Nawada Dispute: भूमाफिया की हरकत से कब्रिस्तान की जमीन पर कब्जे का विवाद, प्रशासन अलर्ट
नवादा जिले के सिरदला में भूमाफिया द्वारा कब्रिस्तान की जमीन पर कब्जे का मामला। प्रशासन ने धारा 107 के तहत कार्रवाई की। ग्रामीणों ने शिकायत दर्ज कर सख्त कदम उठाने की मांग की।
नवादा जिले के उग्रवाद प्रभावित सिरदला थाना क्षेत्र में कब्रिस्तान की जमीन पर कब्जे को लेकर तनाव गहरा गया है। धीरौंध पंचायत और अमझरी मौजा में सैकड़ों साल पुराने कब्रिस्तान की जमीन पर अवैध कब्जा करने का मामला सामने आया है। भूमाफिया द्वारा जेसीबी मशीन और ट्रैक्टर की मदद से जमीन को समतल करने और मिट्टी की ढुलाई की जा रही थी। इस घटना ने इलाके में हलचल मचा दी है।
कब्रिस्तान विवाद: क्या है मामला?
ग्रामीणों के मुताबिक, अमझरी गांव के सुरेंद्र यादव उर्फ बराहिल ने कब्रिस्तान की जमीन पर अवैध कब्जा कर लिया है। यह वही जमीन है जहां इलाके के लोगों के पूर्वज दफनाए गए थे और आज भी इस पर दफन की प्रक्रिया जारी है। शिकायत करने वालों में मोहम्मद तबरेज अंसारी, जाहिर उद्दीन, कुर्बान मियां और कई अन्य स्थानीय लोग शामिल हैं।
ग्रामीणों का आरोप है कि सुरेंद्र यादव ने जेसीबी और ट्रैक्टर लगाकर जमीन की खुदाई करवाई। जब ग्रामीणों ने इसका विरोध किया तो उनके साथ गाली-गलौज और धमकी दी गई। ग्रामीणों के अनुसार, भूमाफिया ने यह तक कह दिया कि उन्होंने इस जमीन के कागजात बनवा लिए हैं और अब यह उनकी संपत्ति है।
इतिहास: नवादा में भूमि विवाद का पुराना सिलसिला
नवादा जिले में भूमि विवाद की घटनाएं कोई नई बात नहीं हैं। खासकर धार्मिक स्थलों और कब्रिस्तानों से जुड़ी जमीनें अक्सर विवाद का केंद्र रही हैं। इससे पहले भी नवादा के विभिन्न इलाकों में कब्रिस्तान और मंदिरों की जमीनों पर कब्जे की खबरें सामने आई हैं। प्रशासन की सख्ती और कानूनी कार्रवाई के बावजूद इन विवादों पर पूरी तरह से रोक लगाना एक बड़ी चुनौती बनी हुई है।
प्रशासन ने क्या किया?
घटना की सूचना मिलने पर सिरदला थाना पुलिस ने मौके पर पहुंचकर दोनों पक्षों को समझाने की कोशिश की। वहीं, प्रशासन ने मामले को लेकर धारा 107 के तहत कार्रवाई की है। सिरदला अंचल अधिकारी अभिनव राज ने बताया कि सुरेंद्र यादव को जमीन जमाबंदी सुधार के तहत आवंटित बताई जा रही है, लेकिन इस मामले में अनुमंडल पदाधिकारी से विस्तृत जानकारी मांगी गई है।
क्या कहता है कानून?
धारा 107 के तहत तनाव की स्थिति को देखते हुए दोनों पक्षों को समझाया गया है। प्रशासन ने कहा है कि इस विवाद को कानूनी दायरे में सुलझाने की प्रक्रिया चल रही है। ग्रामीणों की शिकायत को गंभीरता से लिया गया है और संबंधित अधिकारियों को सूचित किया गया है।
आगे क्या होगा?
प्रशासन का कहना है कि इस मामले की जांच गहराई से की जाएगी। यदि कागजात में कोई गड़बड़ी पाई जाती है तो दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। ग्रामीणों ने मामले को अदालत तक ले जाने की बात कही है।
क्या कह रहे हैं स्थानीय लोग?
ग्रामीणों में इस घटना को लेकर आक्रोश है। उनका कहना है कि उनके पूर्वजों की जमीन पर कब्जा करना एक धार्मिक भावनाओं को आहत करने जैसा है। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से जल्द से जल्द सख्त कार्रवाई की मांग की है।
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