Jharkhand Policy : झारखंड में नयी उत्पाद नीति लागू, जानिए क्या हुआ बड़ा बदलाव?
झारखंड में शराब की नई उत्पाद नीति 2025 को अंतिम रूप दिया गया। जानिए क्या बड़े बदलाव हुए और डिपार्टमेंटल स्टोर्स से शराब बिक्री का प्रावधान क्यों हटाया गया?

झारखंड में शराब बिक्री को लेकर बड़ा अपडेट सामने आया है। राज्य सरकार ने नयी उत्पाद नीति 2025 को अंतिम रूप दे दिया है, जिससे शराब की खुदरा बिक्री से जुड़े नियमों में अहम बदलाव किए गए हैं। पहले जहां डिपार्टमेंटल स्टोर्स में शराब बेचने की योजना थी, अब इसे ड्राफ्ट से हटा दिया गया है। लेकिन क्या ये झारखंड की शराब नीति में कोई नया मोड़ लाएगा? आइए जानते हैं पूरी कहानी!
क्यों आई नयी उत्पाद नीति?
झारखंड सरकार राज्य में शराब बिक्री और उसके नियमन को लेकर एक ठोस नीति लागू करने की तैयारी में है। सरकार का दावा है कि इससे शराब के अवैध कारोबार पर लगाम लगेगी और सरकारी राजस्व में भी वृद्धि होगी। इसके लिए उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग ने एक नयी नीति तैयार की, जिसका ड्राफ्ट पहले जारी किया गया था। सरकार ने जनता से सुझाव मांगे थे, जिसके बाद अब इसे अंतिम रूप दे दिया गया है।
डिपार्टमेंटल स्टोर्स में शराब बिक्री पर रोक!
पहले जारी ड्राफ्ट के मुताबिक, बड़े डिपार्टमेंटल स्टोर्स में भी शराब बेचने की अनुमति देने का प्रस्ताव था। लेकिन इस पर जनता और विशेषज्ञों की तरफ से आपत्तियां आईं। कई लोगों का मानना था कि इससे नशे की लत बढ़ सकती है और युवा आसानी से शराब खरीद पाएंगे। इन आपत्तियों पर विचार करने के बाद सरकार ने डिपार्टमेंटल स्टोर्स में शराब बिक्री का प्रस्ताव ड्राफ्ट से हटा दिया।
क्या होंगे नये नियम?
नयी उत्पाद नीति में शराब की खुदरा दुकानों के संचालन, लाइसेंसिंग और वितरण से जुड़े नियमों को स्पष्ट किया गया है। हालांकि, सरकार की ओर से अभी पूरी नीति सार्वजनिक नहीं की गई है, लेकिन सूत्रों के मुताबिक इसमें सख्त नियमों के साथ-साथ लाइसेंस प्राप्त दुकानों के लिए कुछ नई शर्तें जोड़ी गई हैं।
कैसे बदला झारखंड का शराब व्यापार?
झारखंड में शराब नीति समय-समय पर बदलती रही है। 2017 में, सरकार ने खुद शराब बेचने का फैसला लिया था, लेकिन कुछ साल बाद यह नीति विफल हो गई और निजी विक्रेताओं को फिर से बाजार में उतारा गया। 2022 में सरकार ने फिर से नई नीति बनाई, जिससे शराब बिक्री से राज्य को अच्छा राजस्व मिलने लगा। अब 2025 के लिए जो नई नीति बनाई गई है, वह झारखंड की शराब बाजार व्यवस्था को और मजबूत बनाने पर केंद्रित होगी।
क्या इस बदलाव से सस्ती होगी शराब?
राज्य सरकार ने अभी शराब की कीमतों में बदलाव को लेकर कुछ नहीं कहा है। लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि यदि उत्पाद नीति में बदलाव किए गए हैं, तो आने वाले समय में शराब के दामों में उतार-चढ़ाव हो सकता है। खासकर लाइसेंस शुल्क, टैक्स और खुदरा बिक्री के नियमों में किसी भी संशोधन का असर सीधे कीमतों पर पड़ेगा।
आगे क्या?
अब जब नीति को विभागीय सहमति मिल गई है, तो जल्द ही इसे लागू किया जाएगा। उम्मीद की जा रही है कि आने वाले हफ्तों में झारखंड सरकार इस पर आधिकारिक घोषणा करेगी और नियमों को सार्वजनिक किया जाएगा।
झारखंड की नई उत्पाद नीति 2025 से शराब कारोबार को लेकर बड़ा बदलाव होने जा रहा है। डिपार्टमेंटल स्टोर्स से शराब बिक्री का प्रस्ताव हटाया जाना, जनता और विशेषज्ञों की राय को दर्शाता है। अब सभी की नजरें इस बात पर होंगी कि सरकार आने वाले दिनों में इस नीति से जुड़े कौन-कौन से नए नियम लागू करती है।
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