Nawada Tribute: शहीद चंदन सिंह की प्रथम पुण्यतिथि पर विशेष कार्यक्रम, स्कूली बच्चों और धावकों ने दी श्रद्धांजलि
नवादा में शहीद चंदन सिंह की प्रथम पुण्यतिथि पर दौड़ प्रतियोगिता, रैली और श्रद्धांजलि समारोह। जानें, वीर शहीद की याद में हुए इस खास आयोजन की पूरी कहानी।
नवादा जिले के वारिसलीगंज प्रखंड क्षेत्र के नारोमुरार गांव में शनिवार को शहीद चंदन सिंह की पहली पुण्यतिथि पर कई कार्यक्रम आयोजित किए गए। इस मौके पर स्कूली बच्चों ने प्रभातफेरी निकालते हुए "शहीद चंदन अमर रहें" के नारों से सड़कों को गुंजायमान कर दिया। वहीं, विभिन्न जिलों के सैकड़ों धावकों ने दौड़ प्रतियोगिता में हिस्सा लेकर शहीद को अपनी श्रद्धांजलि दी।
कौन थे शहीद चंदन सिंह?
नारोमुरार गांव निवासी चंदन सिंह भारतीय सेना के वीर सपूत थे। 21 दिसंबर 2023 को जम्मू-कश्मीर के पुंछ सेक्टर में हुए आतंकी हमले में उन्होंने अपने प्राणों की आहुति दी थी। उनके शहादत के बाद, क्षेत्र में उनके प्रति गहरा सम्मान और श्रद्धा व्यक्त करते हुए उनके गांव में एक वीर शहीद समाधि स्थल का निर्माण किया गया।
पुण्यतिथि पर आयोजित कार्यक्रम
शहीद की पहली पुण्यतिथि पर कई महत्वपूर्ण आयोजन किए गए। कार्यक्रम की शुरुआत दौड़ प्रतियोगिता से हुई, जिसमें नवादा, नालंदा, गया, जहानाबाद समेत बिहार के कई जिलों के 800 से अधिक धावकों ने भाग लिया। प्रतियोगिता का आयोजन उसी खेल मैदान में हुआ, जहां कभी चंदन सिंह ने आर्मी में भर्ती होने के लिए अभ्यास किया था।
प्रतियोगिता को 8 चरणों में विभाजित किया गया, और हर चरण के 10-10 प्रतिभागियों को विजेता घोषित कर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जहानाबाद के पूर्व सांसद डॉ. अरुण कुमार ने विजेताओं को शील्ड और शहीद चंदन सिंह की आकृति बनी शर्ट भेंट की।
शहीद चंदन चौक पर श्रद्धांजलि
वारिसलीगंज स्थित चंदन सिंह चौक पर भी श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किया गया। यहां शहीद की प्रतिमा स्थापित की जानी है, जिसकी निर्माण प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है। कार्यक्रम में वारिसलीगंज विधायक अरुणा देवी, जिला पार्षद अंजनी सिंह, मुखिया राजकुमार सिंह, और सैकड़ों स्कूली बच्चों ने शहीद को श्रद्धांजलि अर्पित की।
शहीद समाधि स्थल का उद्घाटन
शहीद चंदन सिंह के समाधि स्थल का उद्घाटन जहानाबाद के पूर्व सांसद डॉ. अरुण कुमार ने किया। इस अवसर पर नारोमुरार गांव के सैकड़ों ग्रामीण मौजूद थे। समाधि स्थल वीरता और बलिदान का प्रतीक है, जिसे गांव वालों ने मिलकर बनवाया है।
इतिहास में शहीद चंदन सिंह का योगदान
भारत की सेना में शहीद चंदन सिंह का योगदान उनके गांव और जिले के लिए गर्व का विषय है। उनका बलिदान उस अदम्य साहस और कर्तव्यपरायणता का प्रतीक है, जो भारतीय सैनिकों की पहचान है। उनकी शहादत ने न केवल उनके परिवार बल्कि पूरे देश को गौरवान्वित किया है।
ग्रामीणों का सहयोग और आयोजन
पुण्यतिथि पर आयोजित कार्यक्रमों के लिए ग्रामीणों और युवाओं का योगदान सराहनीय रहा। ग्रामीण सह मुखिया अभिनव आनंद, पीयूष प्रेम सिंह, और नंदन कुमार के प्रयासों से इस दौड़ प्रतियोगिता को सफलतापूर्वक आयोजित किया गया।
प्रभातफेरी से गूंजा वारिसलीगंज बाजार
स्कूली बच्चों ने प्रभातफेरी निकालते हुए शहीद को श्रद्धांजलि दी। बच्चे "शहीद चंदन अमर रहें" के नारे लगाते हुए वारिसलीगंज बाजार से होकर चंदन सिंह चौक पहुंचे। बच्चों की यह पहल उनके प्रति गहरे सम्मान और देशभक्ति की भावना को दर्शाती है।
शहीद चंदन सिंह की पहली पुण्यतिथि पर आयोजित यह कार्यक्रम न केवल उनके बलिदान को याद करने का अवसर था, बल्कि युवाओं और बच्चों को प्रेरित करने का एक मंच भी। शहीद की स्मृति में आयोजित यह आयोजन एक उदाहरण है कि कैसे बलिदान को सम्मानित किया जाना चाहिए।
What's Your Reaction?