्दियों में तापमान में गिरावट होती है और ठंड ज्यादा तेज हो जाती है। इसके अलावा, सर्दियों के दौरान बारिश भी बढ़ने की संभावना रहती है। IMD ने बताया कि हालांकि ठंड कितनी पड़ेगी, इसका सटीक अनुमान नवंबर में ही लगाया जा सकेगा, लेकिन अभी के अनुमान से दिसंबर और जनवरी में कड़ाके की ठंड पड़ सकती है।

ला नीना और एल नीनो को संयुक्त रूप से एल नीनो दक्षिणी दोलन (ENSO) कहा जाता है। ये दोनों घटनाएं वैश्विक मौसम को बहुत प्रभावित करती हैं। भारत में ला नीना का असर अधिक ठंड और ज्यादा सर्दी के रूप में दिख सकता है, विशेष रूप से उत्तर भारत में।

इस साल पहले ही भीषण गर्मी और अधिक बारिश देखने के बाद, ठंड के इस अनुमान ने लोगों को सतर्क कर दिया है। IMD ने सलाह दी है कि लोग ठंड से बचने की तैयारी अभी से शुरू कर दें, ताकि आने वाली कड़ाके की सर्दी में कोई परेशानी न हो।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।