झारखंड क्षत्रिय महिला संघ का मल्हार कार्यक्रम: सांस्कृतिक धरोहर का उत्सव
झारखंड क्षत्रिय महिला संघ ने 23 अगस्त को जमशेदपुर में 'मल्हार' कार्यक्रम आयोजित किया। सावन क्वीन प्रतियोगिता और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने समां बांध दिया।
झारखंड क्षत्रिय महिला संघ ने 'मल्हार' कार्यक्रम में सजाई सांस्कृतिक रंगों की महफिल
झारखंड क्षत्रिय महिला संघ ने 23 अगस्त को सावन महोत्सव 'मल्हार' का आयोजन किया। यह कार्यक्रम जमशेदपुर के माइकल जॉन ऑडिटोरियम में हुआ। कार्यक्रम की शुरुआत झारखंड क्षत्रिय संघ के अध्यक्ष शंभूनाथ सिंह और महिला संघ की अध्यक्ष डॉ. कविता परमार ने दीप प्रज्वलित कर की। महासचिव मंजू सिंह, संरक्षिका कंचन सिंह, आशा सिंह, मंजू रानी सिंह, सीता सिंह, प्रतिमा सिंह, पूनम सिंह, सत्या सिंह, और चिंतामणि सिंह ने भी दीप प्रज्वलन में हिस्सा लिया।
मल्हार कार्यक्रम में मुख्य आकर्षण सावन क्वीन प्रतियोगिता रही। इस प्रतियोगिता में जज की भूमिका इनर व्हील की प्रेसिडेंट सारिका सिंह, व्यवसायी कोमल सिंह, राउंड टेबल से निधि सिंह और मनीषा सिंह ने निभाई। विभिन्न इकाइयों से चुनी गईं नौ प्रतिभागियों ने इस प्रतियोगिता में हिस्सा लिया। इनमें अनुष्का सिंह, सारिका सिंह, अंजू सिंह, रेखा सिंह, माधुरी राठौर, अर्चना सिंह, श्वेता सिंह, मोना सिंह और संजीत सिंह शामिल थीं।
सावन क्वीन प्रतियोगिता तीन चरणों में आयोजित की गई। पहले चरण में प्रतिभागियों ने खुद का परिचय क्षत्राणी के अंदाज में दिया। दूसरे चरण में प्रतिभागियों ने अपने टैलेंट का प्रदर्शन किया। तीसरे और अंतिम चरण में 'ब्यूटी विद ब्रेन' राउंड था, जिसमें प्रतिभागियों को ज्वलंत मुद्दों पर तुरंत ही अपने विचार रखने थे।
तीनों चरणों के बाद जजों ने संयुक्त रूप से अंक दिए। परिणामस्वरूप, आदित्यपुर इकाई की संगीता तीसरे स्थान पर रहीं। सीतारामडेरा इकाई की रेखा दूसरे स्थान पर और माधुरी पहले स्थान पर रहीं।
कार्यक्रम को सफल बनाने में सभी इकाइयों के अध्यक्ष और उनकी कमेटी के साथ-साथ केंद्रीय कमेटी का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा। सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से महिलाओं ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया।
गौरतलब है कि झारखंड क्षत्रिय महिला संघ ने 2012 में जमशेदपुर में सावन मिलन कार्यक्रम की नींव रखी थी। इसका मुख्य उद्देश्य घरेलू महिलाओं को तनाव मुक्त करना और उनकी छिपी हुई प्रतिभा को सामने लाना है।
कार्यक्रम में स्वागत भाषण डॉ. कविता परमार ने दिया। अंत में धन्यवाद ज्ञापन मंजू सिंह ने किया।
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