Jamshedpur Training: खाद्य व्यवसायियों के लिए 'फोस्टेक प्रशिक्षण' शिविर आयोजित, जानें कैसे सुरक्षित भोजन बने जीवन रक्षक

जमशेदपुर में जिला उपायुक्त अनन्य मित्तल के निर्देश पर 'फोस्टेक प्रशिक्षण' शिविर का आयोजन। जानें खाद्य सुरक्षा के महत्व और फूड सेफ्टी टिप्स, जो आपके व्यवसाय और स्वास्थ्य दोनों के लिए फायदेमंद हैं।

Dec 23, 2024 - 18:14
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Jamshedpur Training: खाद्य व्यवसायियों के लिए 'फोस्टेक प्रशिक्षण' शिविर आयोजित, जानें कैसे सुरक्षित भोजन बने जीवन रक्षक
Jamshedpur Training: खाद्य व्यवसायियों के लिए 'फोस्टेक प्रशिक्षण' शिविर आयोजित, जानें कैसे सुरक्षित भोजन बने जीवन रक्षक

जमशेदपुर के बिष्टुपुर स्थित होटल अलकोर में जिला दंडाधिकारी सह उपायुक्त अनन्य मित्तल के निर्देशानुसार एफ.एस.एस.ए.आई इम्पैनल्ड ज्ञान सिटी एजुकेशनल ट्रस्ट द्वारा खाद्य व्यवसायियों के लिए 'फोस्टेक (FOSTAC) प्रशिक्षण' शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर में खाद्य सुरक्षा से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी दी गई, जो न केवल व्यवसाय के लिए आवश्यक है, बल्कि उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।

फोस्टेक प्रशिक्षण का महत्व

कार्यक्रम में खाद्य सुरक्षा पदाधिकारी मु. मनजर हुसैन ने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार हर साल लगभग 600 मिलियन लोग खाद्य जनित रोगों से पीड़ित होते हैं, जिनमें से 30% बच्चे होते हैं। यह आंकड़ा खाद्य सुरक्षा के महत्व को दर्शाता है। इसी उद्देश्य से इस प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया ताकि खाद्य व्यवसायी अपने उपभोक्ताओं को सुरक्षित, स्वच्छ और पोषक भोजन उपलब्ध करा सकें।

खाद्य सुरक्षा के लिए दिए गए टिप्स

एफ.एस.एस.ए.आई के ट्रेनर अनुप कुमार तिवारी ने फूड सेफ्टी से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें साझा कीं। उन्होंने बताया:

  • हाथ धोने की आदत: भोजन पकाने से पहले और बाद में हाथों की सफाई सुनिश्चित करें।
  • एप्रन और मास्क का उपयोग: खाना बनाते और परोसते समय एप्रन और मास्क पहनें।
  • टेम्परेचर डेंजर जोन से बचें: खाद्य पदार्थों को 4°C से नीचे या 60°C से ऊपर स्टोर करें।
  • पका हुआ भोजन समय पर खाएं: पके भोजन को 2 घंटे के भीतर खा लें या उसे फ्रीज में रखें।

ये सुझाव न केवल खाद्य जनित रोगों को रोकने में मददगार हैं, बल्कि व्यवसाय की विश्वसनीयता को भी बढ़ाते हैं।

प्रशिक्षण शिविर में हुई चर्चा

कार्यक्रम के दौरान खाद्य सुरक्षा पदाधिकारी ने FSSAI लाइसेंस नंबर को प्रतिष्ठान के मुख्य द्वार पर प्रदर्शित करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि खाद्य सुरक्षा एवं मानक विनियम (2011) के शेड्यूल-4 का पालन करना सभी व्यवसायियों का दायित्व है। इससे जनता को सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण भोजन उपलब्ध कराया जा सकता है।

100 व्यवसायियों ने लिया भाग

शिविर में रेस्टोरेंट, मिठाई की दुकान और बार के प्रतिनिधियों समेत कुल 100 खाद्य व्यवसायियों ने भाग लिया। सभी को प्रशिक्षण के बाद फोस्टेक का सर्टिफिकेट प्रदान किया जाएगा, जो उनके व्यवसाय में खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने की योग्यता को दर्शाएगा।

खाद्य सुरक्षा का ऐतिहासिक महत्व

फूड सेफ्टी की अवधारणा नई नहीं है। भारत में प्राचीन समय से ही भोजन को स्वच्छ और सुरक्षित बनाने पर जोर दिया गया है। ऋग्वेद में भी भोजन को "जीवन का आधार" कहा गया है। लेकिन आधुनिक समय में, बढ़ती बीमारियों और प्रदूषण के कारण, फूड सेफ्टी की जरूरत और भी बढ़ गई है।

उपभोक्ताओं को मिलेगा लाभ

खाद्य व्यवसायियों द्वारा फोस्टेक प्रशिक्षण अपनाने से उपभोक्ताओं को ताजा, स्वच्छ और सुरक्षित भोजन मिलेगा। साथ ही, व्यवसायियों को उपभोक्ता विश्वास हासिल करने में मदद मिलेगी, जिससे उनके व्यवसाय में वृद्धि होगी।

जमशेदपुर में आयोजित यह फोस्टेक प्रशिक्षण शिविर खाद्य व्यवसायियों के लिए बेहद उपयोगी साबित हुआ। यह पहल न केवल खाद्य जनित रोगों को रोकने की दिशा में एक कदम है, बल्कि उपभोक्ताओं और व्यवसायियों के बीच विश्वास बनाने का माध्यम भी है।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।