Nawada Cold: बढ़ती ठंढ से गरीबों के लिए अलाव जलाने की मांग, जानिए क्या है पूरा मामला!
नवादा जिले में बढ़ती ठंढ ने गरीबों के लिए मुश्किलें बढ़ा दी हैं। जानिए कैसे स्थानीय नागरिकों ने अलाव जलाने की मांग की है और नगर परिषद ने इस पर क्या कदम उठाए हैं। पढ़ें पूरी खबर।
नवादा, 04 जनवरी 2025: बिहार के नवादा जिले में इस समय कनकनी ने लोगों के जीवन को मुश्किल बना दिया है। पिछले तीन दिनों से जिले में बढ़ती ठंढ के कारण, विशेष रूप से गरीबों और उन लोगों को बहुत कठिनाई हो रही है, जो सर्दी से बचने के लिए कुछ भी नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे में, नगर परिषद और ग्रामीण क्षेत्रों के लोग अलाव जलाने की मांग कर रहे हैं ताकि ठंढ से राहत मिल सके।
कनकनी के बढ़ने से बढ़ी समस्याएं
कनकनी के कारण खासकर सड़क किनारे रहने वाले गरीबों, रिक्शा चालकों, और वृद्ध तथा दिव्यांगजन सर्दी से ठिठुर रहे हैं। इस ठंढ में रात बिताना उनके लिए मुश्किल हो गया है। ऐसे में, नगर परिषद और जिले के बुद्धिजीवियों ने चौक चौराहों और सीएचसी परिसर में अलाव जलाने की मांग की है।
सुबह-सुबह जब लोग सड़कों पर निकलते हैं, तो कई स्थानों पर गरीब और अन्य लोग ठंढ से ठिठुरते हुए नजर आते हैं। यह दृश्य देखने के बाद, नगर परिषद के वरिष्ठ नागरिकों और बुद्धिजीवियों ने नगरपालिका के कार्यपालक पदाधिकारी से इस समस्या का समाधान करने की अपील की है।
अलाव जलाने की मांग
नगर परिषद के नागरिकों और बुद्धिजीवियों ने सर्दी से बचने के लिए अलाव जलाने की मांग की है। नप के कार्यपालक पदाधिकारी समीर कुमार चौधरी ने बताया कि उन्होंने इस मुद्दे को गंभीरता से लिया है और नगर परिषद क्षेत्र के 12 प्रमुख चौक-चौराहों पर लकड़ी का अलाव जलाने की व्यवस्था की है।
समीर कुमार चौधरी ने बताया, "हमने पहले ही 12 प्रमुख स्थानों पर अलाव जलाने की व्यवस्था कर दी है और आगे भी अन्य स्थानों पर इस व्यवस्था को बढ़ाया जाएगा ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग ठंढ से बच सकें।"
इतिहास में इस प्रकार की घटनाओं की भूमिका
वर्षों से, नवादा जिले में सर्दी के मौसम के दौरान इस प्रकार की समस्याएं सामने आती रही हैं। पिछले सालों में भी नगर परिषद द्वारा अलाव जलाने की व्यवस्था की गई थी ताकि ठंढ से बचने के लिए गरीबों को राहत मिल सके। सर्दी के इस मौसम में बिना कपड़े या कम कपड़े पहनने वाले लोग अक्सर सर्दी के कारण गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करते हैं।
इसलिए, इस वर्ष भी नगर परिषद ने अलाव जलाने की योजना बनाई है, जिससे सर्दी से लड़ने में मदद मिल सके।
समाज में बदलाव की आवश्यकता
बढ़ती ठंढ ने इस बात को और भी ज़रूरी बना दिया है कि हम अपने समाज में रहने वाले कमजोर वर्ग के प्रति अधिक संवेदनशील रहें। रिक्शा चालकों, वृद्धों, और दिव्यांग जनों के लिए, जो सर्दी में सड़कों पर रहते हैं, अलाव जलाना एक राहत का कारण बन सकता है।
यदि इस ठंढ के मौसम में न सिर्फ सरकारी बल्कि समाज के हर वर्ग से इस तरह की मदद पहुंचाई जाए, तो ठंढ से होने वाली समस्याओं का कुछ हद तक समाधान किया जा सकता है।
ठंढ से लड़ने के लिए उठाए गए कदम
नवादा जिले में इस समय बढ़ती ठंढ ने स्थानीय प्रशासन और नगर परिषद को अलाव जलाने की योजना पर काम करने के लिए प्रेरित किया है। हालांकि, यह सिर्फ एक अस्थायी समाधान हो सकता है, लेकिन ठंढ के इस मौसम में यह कदम निश्चित रूप से लोगों को राहत देगा। उम्मीद की जा रही है कि प्रशासन और समाज के अन्य वर्ग इस दिशा में और प्रयास करेंगे ताकि गरीबों को इस कड़ी सर्दी से कुछ राहत मिल सके।
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