Mango Awareness: कचरा प्रबंधन के लिए बड़ा कदम, सहारा सिटी में स्वच्छता की अनोखी पहल

मानगो के सहारा सिटी में गीला और सूखा कचरा अलग रखने के फायदे पर जोर। नगर पालिका की पहल से सफाई व्यवस्था को बेहतर बनाने और डंपिंग यार्ड की समस्या सुलझाने की दिशा में काम।

Dec 13, 2024 - 19:52
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Mango Awareness: कचरा प्रबंधन के लिए बड़ा कदम, सहारा सिटी में स्वच्छता की अनोखी पहल
Mango Awareness: कचरा प्रबंधन के लिए बड़ा कदम, सहारा सिटी में स्वच्छता की अनोखी पहल

रांची: मानगो नगर पालिका क्षेत्र में स्वच्छता अभियान को नई दिशा देते हुए सहारा सिटी में गीला और सूखा कचरा अलग रखने की अनूठी पहल की गई। नगर पालिका उप आयुक्त सुरेश यादव की अगुवाई में यह अभियान शुरू किया गया। स्वच्छता ब्रांड एंबेसडर और सहारा सिटी के सचिव पूर्व सैनिक सुशील कुमार सिंह ने कॉलोनी वासियों से अपील की कि वे दो डस्टबिन का उपयोग करें और कचरे को अलग-अलग दें।

इस पहल के तहत सफाई कर्मियों को हरे और नीले स्टिकर लगे बाल्टियां दी गईं, ताकि कचरा संग्रहण और निष्पादन सुगम हो सके।

स्वच्छता अभियान की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

भारत में स्वच्छता अभियान की शुरुआत स्वच्छ भारत मिशन के तहत हुई थी, जिसे 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लॉन्च किया। इस मिशन का उद्देश्य भारत को ओपन डेफेकेशन फ्री (ODF) और कचरा मुक्त बनाना था। झारखंड जैसे शहरी इलाकों में गीला और सूखा कचरा अलग करना इस मिशन का महत्वपूर्ण हिस्सा है।

मानगो क्षेत्र, जो झारखंड के महत्वपूर्ण शहरी क्षेत्रों में से एक है, तेजी से बढ़ते शहरीकरण के कारण कचरा प्रबंधन की चुनौतियों का सामना कर रहा है।

कॉलोनी वासियों के लिए निर्देश और अपील

इस बैठक में नगर पालिका ने स्पष्ट निर्देश दिए:

  1. दो डस्टबिन का उपयोग: एक गीले और दूसरा सूखे कचरे के लिए।
  2. फ्लैटों के दरवाजे पर संग्रहण: सफाई कर्मियों द्वारा कचरे को अलग-अलग एकत्रित करने की सुविधा।
  3. साफ-सफाई की निगरानी: मंदिर, मस्जिद, स्कूल, मार्केट और पार्क जैसी सार्वजनिक जगहों की निगरानी।

सहारा सिटी में पर्यवेक्षक निर्मल कुमार ने इस प्रक्रिया को सुचारू बनाने के लिए कचरा संग्रहण टीम को प्रशिक्षित किया।

डंपिंग यार्ड की समस्या और समाधान की दिशा

मानगो क्षेत्र में कचरा डंपिंग यार्ड न होने के कारण नगर पालिका को कचरे के प्रबंधन में कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। हालांकि, प्रशासन ने जल्द ही इस समस्या का वैकल्पिक समाधान निकालने का आश्वासन दिया है।

"हम एक स्थायी डंपिंग यार्ड बनाने की प्रक्रिया में हैं," उप नगर आयुक्त सुरेश यादव ने कहा।

स्वच्छता ब्रांड एंबेसडर की भूमिका

स्वच्छता ब्रांड एंबेसडर्स जैसे डॉ. ताहिर हुसैन, रवि शंकर, केपी मुख्तार अंसारी, और मुस्ताक आलम ने अपने क्षेत्रों में लोगों को गीला और सूखा कचरा अलग देने के लिए प्रेरित किया।
इनकी कोशिशों से मानगो के निवासियों को स्वच्छता के महत्व को समझने और इस अभियान का हिस्सा बनने के लिए प्रोत्साहन मिला।

आने वाले दिनों की योजना

  1. सार्वजनिक स्थानों की सफाई: मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा, और पर्यावरण पार्क जैसे इलाकों में सफाई।
  2. जागरूकता अभियान: स्कूलों और सार्वजनिक स्थलों पर सफाई और कचरा प्रबंधन के लाभों पर कार्यशालाएं।
  3. सभी के लिए अपील: नगर पालिका ने निवासियों से इस अभियान में सहयोग करने की अपील की।

क्या बदलाव संभव है?

मानगो नगर पालिका का यह अभियान स्वच्छ भारत मिशन के उद्देश्यों को साकार करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। अगर स्थानीय निवासी और प्रशासन मिलकर काम करें, तो मानगो क्षेत्र झारखंड में स्वच्छता का उदाहरण बन सकता है।

क्या आप अपने क्षेत्र में इस तरह के स्वच्छता अभियान का हिस्सा बनना चाहेंगे? अपनी राय साझा करें।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।