Jamshedpur Noel Tata Family - नोएल टाटा की परिवार में बढ़ी ताकत, जानिए उनके परिवार की ताजातरीन नियुक्तियां!
नोएल टाटा की दोनों बेटियों माया और लीह टाटा को टाटा ट्रस्ट में महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्त किया गया। यह बदलाव कैसे टाटा समूह को प्रभावित करेगा? जानें इस रिपोर्ट में!
जमशेदपुर: टाटा समूह में अपनी मजबूत पकड़ बना चुके नोएल टाटा के प्रभाव में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। ताजातरीन कदम के रूप में, नोएल टाटा की दोनों बेटियों, माया और लीह टाटा, को सर रतन टाटा इंडस्ट्रियल इंस्टीट्यूट (SRTII) के ट्रस्टी बोर्ड में शामिल किया गया है। यह नियुक्तियां टाटा ट्रस्ट ग्रुप के एक महत्वपूर्ण हिस्से के रूप में की गई हैं, जो कि टाटा संस की होल्डिंग कंपनी है।
क्या हैं ये ताजातरीन नियुक्तियां?
इस नियुक्ति के साथ, माया और लीह टाटा ने अनार्ज कोटवाल और फ्रेडी तलाटी की जगह ली है, जिन्होंने व्यक्तिगत कारणों से अपने पदों से इस्तीफा दे दिया था। अब, नोएल टाटा के परिवार के सदस्य समूह के महत्वपूर्ण ट्रस्टों और संस्थानों में अपनी भूमिका में और बढ़ोतरी करते हुए दिखाई दे रहे हैं। इससे नोएल टाटा की ताकत और भी अधिक मजबूत हो गई है।
नोएल टाटा के दोनों बच्चों ने सर रतन टाटा ट्रस्ट एंड एलाइड ट्रस्ट और सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट सहित अन्य छोटे ट्रस्टों में भी अपनी जगह बना ली है। इस कदम के साथ, टाटा समूह के प्रमुख संस्थानों और ट्रस्टों पर अब नोएल टाटा का नियंत्रण और अधिक मजबूत हो गया है।
नोएल टाटा का परिवार: ताकत का नया समीकरण
नोएल टाटा के तीन बच्चे हैं: माया और लीह टाटा, और उनके एक बेटा नेविले टाटा भी हैं। नेविले टाटा की शादी किरलोस्कर समूह के मालिक की बेटी मानसी से हुई है, और उन्हें दो बच्चे हैं - जमशेद टाटा और टियाना टाटा।
रतन टाटा के निधन के बाद का बदलाव
रतन टाटा के निधन के बाद, नोएल टाटा को टाटा ट्रस्ट का नया चेयरमैन नियुक्त किया गया था। यह बदलाव टाटा समूह के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ था। रतन टाटा के निधन के बाद, नोएल टाटा को ट्रस्ट की जिम्मेदारी सौंपते हुए यह स्पष्ट किया गया कि वह अब टाटा ट्रस्ट के प्रमुख होंगे। नोएल टाटा और रतन टाटा के बीच एक खास संबंध था, क्योंकि नोएल टाटा रतन टाटा के सौतेले भाई थे, और उनके निधन के बाद वह ट्रस्ट के प्रमुख दावेदार के रूप में सामने आए थे।
9 अक्टूबर को रतन टाटा के निधन के बाद, नोएल टाटा को टाटा ट्रस्ट के चेयरमैन के तौर पर सर्वसम्मति से मंजूरी मिली।
क्या हैं आने वाले बदलाव?
इस नई नियुक्ति के साथ, नोएल टाटा और उनके परिवार का प्रभाव टाटा समूह के सभी बड़े ट्रस्टों और संस्थानों में बढ़ चुका है। यह बदलाव टाटा समूह के कार्यक्रमों और नीतियों में आने वाले समय में नई दिशा देने का संकेत है। अब तक, टाटा ट्रस्ट के भीतर जो कुछ बदलाव हुए हैं, वह समूह की आर्थिक और सामाजिक जिम्मेदारियों को और अधिक प्रभावी तरीके से निभाने की दिशा में महत्त्वपूर्ण साबित हो सकते हैं।
नोएल टाटा और उनकी रणनीतियाँ
नोएल टाटा को टाटा समूह में अपने मजबूत अनुभव और रणनीतिक दृष्टिकोण के लिए जाना जाता है। उनके नेतृत्व में, टाटा समूह ने न केवल भारत बल्कि वैश्विक स्तर पर भी अपनी पहचान बनाई है। अब, उनके परिवार के सदस्य जो टाटा समूह के ट्रस्टों में शामिल हो रहे हैं, वह इस साम्राज्य को और भी मजबूत बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं।
टाटा समूह की यह नई रणनीतिक दिशा और परिवार की भूमिका आने वाले समय में इस समूह के लिए एक नई ऊंचाई पर पहुंचने का रास्ता तैयार करेगी। नोएल टाटा के नेतृत्व में, यह समूह न केवल आर्थिक दृष्टि से मजबूत होगा, बल्कि सामाजिक जिम्मेदारी के मामले में भी अपनी भूमिका निभाने में सक्षम होगा। अब देखना यह होगा कि भविष्य में टाटा ट्रस्ट और अन्य संस्थानों में और कौन से परिवारिक बदलाव होते हैं।
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