Kamdara Murder: डायन के आरोप में महिला की टांगी से हत्या, गांव में गुस्से और शोक का माहौल
कामडारा में डायन-बिसाही के अंधविश्वास के चलते महिला की टांगी से हत्या। जानें घटना की पूरी कहानी और इस सामाजिक बुराई को रोकने के उपाय।
कामडारा, डायन बिसाहीन: झारखंड के गुमला जिले के कामडारा प्रखंड के कुलबुरु गयाटोली गांव में अंधविश्वास ने फिर एक निर्दोष की जान ले ली। डायन-बिसाही के आरोप में 55 वर्षीय महिला एतवारी मुंड़ाईन की टांगी से हत्या कर दी गई। इस घटना ने न केवल गांव को हिलाकर रख दिया है, बल्कि समाज में व्याप्त अंधविश्वास पर भी सवाल खड़े किए हैं।
क्या है घटना की पूरी कहानी?
बुधवार की सुबह एतवारी मुंड़ाईन रोज की तरह शौच के लिए खेत की ओर गई थीं। उसी समय गांव के युवक सुनील आईंद ने टांगी लेकर उन पर हमला कर दिया। एतवारी मुंड़ाईन की मौके पर ही मौत हो गई।
हत्या के बाद सुनील ने गांव की एक और महिला, शनियारो मुंड़ाईन को भी मारने की कोशिश की। लेकिन ग्रामीणों ने समय पर हस्तक्षेप कर उनकी जान बचा ली।
घटना के बाद कुरकुरा थाना प्रभारी मनीष कुमार पूर्ति पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। शव को पोस्टमार्टम के लिए गुमला सदर अस्पताल भेज दिया गया।
आरोपी ने क्यों किया यह जघन्य अपराध?
पुलिस की त्वरित कार्रवाई में आरोपी सुनील आईंद को उसके घर से गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ के दौरान सुनील ने स्वीकार किया कि उसने एतवारी मुंड़ाईन की हत्या डायन-बिसाही के संदेह में की।
बसिया एसडीपीओ नजीर अख्तर ने बताया कि यह हत्या अंधविश्वास का परिणाम है। आरोपी को जेल भेज दिया गया है, और पुलिस मामले की गहन जांच कर रही है।
डायन-बिसाही का सामाजिक सच और इसका इतिहास
झारखंड के कई ग्रामीण इलाकों में डायन-बिसाही का अंधविश्वास गहराई से जड़ें जमाए हुए है। 21वीं सदी में भी इस तरह के मामले समाज के पिछड़ेपन और शिक्षा की कमी को उजागर करते हैं।
झारखंड में डायन-बिसाही के आरोप में हत्याओं का एक लंबा इतिहास है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों के अनुसार, हर साल सैकड़ों महिलाओं को इस अंधविश्वास का शिकार बनना पड़ता है। सरकार ने इसके खिलाफ सख्त कानून बनाए हैं, लेकिन जागरूकता की कमी के कारण इस समस्या का समाधान अभी तक संभव नहीं हो पाया है।
गांव में शोक और आक्रोश
इस हत्या से कुलबुरु गयाटोली गांव में गुस्से और शोक का माहौल है। ग्रामीण अंधविश्वास के चलते हुई इस घटना से स्तब्ध हैं। गांववालों का कहना है कि इस तरह की घटनाएं समाज को कलंकित करती हैं और इसे रोकने के लिए कठोर कदम उठाए जाने चाहिए।
समाज और प्रशासन की जिम्मेदारी
झारखंड सरकार ने डायन-बिसाही के मामलों को रोकने के लिए कई जागरूकता अभियान चलाए हैं। लेकिन यह घटना दर्शाती है कि ग्रामीण क्षेत्रों में अभी भी इस पर काम करने की जरूरत है।
- जागरूकता अभियान: ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा और जागरूकता अभियान चलाने की आवश्यकता है।
- कानूनी सख्ती: ऐसे मामलों में दोषियों को त्वरित सजा मिलनी चाहिए।
- समाज की भागीदारी: पंचायत स्तर पर जागरूकता फैलाने और अंधविश्वास को खत्म करने के लिए सामूहिक प्रयास की आवश्यकता है।
What's Your Reaction?