Jharkhand Auction: झारखंड में 6 खनिज ब्लॉकों की नीलामी, राजस्व और रोजगार में वृद्धि के संकेत
झारखंड में सरायकेला, गिरिडीह और पलामू जिलों में छह खनिज ब्लॉकों की नीलामी, राजस्व और रोजगार में वृद्धि की उम्मीद। जानिए पूरी जानकारी।
झारखंड: झारखंड में खनिज संपदा को लेकर एक बड़ा कदम उठाया गया है। सरायकेला-खरसावां, गिरिडीह और पलामू जिलों में छह खनिज ब्लॉकों की नीलामी प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। इससे राज्य सरकार को न केवल भारी राजस्व प्राप्त होगा, बल्कि रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।
नीलामी के लिए कौन-कौन से खनिज ब्लॉक तैयार? सरायकेला-खरसावां जिले में तीन स्वर्ण खनिज ब्लॉक, गिरिडीह जिले में एक कॉपर और एक बेस मेटल खनिज ब्लॉक, जबकि पलामू जिले में ग्रेफाइट खनिज ब्लॉक की नीलामी की जाएगी। इन खनिजों की नीलामी से झारखंड के खनिज आधारित उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा।
ग्रेफाइट ब्लॉक की विशेषता: पलामू जिले के पोंची ग्रेफाइट ब्लॉक की नीलामी 752.05 प्रतिशत पर हुई है। यह ब्लॉक देश के रणनीतिक और महत्वपूर्ण खनिजों में शामिल है। केंद्र सरकार ने ग्रेफाइट को रणनीतिक खनिज घोषित कर दिया है। नीलामी प्रक्रिया के बाद अब एलवाई (Letter of Intent) जारी किया जाना बाकी है।
झारखंड और खनिज भंडार का इतिहास: झारखंड खनिज संपदा के मामले में देश का एक अग्रणी राज्य है। यह देश के कुल तांबा उत्पादन का 21% हिस्सा अकेले झारखंड से आता है। इतिहास में भी झारखंड खनन उद्योग का केंद्र रहा है।
नीलामी से लाभ:
- राजस्व वृद्धि: नीलामी से राज्य सरकार को भारी राजस्व प्राप्त होगा।
- रोजगार अवसर: खनिज आधारित उद्योगों की स्थापना से स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा।
- औद्योगिक विकास: खनिज संसाधनों के दोहन से राज्य में औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।
सीएम का राजस्व उगाही पर जोर: सीएम हेमंत सोरेन ने पद संभालने के बाद राजस्व उगाही को प्राथमिकता दी है। उन्होंने सभी विभागों को अतिरिक्त राजस्व संग्रहण के लिए नए स्रोत खोजने का निर्देश दिया है।
केंद्र सरकार का निर्देश: पिछले वर्ष केंद्र सरकार ने झारखंड सरकार को खनिज ब्लॉकों की नीलामी का निर्देश दिया था। इसके बाद खान और खनिज (विकास और विनियमन) संशोधन विधेयक-2021 पारित किया गया।
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