Sonari Jewelry Robbery: दिनदहाड़े ज्वेलरी चोरी ने बढ़ाई शहर की अपराधिक सनसनी!
सोनारी में दिनदहाड़े ज्वेलरी चोरी की सनसनीखेज घटना! पुलिस की लापरवाही से बढ़ रही है आम जनता की नाराजगी। जानें पूरी खबर और शहर में बढ़ते अपराध के पीछे का सच।

शहर में अपराध का ग्राफ लगातार बढ़ता जा रहा है, और इसकी ताजा मिसाल बन गई है सोनारी थाना क्षेत्र की वह सनसनीखेज घटना, जब शनिवार को डिस्पेंसरी रोड स्थित सुमित ज्वेलर्स से दिनदहाड़े सोने के लॉकेट से भरा एक डिब्बा चोरी कर लिया गया। यह घटना न केवल स्थानीय लोगों के लिए बल्कि पुलिस प्रशासन के लिए भी एक बड़ा सवाल खड़ा कर गई है।
चोरी की घटना ने फैलाई सनसनी
सुमित ज्वेलर्स के मालिक सुमित कुमार जैन ने बताया कि दिन के करीब 12 बजे जब दुकान पर ग्राहकों की भीड़ थी, तभी किसी अज्ञात चोर ने चुपके से सोने के लॉकेट के डिब्बे को उठा लिया। जैसे ही यह बात पता चली, इलाके में सनसनी फैल गई। मालिक ने तुरंत सोनारी थाना में अज्ञात चोरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई।
पुलिस की जांच: CCTV फुटेज हो रही जांच
घटना के बाद पुलिस ने मामले की गंभीरता को समझते हुए जांच शुरू कर दी है। सोनारी पुलिस टीम ने घटनास्थल का मुआयना किया और आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज जांची। दुकान के अंदर लगे कैमरों की रिकॉर्डिंग भी पुलिस के हाथ लगी है, जिससे जल्द ही चोर का पता लगाने में मदद मिल सकती है।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, "हम चोर की पहचान करने के करीब हैं और जल्द ही उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा।" लेकिन क्या यह वादा सिर्फ एक दिखावा है? क्योंकि शहर में पिछले कुछ महीनों से चोरी और हत्या की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं, और कई मामले आज तक अनसुलझे हैं।
पुलिस की लापरवाही बढ़ा रही आम जनता का गुस्सा
स्थानीय लोगों का आरोप है कि सोनारी थाना प्रभारी का फोन किसी भी वारदात की सूचना मिलने पर नहीं उठता। इस लापरवाही के कारण समय पर मदद नहीं मिल पाती, जिससे अपराधियों के हौसले और बुलंद होते जा रहे हैं।
एक दुकानदार ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, "पुलिस को सूचना देने के बावजूद वे घटनास्थल पर देरी से पहुंचते हैं। अगर यही हाल रहा, तो लोगों को अपनी सुरक्षा खुद ही करनी पड़ेगी।"
शहर में बढ़ता अपराध: क्या है ऐतिहासिक पैटर्न?
यह कोई पहली घटना नहीं है जब शहर में दिनदहाड़े चोरी हुई हो। पिछले साल भी सोनारी और आसपास के इलाकों में ऐसी कई घटनाएं सामने आई थीं, जहां पुलिस की धीमी कार्रवाई ने अपराधियों को बढ़ावा दिया।
2019 के आंकड़ों के मुताबिक, इस शहर में चोरी के मामले 35% बढ़ गए हैं, जबकि पुलिस की कार्यवाही में कोई खास सुधार नहीं हुआ है। क्या यह स्थिति पुलिस और प्रशासन की निष्क्रियता का नतीजा है?
क्या हो सकता है समाधान?
1. पुलिस पेट्रोलिंग बढ़ाई जाए – शहर के संवेदनशील इलाकों में अधिक पुलिसकर्मियों की तैनाती की जानी चाहिए।
2. सीसीटीवी कवरेज बढ़े – अधिक कैमरे लगाकर अपराधियों पर नजर रखी जा सकती है।
3. थाना प्रभारियों की जवाबदेही तय हो – अगर कोई अधिकारी जनशिकायतों को नजरअंदाज करता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।
सोनारी ज्वेलरी चोरी की यह घटना न केवल शहर में बढ़ रहे अपराध को उजागर करती है, बल्कि पुलिस प्रशासन की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े करती है। अगर जल्द ही कड़े कदम नहीं उठाए गए, तो स्थिति और भी बिगड़ सकती है। क्या पुलिस इस बार अपनी छवि सुधार पाएगी? या फिर जनता को खुद ही सुरक्षा का इंतजाम करना होगा?
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