Nawada में तालाब से शव बरामद: चार दिन से लापता युवक की रहस्यमयी मौत
नवादा के डेरमा गांव के तालाब में चार दिन से लापता युवक का शव मिला। 30 वर्षीय धर्मेंद्र चौहान की मौत पर परिवार ने जांच की मांग की है। रहस्यमयी मौत से इलाके में सनसनी।
1 दिसंबर 2024 : नवादा जिले में एक सनसनीखेज घटना ने इलाके को हिला दिया है। नेमदारगंज थाना क्षेत्र के डेरमा गांव के तालाब से 30 वर्षीय युवक का शव बरामद किया गया। मृतक की पहचान रामपुर गांव के धर्मेंद्र चौहान के रूप में हुई है, जो चार दिनों से लापता था।
धर्मेंद्र की रहस्यमयी मौत ने उसके परिवार और पूरे इलाके को शोक और सवालों में घेर दिया है।
घर से निकला, लेकिन वापस नहीं लौटा
धर्मेंद्र चौहान, जो स्वर्गीय रामस्वरूप चौहान का बेटा था, बुधवार की शाम घर से निकला था। परिजनों ने बताया कि जब वह देर रात तक घर नहीं लौटा, तो उसकी तलाश शुरू की गई। परिवार ने आसपास के गांवों, रिश्तेदारों और दोस्तों से संपर्क किया, लेकिन धर्मेंद्र का कहीं भी पता नहीं चला।
शनिवार को परिवार को सूचना मिली कि डेरमा गांव के तालाब में एक शव देखा गया है। धर्मेंद्र के भाई संजय कुमार मौके पर पहुंचे और शव की पहचान की।
शव मिलने से मचा कोहराम
शव मिलते ही पूरे परिवार में कोहराम मच गया। धर्मेंद्र की मां और अन्य परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। परिजनों ने बताया कि धर्मेंद्र एक शांत स्वभाव का व्यक्ति था और किसी से विवाद में नहीं रहता था।
पुलिस ने शव को तालाब से निकालकर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के कारणों का पता चल सकेगा।
पुलिस और परिवार के बयान
नेमदारगंज थानाध्यक्ष राजीव कुमार ने बताया कि तालाब से शव बरामद कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि प्रथम दृष्टया मामला संदिग्ध लग रहा है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।
मृतक के भाई संजय कुमार ने पुलिस से मामले की गहन जांच की मांग की है। उन्होंने कहा, "हम नहीं जानते कि यह हादसा है या किसी की साजिश। लेकिन धर्मेंद्र की मौत के पीछे की सच्चाई जानना चाहते हैं।"
रहस्यमय मौत: सवाल और संभावनाएं
इस घटना ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
- क्या यह मामला महज एक दुर्घटना है, या इसमें किसी तरह की आपराधिक साजिश शामिल है?
- धर्मेंद्र तालाब तक कैसे पहुंचा?
- क्या उसकी मौत डूबने से हुई, या किसी अन्य कारण से?
इलाके के लोगों का कहना है कि यह तालाब सुनसान जगह पर है और यहां अक्सर असामाजिक तत्वों की आवाजाही रहती है।
नवादा में बढ़ता अपराध और जांच की जरूरत
नवादा जिले में हाल के वर्षों में अपराधों की घटनाएं बढ़ी हैं। डेरमा गांव की यह घटना एक और कड़ी जोड़ती है। इस तरह के मामलों में पुलिस की सक्रियता और गहन जांच जरूरी है, ताकि पीड़ित परिवार को न्याय मिल सके।
धर्मेंद्र की मौत ने एक बार फिर से स्थानीय प्रशासन और सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब सबकी निगाहें पुलिस की जांच पर टिकी हैं।
नवादा पुलिस को चाहिए कि मामले की हर संभव कोण से जांच करे और परिवार को सच्चाई से अवगत कराए।
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