Jharkhand Crime Control: सीआइडी अब सोशल मीडिया पर गैरकानूनी कंटेंट पर होगी सख्त कार्रवाई!
झारखंड में सोशल मीडिया पर गैरकानूनी गतिविधियों पर सीआइडी को मिले नए अधिकार, अब गूगल और फेसबुक जैसी साइट्स पर गलत कंटेंट प्रसारित करने पर होगी कड़ी कार्रवाई।
रांची: झारखंड में अब सोशल मीडिया और अन्य ऑनलाइन प्लेटफार्मों पर गैरकानूनी गतिविधियों को बढ़ावा देने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण अधिसूचना जारी की है, जिसके तहत सीआइडी को अब सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे गूगल और फेसबुक पर गैरकानूनी पोस्टिंग करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने का अधिकार दिया गया है।
सोशल मीडिया पर क्या हो रहा है?
आजकल सोशल मीडिया एक शक्तिशाली माध्यम बन चुका है, जहां पर लोग बिना किसी प्रतिबंध के अपने विचार साझा करते हैं। लेकिन इसी प्लेटफार्म का दुरुपयोग भी तेजी से बढ़ रहा है। सोशल मीडिया पर धार्मिक उन्माद, आपत्तिजनक सामग्री, झूठी खबरें और अन्य गैरकानूनी गतिविधियां फैल रही हैं, जिनका प्रभाव समाज पर पड़ रहा है।
इसके कारण राज्य सरकार ने सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 79 की उप-धारा (3) के खंड (बी) के तहत यह अधिसूचना जारी की है। अब सीआइडी को इन गतिविधियों पर नजर रखने और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने का अधिकार मिल गया है।
सीआइडी को मिली विशेष शक्तियां
इस अधिसूचना के अनुसार, अब सीआइडी के पास यह अधिकार होगा कि वह गूगल, फेसबुक जैसे प्लेटफार्म पर यदि कोई गैरकानूनी सामग्री प्रसारित होती है, तो वह उस साइट से उसे हटाने के लिए संस्थान को नोटिस भेजेगी। यदि संस्थान उस सामग्री को हटाने में असफल रहता है, तो उस पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
सीआइडी अब सोशल मीडिया प्लेटफार्म्स के माध्यम से होने वाली हर गैरकानूनी गतिविधि पर नजर रखेगी, और दोषियों के खिलाफ सख्त कदम उठाएगी। पहले झारखंड पुलिस को केवल पोस्ट करने वाले व्यक्तियों पर कार्रवाई करने का अधिकार था, लेकिन अब सीआइडी के पास प्लेटफार्म के संचालकों पर भी कार्रवाई करने की शक्ति है।
क्या है सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 79 की उप-धारा (3) के खंड (बी)?
इस धारा के तहत, यदि कोई मध्यस्थ (जैसे गूगल या फेसबुक) जानकारी को गैरकानूनी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल होने से रोकने में विफल रहता है, तो उसे कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है। अगर उस साइट से संबंधित सामग्री को तुरंत हटाने का प्रयास नहीं किया जाता और सामग्री सार्वजनिक होती रहती है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
क्या प्रभाव पड़ेगा समाज पर?
सीआइडी को यह अधिकार मिलने से झारखंड में ऑनलाइन दुनिया में फैल रहे अवैध कंटेंट को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी। यह कदम समाज में होने वाली गलतफहमियों, हिंसा और नफरत फैलाने वाली सामग्री के प्रसार को रोकने में अहम साबित होगा। इसके अलावा, यह कदम सोशल मीडिया के जिम्मेदार उपयोग को बढ़ावा देगा और इसे अवैध कार्यों के लिए इस्तेमाल करने वालों को डराएगा।
गूगल और फेसबुक के लिए क्या हैं चुनौतियाँ?
गूगल, फेसबुक जैसे अंतरराष्ट्रीय प्लेटफार्मों के लिए यह एक चुनौतीपूर्ण स्थिति होगी। क्योंकि इन्हें अब झारखंड सरकार के निर्देशों का पालन करना होगा और अपनी साइट्स पर गैरकानूनी कंटेंट के प्रसार को रोकना होगा। यह इन प्लेटफार्म्स के लिए एक बड़ी जिम्मेदारी होगी, क्योंकि इन्हें राज्य सरकार के आदेशों का पालन करते हुए किसी भी प्रकार की गलत सामग्री को तेजी से हटाना होगा।
किसी भी गैरकानूनी पोस्ट के लिए सीआइडी कार्रवाई करेगी
अब तक झारखंड पुलिस केवल उन व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई कर सकती थी जो सोशल मीडिया पर गैरकानूनी पोस्ट करते थे। लेकिन अब सीआइडी के पास प्लेटफार्म के खिलाफ भी कार्रवाई करने का अधिकार होगा।
यह अधिसूचना सोशल मीडिया पर तेजी से बढ़ रही अवैध गतिविधियों को रोकने में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है, जिससे झारखंड में साइबर अपराधों को नियंत्रित किया जा सकेगा।
निष्कर्ष
झारखंड सरकार ने सोशल मीडिया पर फैल रही अवैध गतिविधियों को नियंत्रित करने के लिए एक सख्त कदम उठाया है। अब सीआइडी को मिले नए अधिकारों से झारखंड में साइबर अपराध पर कड़ी नजर रखी जाएगी और सोशल मीडिया का जिम्मेदार उपयोग सुनिश्चित किया जाएगा।
सोशल मीडिया प्लेटफार्म्स को अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी, ताकि उनका प्लेटफार्म अवैध गतिविधियों का हिस्सा न बने।
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