Jamshedpur Rural: चाकुलिया के कांटाबनी में पेयजल संकट, महिलाओं ने विधायक से चापाकल मरम्मत की की मांग
चाकुलिया के कांटाबनी गांव में पेयजल संकट, महिलाओं ने विधायक से चापाकल और सोलर बोरिंग की मरम्मत की मांग की। जानें इस संकट की पूरी कहानी और विधायक की पहल।
झारखंड के चाकुलिया प्रखंड के कांटाबनी गांव में पिछले कुछ महीनों से पेयजल संकट गहरा गया है। ग्रामीणों को इस समस्या का सामना करना पड़ रहा है, विशेष रूप से महिलाएं जो पानी के लिए हर दिन दो किलोमीटर दूर गांव से पानी लाने को मजबूर हैं। इस संकट को लेकर गांव की महिलाओं ने चाकुलिया विधायक समीर मोहंती से मुलाकात की और उनसे तत्काल कार्रवाई की मांग की। महिलाओं का कहना है कि गांव के एकमात्र चापाकल और सोलर बोरिंग महीनों से खराब पड़े हुए हैं, जिससे पेयजल की गंभीर समस्या पैदा हो गई है।
पानी का संकट: एक गांव की कहानी
चाकुलिया प्रखंड के बरडीकानपुर – कालापाथर पंचायत के कांटाबनी गांव के उपर टोला में स्थित 20 परिवारों के पास एक ही चापाकल और एक सोलर बोरिंग था, जो अब महीनों से ठप पड़ा हुआ है। इन दोनों का कामकाजी हालत में न होने से गांव के लोग खासकर महिलाएं पेयजल के लिए बहुत दूर-दूर से पानी लाने को मजबूर हैं। महिलाएं दिन-प्रतिदिन इस समस्या का सामना कर रही हैं, और उनका कहना है कि यह उनकी रोजमर्रा की जिंदगी के लिए एक बड़ी चुनौती बन चुका है।
महिलाओं ने उठाई आवाज
मंगलवार को इस समस्या को लेकर कांटाबनी गांव की महिलाएं चाकुलिया विधायक समीर मोहंती से मिलने उनके कार्यालय पहुंची। महिलाओं ने विधायक को एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें इस संकट के समाधान के लिए तुरंत कार्रवाई की मांग की गई। ज्ञापन में कहा गया कि पिछले कई महीनों से गांव के चापाकल और सोलर बोरिंग की मरम्मत नहीं हो पाई है, जिससे ग्रामीणों को पानी की भारी कमी हो रही है।
विधायक की पहल
महिलाओं की शिकायत सुनकर विधायक समीर मोहंती ने तुरंत कार्रवाई की। उन्होंने पेयजल विभाग के अधिकारियों से दूरभाष पर बात की और गांव की पानी की समस्या के बारे में उन्हें अवगत कराया। विधायक ने संबंधित विभाग को चापाकल और सोलर बोरिंग की मरम्मत शीघ्रता से करने का निर्देश दिया। विधायक की तत्परता से महिलाओं को उम्मीद है कि अब जल्द ही इस संकट का समाधान होगा।
गांव के लोग अब उम्मीद से हैं
कांटाबनी गांव की महिलाओं और ग्रामीणों ने विधायक की पहल की सराहना की है। वे उम्मीद कर रहे हैं कि जल्द ही उनका पानी का संकट हल हो जाएगा और वे अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में सुधार देख सकेंगे। इस बीच, गांव में कई प्रमुख लोग जैसे मानकी मांडी, छिता टुडू, हिरामनी मांडी, सुगदा हेम्ब्रम, सागुन हेम्ब्रम, नेहा टुडू और गुरूवाली हांसदा ने इस मुद्दे को लेकर अपने विचार व्यक्त किए और विधायक के समर्थन में आवाज उठाई।
इतिहास में पानी का संकट
यह समस्या केवल कांटाबनी गांव तक सीमित नहीं है। झारखंड के ग्रामीण इलाकों में पानी की कमी एक पुरानी समस्या है, जहां अक्सर जलापूर्ति की स्थिति गंभीर हो जाती है। ऐतिहासिक रूप से भी, राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में पानी की समस्या का समाधान प्राथमिकता नहीं रहा है। लेकिन अब, सरकारी अधिकारियों और स्थानीय नेताओं के बीच इस समस्या पर चर्चा बढ़ने के साथ, उम्मीद है कि जल्द ही जल संसाधन के विकास पर जोर दिया जाएगा।
कांटाबनी गांव में पेयजल संकट की समस्या को लेकर महिलाओं द्वारा उठाई गई आवाज और विधायक समीर मोहंती की तत्परता ने इस संकट को हल करने के लिए एक सकारात्मक कदम बढ़ाया है। अब यह देखना होगा कि संबंधित विभाग इस मामले में कितनी जल्दी कार्रवाई करता है और गांव के लोगों को जल संकट से राहत मिलती है। उम्मीद है कि इस कदम से ग्रामीण क्षेत्रों में जल संसाधन की समस्या हल होगी और लोगों को बेहतर जीवन सुविधा मिलेगी।
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