Nawada Quality: खाद्यान्न की गुणवत्ता पर डीएम की सख्ती, खराब अनाज सप्लाई पर होगी कार्रवाई
नवादा में खाद्यान्न वितरण की समीक्षा बैठक में डीएम ने अनाज की गुणवत्ता सुनिश्चित करने और डीलरों को समय पर सप्लाई देने के कड़े निर्देश दिए। जानें, कैसे यह पहल लाभुकों को बेहतर अनाज उपलब्ध कराएगी।
नवादा जिला प्रशासन ने खाद्यान्न वितरण व्यवस्था को पारदर्शी और लाभुकों के लिए अधिक प्रभावी बनाने के उद्देश्य से एक सख्त रुख अपनाया है। जिला पदाधिकारी (डीएम) रवि प्रकाश की अध्यक्षता में समाहरणालय सभाकक्ष में आयोजित समीक्षा बैठक में खाद्यान्न की गुणवत्ता, उठाव, और वितरण से संबंधित मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की गई।
डीएम ने स्पष्ट निर्देश दिया कि लाभुकों तक गुणवत्तापूर्ण अनाज समय पर पहुंचना चाहिए। उन्होंने कहा, "खाद्यान्न वितरण में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी या देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।"
खराब चावल पर कड़ी कार्रवाई
बैठक के दौरान रजौली टीपीडीएस गोदाम में पाए गए 250 बैग खराब चावल का मामला भी उठाया गया। डीएम ने निर्देश दिया कि इसे कोर्ट के आदेशानुसार वापस किया जाए। साथ ही, उन्होंने अधिकारियों को आगाह किया कि यदि भविष्य में इस तरह की स्थिति दोहराई गई, तो संबंधित पदाधिकारी पर कार्रवाई की जाएगी।
खाद्यान्न गुणवत्ता सुनिश्चित करने की योजना
डीएम ने खाद्यान्न की गुणवत्ता और वितरण प्रक्रिया को सुधारने के लिए कई ठोस कदम उठाए:
- गुणवत्ता जांच: जिले में नियुक्त 02 गुणवत्ता नियंत्रकों को सभी प्रखंडों में चावल की जांच करने का साप्ताहिक शेड्यूल बनाने का निर्देश दिया गया।
- मिलों पर निगरानी: अधिप्राप्ति के दौरान बीसीओ की प्रतिनियुक्ति सुनिश्चित करने और मिलों में तैयार चावल की गुणवत्ता की नियमित जांच करने के लिए अनुमंडल पदाधिकारियों और एमओ को निर्देश दिए गए।
- खराब अनाज पर रोक: एजीएम को निर्देश दिया गया कि मिलरों द्वारा भेजे गए खराब चावल को किसी भी हालत में स्वीकार न किया जाए।
खाद्यान्न वितरण में पारदर्शिता बढ़ाने के निर्देश
डीएम ने डीएम एसएफसी और अन्य संबंधित अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि:
- सभी डीलरों को हर महीने की 25 तारीख तक खाद्यान्न की आपूर्ति कर दी जाए।
- यदि किसी वाहन अभिकर्ता द्वारा वाहन की आपूर्ति में कमी की जाती है, तो उसके भुगतान में कटौती की जाएगी।
- डीलरों को समय पर खाद्यान्न न देने पर संबंधित एजेंसियों पर पेनाल्टी लगाई जाएगी।
इतिहास से सबक: खाद्यान्न वितरण में सुधार की जरूरत क्यों?
भारत में खाद्यान्न वितरण का इतिहास 1950 के दशक में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) की स्थापना से शुरू हुआ। हालांकि, समय-समय पर इसमें गड़बड़ियों की शिकायतें मिलती रही हैं। खाद्यान्न की गुणवत्ता और वितरण में पारदर्शिता सुनिश्चित करना हमेशा एक चुनौती रही है।
नवादा प्रशासन की यह पहल उसी सुधार प्रक्रिया का हिस्सा है, जहां तकनीकी निगरानी और सख्त दिशा-निर्देशों के माध्यम से लाभुकों को गुणवत्तापूर्ण अनाज देने का प्रयास किया जा रहा है।
बैठक में शामिल अधिकारी
बैठक में अनुमंडल पदाधिकारी नवादा सदर अखिलेश कुमार, अनुमंडल पदाधिकारी रजौली आदित्य कुमार पियूष, जिला आपूर्ति पदाधिकारी सुनील कुमार सिंह, डीएम एसएफसी प्रीतम सिंह, और अन्य अधिकारी मौजूद थे।
इनके साथ वाहन अभिकर्ता और लिपिक भी बैठक में उपस्थित रहे, जहां सभी ने खाद्यान्न वितरण की व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए अपने-अपने सुझाव प्रस्तुत किए।
क्या बदल सकता है?
डीएम रवि प्रकाश की यह पहल नवादा जिले में खाद्यान्न वितरण व्यवस्था में बड़े बदलाव की उम्मीद जगाती है।
- लाभुकों को गुणवत्तापूर्ण और समय पर अनाज मिल सकेगा।
- गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार पर रोक लगेगी।
- खाद्यान्न गोदामों और मिलों में निगरानी से गुणवत्ता बेहतर होगी।
डीएम रवि प्रकाश द्वारा लिए गए ये ठोस कदम न केवल खाद्यान्न वितरण में सुधार लाएंगे, बल्कि लाभुकों का भरोसा भी बढ़ाएंगे। नवादा में इस तरह की पहल यह सुनिश्चित करती है कि "हर थाली में हो गुणवत्तापूर्ण अनाज।"
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