Jharkhand Health Scheme: कुष्ठ रोगियों को हर महीने 500 रुपये देगी सरकार, घर-घर चल रहा है खोज अभियान
झारखंड सरकार ने कुष्ठ रोगियों के लिए शुरू की नई योजना, हर महीने 500 रुपये की पोषण राशि। जानिए कैसे हो रही है घर-घर खोज और क्या है इस योजना का उद्देश्य।
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झारखंड सरकार ने एक बार फिर स्वास्थ्य क्षेत्र में नई पहल की है। टीबी मरीजों के बाद अब राज्य के कुष्ठ रोगियों को भी हर महीने 500 रुपये की पोषण राशि दी जाएगी। यह योजना केंद्र सरकार की स्वीकृति के बाद शुरू की गई है और झारखंड इस तरह की सुविधा देने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। इस योजना का उद्देश्य कुष्ठ रोगियों को पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराना और उनके जीवन स्तर में सुधार लाना है।
क्या है योजना का उद्देश्य?
झारखंड सरकार का यह कदम कुष्ठ रोग के बोझ को कम करने और विकलांगता को रोकने के लिए उठाया गया है। राज्य में राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम (एनएलईपी) के तहत यह योजना शुरू की गई है। इसके अंतर्गत पुराने मरीजों को 12 महीने और नए मरीजों को 6 महीने तक हर महीने 500 रुपये की पोषण राशि दी जाएगी। यह राशि सीधे मरीजों के बैंक खाते में ट्रांसफर की जाएगी।
कैसे हो रही है मरीजों की खोज?
इस योजना को सफल बनाने के लिए झारखंड सरकार ने घर-घर जाकर कुष्ठ रोगियों की खोज शुरू कर दी है। इसके लिए एक विशेष खोजी दल बनाया गया है, जिसमें सहिया और पुरुष स्वैच्छिक कार्यकर्ता शामिल हैं। यह दल गांव-गांव जाकर त्वचा की जांच कर रहा है और संदिग्ध मरीजों की सूची तैयार कर रहा है।
खोजी दल द्वारा तैयार की गई सूची को पर्यवेक्षक चिकित्सकों के पास भेजा जाएगा, जो रोग की पुष्टि करेंगे। रोग की पुष्टि होने के बाद मरीज का निबंधन किया जाएगा और उनका उपचार शुरू कर दिया जाएगा। साथ ही, उन्हें पोषण राशि का हकदार भी बनाया जाएगा।
क्या है खोज अभियान का लक्ष्य?
झारखंड सरकार ने 30 जनवरी से 14 फरवरी तक "स्पर्श कुष्ठ जागरूकता अभियान" और "कुष्ठ खोज अभियान" शुरू किया है। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य राज्य से कुष्ठ रोग को पूरी तरह से खत्म करना है। अभियान के तहत 13,500 गांवों में खोज की जा रही है, जहां पिछले 5-7 वर्षों में कुष्ठ रोग के मामले सामने आए हैं।
स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अजय कुमार सिंह के अनुसार, इस अभियान में महिला बाल विकास और सामाजिक सुरक्षा विभाग भी सहयोग कर रहा है। उन्होंने बताया कि खोजी दल द्वारा पाए गए संदिग्ध मरीजों की जांच एचएससी, पीएचसी और सीएचसी में की जाएगी।
कुष्ठ रोग का इतिहास और झारखंड की पहल
कुष्ठ रोग भारत में सदियों से मौजूद एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या रही है। हालांकि, पिछले कुछ दशकों में इसके उन्मूलन के लिए कई कदम उठाए गए हैं। झारखंड सरकार ने भी इस दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। राज्य में कुष्ठ रोग के इलाज के लिए मल्टी ड्रग थेरेपी (एमडीटी) नि:शुल्क उपलब्ध कराई जा रही है।
इस नई योजना के साथ झारखंड ने कुष्ठ रोगियों के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। यह योजना न केवल मरीजों को वित्तीय सहायता प्रदान करेगी, बल्कि उन्हें समाज में सम्मान और सहानुभूति भी दिलाएगी।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि यह योजना कुष्ठ रोगियों के जीवन में बड़ा बदलाव ला सकती है। पोषण राशि से मरीजों को पौष्टिक भोजन मिलेगा, जो उनकी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करेगा और उन्हें जल्दी ठीक होने में मदद करेगा। साथ ही, यह योजना कुष्ठ रोग के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाने में भी मददगार साबित होगी।
झारखंड सरकार की यह पहल कुष्ठ रोगियों के लिए एक नई उम्मीद लेकर आई है। इस योजना के तहत मरीजों को न केवल वित्तीय सहायता मिलेगी, बल्कि उन्हें समाज में एक नई पहचान भी मिलेगी। अगर आप या आपके आसपास कोई कुष्ठ रोग से पीड़ित है, तो इस योजना का लाभ उठाने के लिए तुरंत संपर्क करें।
झारखंड सरकार की इस नई पहल के बारे में अधिक जानकारी के लिए हमारे साथ जुड़े रहें।
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