Nawada CMR Supply Launch : Nawada में CMR आपूर्ति का शुभारंभ, किसानों और उपभोक्ताओं को मिलेगा बड़ा लाभ
नवादा में खरीफ विपणन मौसम 2024-25 के तहत सीएमआर आपूर्ति की शुरुआत। जानें कैसे यह पहल किसानों, सहकारी संस्थाओं और उपभोक्ताओं के लिए लाभकारी साबित होगी।
Nawada: खरीफ विपणन मौसम 2024-25 के अंतर्गत नवादा जिले में कस्टम मिल्ड राइस (सीएमआर) की आपूर्ति की विधिवत शुरुआत बरेव मोड़ स्थित गोदाम में हुई। इस मौके पर जिला सहकारिता पदाधिकारी और जिला प्रबंधक, राज्य खाद्य निगम ने संयुक्त रूप से फीता काटकर इस पहल का शुभारंभ किया। यह पहल किसानों, सहकारी संस्थाओं और उपभोक्ताओं के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जो खाद्य आपूर्ति श्रृंखला में मजबूती लाने के साथ-साथ गुणवत्ता सुनिश्चित करने पर केंद्रित है।
पहली खेप की आपूर्ति और गुणवत्ता जांच
उद्घाटन के दौरान वारिसलीगंज के सर्वोत्तम राइस मिल से पहली खेप की आपूर्ति की गई। जिला पदाधिकारी रवि प्रकाश के निर्देशन में आयोजित इस कार्यक्रम में अधिकारियों ने भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के दिशा-निर्देशों के अनुसार सीएमआर की गुणवत्ता की गहन जांच की। जांच प्रक्रिया ने यह सुनिश्चित किया कि आपूर्ति की गई चावल उच्चतम मानकों के अनुरूप हैं।
सीएमआर: किसानों और उपभोक्ताओं के लिए क्यों है अहम?
कस्टम मिल्ड राइस (सीएमआर) प्रक्रिया के तहत किसानों से खरीदे गए धान को मिलों में प्रोसेस कर चावल के रूप में राज्य खाद्य निगम को आपूर्ति किया जाता है। यह प्रक्रिया न केवल किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य देती है, बल्कि सहकारी संस्थाओं और उपभोक्ताओं के बीच विश्वास को भी मजबूत करती है।
भारत में सीएमआर की अवधारणा 1960 के दशक में हरित क्रांति के बाद उभरी, जब सरकार ने खाद्य सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए किसानों से सीधे धान खरीदने की नीति बनाई। यह प्रणाली किसानों और उपभोक्ताओं के बीच एक सेतु का काम करती है, जिससे खाद्य आपूर्ति श्रृंखला में पारदर्शिता और गुणवत्ता सुनिश्चित होती है।
गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए विशेष निगरानी
जिला टास्क फोर्स ने इस विपणन वर्ष में सभी मिलों को लगभग समान संख्या में पैक्स (प्राथमिक कृषि सहकारी समितियां) से जोड़ा है। साथ ही, प्रत्येक मिल में गुणवत्ता नियंत्रकों और सहकारिता प्रसार पदाधिकारियों की नियुक्ति की गई है।
जिलाधिकारी के निर्देश पर प्रत्येक 15 दिनों में बैठक आयोजित की जाएगी, जिसमें मिलों की गुणात्मक और मात्रात्मक समीक्षा की जाएगी। समीक्षा के आधार पर आवश्यक कदम उठाए जाएंगे, ताकि विपणन प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की कमी न हो।
सीएमआर की शुरुआत से क्या हैं संभावित लाभ?
- किसानों को मिलेगा सही मूल्य: सीएमआर प्रणाली के तहत किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिया जाएगा, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।
- उपभोक्ताओं को गुणवत्तापूर्ण खाद्य पदार्थ: उच्च गुणवत्ता वाले चावल की आपूर्ति सुनिश्चित करने से उपभोक्ताओं को फायदा होगा।
- सहकारी संस्थाओं की भूमिका मजबूत होगी: सहकारी संस्थाएं इस प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं, जो ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति देने में मददगार साबित होगी।
- पारदर्शिता में सुधार: गुणवत्ता की नियमित जांच और समीक्षा से खाद्य आपूर्ति श्रृंखला में पारदर्शिता बढ़ेगी।
आगे की योजना
जिलाधिकारी रवि प्रकाश ने यह स्पष्ट किया है कि विपणन प्रक्रिया की सफलता के लिए जिला प्रशासन पूरी तरह प्रतिबद्ध है। इसके लिए नियमित मूल्यांकन, रोजगार सृजन और किसानों के लिए जागरूकता अभियान चलाने की योजना है। साथ ही, खाद्य निगम की नीतियों का पालन करते हुए चावल की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए तकनीकी प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
नवादा जिले में सीएमआर आपूर्ति की शुरुआत किसानों और उपभोक्ताओं के लिए एक बड़ी राहत साबित होगी। यह पहल न केवल खाद्य सुरक्षा को बढ़ावा देगी, बल्कि जिले के कृषि और सहकारी क्षेत्र में भी सकारात्मक बदलाव लाएगी। आने वाले समय में ऐसी योजनाएं ग्रामीण अर्थव्यवस्था को आत्मनिर्भर बनाने में अहम भूमिका निभा सकती हैं।
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