Jamshedpur Protest : जमशेदपुर में आतंकवाद के खिलाफ फूटा जनआक्रोश, पाकिस्तान के झंडे को किया आग के हवाले
जमशेदपुर के भालूबासा जम्बू अखाड़ा में पहलगाम आतंकी हमले के विरोध में श्रद्धांजलि सभा आयोजित हुई, जिसमें नागरिकों ने आतंकवाद के खिलाफ आवाज उठाई और पाकिस्तान के झंडे को जलाकर आक्रोश व्यक्त किया।

जमशेदपुर के भालूबासा स्थित जम्बू अखाड़ा परिसर रविवार को एक भावुक लेकिन जोशीले विरोध कार्यक्रम का गवाह बना। हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए वीभत्स आतंकी हमले में निर्दोष नागरिकों की निर्मम हत्या के विरोध में श्रद्धांजलि सभा एवं प्रदर्शन आयोजित किया गया। कार्यक्रम का आयोजन जम्बू अखाड़ा समिति के तत्वावधान में हुआ जिसमें बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिक, समाजसेवी और सामाजिक संगठन के सदस्य उपस्थित हुए।
कार्यक्रम की अध्यक्षता जम्बू अखाड़ा के संरक्षक बंटी सिंह ने की। अपने भाषण में उन्होंने आतंकवाद को मानवता का सबसे बड़ा शत्रु बताते हुए कहा, "आतंकवाद किसी भी सभ्य समाज के लिए अभिशाप है। अब समय आ गया है कि हम सब मिलकर इसके खिलाफ निर्णायक लड़ाई छेड़ें। हम अपने शहीद भाइयों की कुर्बानी को व्यर्थ नहीं जाने देंगे।" बंटी सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मांग की कि दोषियों को जल्द गिरफ्तार कर कड़ी से कड़ी सजा दी जाए और ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए कठोर कदम उठाए जाएं।
इतिहास गवाह है कि भारत आतंकवाद का शिकार दशकों से होता रहा है। 1947 के विभाजन के बाद से ही पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद ने भारत को कई घाव दिए हैं, जिनमें 1999 का कारगिल युद्ध, 2001 का संसद हमला और 2008 का मुंबई आतंकी हमला प्रमुख उदाहरण हैं। पहलगाम हमला इसी कड़ी का एक ताजा उदाहरण है जिसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है।
श्रद्धांजलि सभा के दौरान उपस्थित नागरिकों ने पाकिस्तान मुर्दाबाद, आतंकवाद मुर्दाबाद और भारत माता की जय के गगनभेदी नारे लगाए। आक्रोश का इज़हार करते हुए पाकिस्तान के झंडे को सार्वजनिक रूप से जलाया गया, जो जनता के भीतर पनप रहे रोष और पीड़ा का प्रतीक बन गया।
अखाड़ा समिति के सदस्यों सहित उपस्थित नागरिकों ने दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए मोमबत्तियां जलाईं और दो मिनट का मौन रखकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। कार्यक्रम के दौरान सभी ने एक स्वर में आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर लड़ने का संकल्प भी लिया।
इस कार्यक्रम में अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद के वरुण कुमार, लाइसेंसी रणबीर मंडल, काकुली मुखर्जी, आरती मुखी, रितिका श्रीवास्तव, रंजीता रॉय, दुर्गा बोपाई, देवाशीष झा, जंग बहादुर सिंह, विश्वजीत चक्रवर्ती, गौतम धर, रवि विश्वनाथ, दिनेश राव, अशोक कुमार, अभिजीत घोष, केशव राव, ललन रजक, आकाश प्रसाद, पप्पू कुमार, क्रांति मोहंती, कमलेश ओझा, राहुल बेसरा, संजीव नामता और रमन मेहरा समेत कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
कार्यक्रम के अंत में आयोजकों ने देशवासियों से अपील की कि आतंकवाद के खिलाफ जागरूकता फैलाएं, सुरक्षा बलों का मनोबल बढ़ाएं और देश की एकता एवं अखंडता के लिए निरंतर प्रयासरत रहें। जमशेदपुर की इस पहल ने एक बार फिर यह संदेश दिया कि आतंक के खिलाफ देश एकजुट है और हर नागरिक अपने स्तर पर इस जंग का सिपाही है।
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