Nawada Reform: मंडल कारा दिवस पर डीएम ने कहा, "बंदियों के जीवन में सुधार ही असली न्याय"
नवादा मंडल कारा में कारा दिवस समारोह आयोजित हुआ। डीएम और एसपी ने बंदियों के जीवन सुधार और न्याय व्यवस्था के उद्देश्यों पर जोर दिया। जानें, कैसे यह पहल बंदियों को एक नया जीवन देने की कोशिश कर रही है।
नवादा के मंडल कारा में इस बार का कारा दिवस समारोह अनूठे आयोजन और सकारात्मक संदेश के साथ मनाया गया। जिला पदाधिकारी (डीएम) रवि प्रकाश और पुलिस अधीक्षक (एसपी) अभिनव धीमान के नेतृत्व में आयोजित इस कार्यक्रम में बंदियों के जीवन में सुधार और न्याय व्यवस्था के उद्देश्यों पर चर्चा की गई।
डीएम ने न्याय व्यवस्था के तीन मूलभूत उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इसका पहला उद्देश्य है गलती की सजा देना ताकि पीड़ित को न्याय मिल सके। दूसरा उद्देश्य समाज में एक संदेश देना ताकि लोग अपराध करने से बचें। तीसरा और सबसे महत्वपूर्ण उद्देश्य है सुधार, जिससे बंदी बेहतर इंसान बन सकें और समाज में सकारात्मक योगदान दे सकें।
नवादा मंडल कारा: सुधार के नए आयाम
इस अवसर पर बंदियों के लिए मनोरंजन और स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के उद्देश्य से विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया गया।
- संगीत कार्यक्रम: बंदियों की मानसिक शांति और सकारात्मक सोच को बढ़ावा देने के लिए संगीत का आयोजन किया गया।
- जेल प्रीमियर लीग:
नवादा जेल में टी-20 टूर्नामेंट की शुरुआत की गई। इसमें बंदियों को पांच टीमों में बांटा गया, जो अगले महीने तक मैच खेलेंगी। टूर्नामेंट का फाइनल जनवरी 2025 के अंतिम सप्ताह में होगा।
इतिहास और सुधार की परंपरा:
भारत में जेलों का इतिहास लंबे समय से सुधारात्मक प्रयासों से जुड़ा रहा है। महात्मा गांधी से लेकर अन्य स्वतंत्रता सेनानियों तक, कई व्यक्तित्व जेलों से प्रेरित होकर बदलाव की कहानियां लिख चुके हैं।
आज की तारीख में जेलों को सुधार केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है। नवादा मंडल कारा का यह आयोजन उसी परंपरा का हिस्सा है। डीएम ने बंदियों के लिए शिक्षा और प्रशिक्षण पर जोर दिया ताकि वे समाज में वापसी के बाद आत्मनिर्भर बन सकें।
सुधार की दिशा में ठोस कदम
कार्यक्रम के दौरान, डीएम और एसपी ने कारा का निरीक्षण किया और सुरक्षा व्यवस्थाओं की समीक्षा की। उन्होंने जेल अधीक्षक को निर्देश दिया कि जो भी कमियां पाई गई हैं, उन्हें जल्द से जल्द दूर किया जाए।
इसके अलावा, डीएम और एसपी ने जेल परिसर में वृक्षारोपण भी किया, जो पर्यावरण संरक्षण के साथ बंदियों को प्रकृति से जुड़ने का संदेश देता है।जेल प्रबंधन की सराहना:
निरीक्षण के बाद डीएम और एसपी ने जेल परिसर की साफ-सफाई और व्यवस्था पर संतोष व्यक्त किया। इस दौरान जेल अधीक्षक अजीत कुमार और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने कार्यक्रम को सफल बनाने में अहम भूमिका निभाई।
बंदियों के जीवन में बदलाव का प्रयास:
इस तरह के सुधारात्मक प्रयास न केवल जेल के अंदर सकारात्मक माहौल बनाते हैं, बल्कि समाज को यह संदेश देते हैं कि हर किसी को एक दूसरा मौका मिलना चाहिए।
- बंदियों के लिए शिक्षा और प्रशिक्षण का प्रावधान
- मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर ध्यान
- मनोरंजन के माध्यम से तनाव कम करना
नवादा मंडल कारा दिवस समारोह केवल एक आयोजन नहीं था, बल्कि यह बंदियों को नई उम्मीद और जीवन में बदलाव का एक अवसर देने की कोशिश थी। डीएम रवि प्रकाश के शब्दों में, "न्याय का असली उद्देश्य सजा देना नहीं, बल्कि जीवन सुधारना है।"
क्या आप मानते हैं कि इस तरह की सुधारात्मक पहलें समाज और बंदियों के जीवन को बदलने में सहायक हो सकती हैं? अपनी राय कमेंट में साझा करें!
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