New Delhi: नीट-यूजी परीक्षा का भविष्य क्या होगा? केंद्रीय मंत्री ने किया बड़ा खुलासा!
नई दिल्ली में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने नीट-यूजी परीक्षा के आयोजन को लेकर एक बड़ा बयान दिया है। पढ़ें, क्या होने वाला है नीट का भविष्य!v
नई दिल्ली, 17 दिसंबर 2024: केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने मंगलवार को एक बड़े बयान में कहा कि नीट-यूजी (राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा-स्नातक) का आयोजन अब पारंपरिक ‘पेन और पेपर मोड’ में किया जाएगा या फिर ऑनलाइन मोड में, इस पर शिक्षा और स्वास्थ्य मंत्रालय गंभीरता से विचार कर रहे हैं। इसके लिए जल्द ही एक फैसला लिया जाएगा, जिससे लाखों छात्रों की चिंता खत्म हो सकती है।
क्या बदलने वाला है नीट-यूजी परीक्षा का तरीका?
नीट-यूजी परीक्षा में हर साल लाखों छात्र अपनी किस्मत आजमाते हैं। हालांकि, परीक्षा के संचालन को लेकर कई सवाल उठते रहे हैं। वर्तमान में यह परीक्षा ऑफलाइन मोड यानी पेन और पेपर मोड में होती है, जहां उम्मीदवारों को ओएमआर शीट पर बहुविकल्पीय प्रश्नों के उत्तर देने होते हैं। लेकिन, केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने इस बात का खुलासा किया कि शिक्षा और स्वास्थ्य मंत्रालय इस पर विचार कर रहे हैं कि इसे ऑनलाइन मोड में बदल दिया जाए या नहीं।
केंद्रीय मंत्री का बयान: जल्द होगा फैसला
धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि इस विषय पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा की अध्यक्षता में दो दौर की बैठकें हो चुकी हैं। इसके बाद जल्द ही इस मुद्दे पर निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि अगर कोई बदलाव हुआ तो उसे 2025 से लागू किया जाएगा।
नीट 2024 में रिकॉर्ड 24 लाख से अधिक उम्मीदवारों ने परीक्षा दी थी, और अब इस फैसले के बाद सभी की निगाहें नीट का भविष्य जानने के लिए इस पर टिकी हैं।
क्या नीट परीक्षा में बदलाव जरूरी है?
नीट परीक्षा में बदलाव की बात लंबे समय से हो रही थी, लेकिन इस साल प्रश्नपत्र लीक विवाद के बाद इन बदलावों की प्रक्रिया को और तेज कर दिया गया है। केंद्रीय सरकार ने इस विवाद के मद्देनज़र एक समिति का गठन किया है, जिसकी अध्यक्षता भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के पूर्व प्रमुख आर. राधाकृष्णन कर रहे हैं। यह समिति नीट-यूजी परीक्षा में सुधार के लिए सिफारिशें करेगी, ताकि परीक्षा को और अधिक पारदर्शी और निष्पक्ष बनाया जा सके।
पारदर्शिता और निष्पक्षता की ओर कदम
यह बदलाव छात्रों के लिए बहुत मायने रखता है। स्मार्टफोन और इंटरनेट के जमाने में अगर परीक्षा ऑनलाइन होती है, तो छात्रों को इससे आसान पहुंच और बेहतर एक्सेस मिल सकता है। साथ ही, पारदर्शिता और निष्पक्षता की ओर बढ़ते हुए परीक्षा का संचालन किया जा सकता है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इस बात का आश्वासन दिया कि इस विषय पर सरकार जल्द निर्णय लेगी और इसे लागू किया जाएगा।
नीट-यूजी परीक्षा का प्रभाव
नीट-यूजी परीक्षा में बदलाव का सबसे बड़ा असर उन छात्रों पर होगा, जो इसे अपनी भविष्य की नींव मानते हैं। इस बदलाव से परीक्षाओं के तरीके में क्रांतिकारी सुधार आ सकते हैं, जिससे न केवल छात्रों को बेहतर अनुभव मिलेगा, बल्कि परीक्षा के प्रति उनका विश्वास भी मजबूत होगा।
नए सिस्टम के तहत, चाहे वह ऑनलाइन या ऑफलाइन हो, यह सुनिश्चित किया जाएगा कि परीक्षा का आयोजन सभी छात्रों के लिए समान रूप से पारदर्शी और निष्पक्ष हो।
क्या ऑनलाइन मोड बेहतर विकल्प हो सकता है?
ऑनलाइन मोड की ओर बढ़ने से छात्रों को लंबे इंतजार से मुक्ति मिल सकती है। वे अपने घर से ही परीक्षा दे सकते हैं, जिससे यात्रा खर्च और समय की बचत होगी। इसके अलावा, तकनीकी सुधार और स्मार्ट एग्जामिनेशन से छात्रों की ट्रांसपेरेंसी बढ़ेगी, जिससे परीक्षा के संचालन में किसी भी प्रकार की धांधली का खतरा कम होगा।
छात्रों के भविष्य के लिए अहम फैसला
नीट-यूजी परीक्षा के भविष्य के बारे में होने वाला निर्णय अब छात्रों के लिए सबसे बड़ी चर्चा का विषय बन चुका है। क्या यह परीक्षा ऑनलाइन मोड में होगी या फिर पारंपरिक तरीके से ही चलेगी? जल्द ही इस मामले में केंद्रीय सरकार एक महत्वपूर्ण फैसला लेने वाली है, जो 2025 से लागू होगा।
आपकी राय में, क्या नीट-यूजी परीक्षा को ऑनलाइन करना बेहतर होगा? नीचे कमेंट करें और हमें बताएं!
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