Jharkhand Revolution in Documentation : 15 Days में बनेगा जाति और निवास प्रमाण पत्र!
झारखंड सरकार ने जाति और निवास प्रमाण पत्र बनाने के लिए तय की नई समय सीमा। अब 15 दिनों में होगा प्रमाण पत्र जारी। जानें इस फैसले के असर और पूरी प्रक्रिया।
झारखंड में अब जाति और निवास प्रमाण पत्र बनवाने की प्रक्रिया पहले से तेज और आसान हो जाएगी।
झारखंड सरकार ने सिटीजन चार्टर के तहत इन प्रमाण पत्रों को समय सीमा के भीतर बनाने का फैसला किया है।
- जाति प्रमाण पत्र अब 15 दिनों में तैयार होगा।
- जबकि स्थानीय निवासी प्रमाण पत्र के लिए अधिकतम समय सीमा 30 दिन तय की गई है।
कार्मिक विभाग द्वारा 11 दिसंबर को जारी इस फैसले ने आम नागरिकों के लिए सरकारी सेवाओं की पहुंच को और भी प्रभावी बनाने का वादा किया है।
इतिहास में झांकें: क्यों जरूरी था यह सुधार?
भारत में जाति और निवास प्रमाण पत्रों की मांग शिक्षा, रोजगार और सामाजिक योजनाओं में उपयोग के लिए हमेशा से रही है।
लेकिन लंबे समय तक प्रमाण पत्र बनवाने में हफ्तों से लेकर महीनों का वक्त लगता था।
- झारखंड जैसे राज्यों में, जहां ग्रामीण इलाकों से आवेदन अधिक आते हैं, यह प्रक्रिया बेहद धीमी और जटिल थी।
- कई बार भ्रष्टाचार और लालफीताशाही की वजह से गरीब और जरूरतमंद लोग समय पर दस्तावेज़ नहीं बनवा पाते थे।
झारखंड सरकार का यह फैसला नागरिकों को राहत देने के लिए एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
क्या है नई प्रक्रिया?
जाति प्रमाण पत्र (जिला स्तर पर)
- जिम्मेदार अधिकारी: उपायुक्त
- समय सीमा: 15 दिन
- यदि तय समय में प्रमाण पत्र जारी नहीं होता है:
- पहली अपील: प्रमंडलीय आयुक्त (15 दिनों में निपटारा)
- दूसरी अपील: प्रधान सचिव या सचिव (अधिकतम 15 दिन में फैसला)
जाति प्रमाण पत्र (अनुमंडल स्तर पर)
- जिम्मेदार अधिकारी: अनुमंडल पदाधिकारी
- समय सीमा: 30 दिन
- तय समय सीमा में काम न होने पर:
- पहली अपील: उपायुक्त
- दूसरी अपील: प्रमंडलीय आयुक्त
स्थानीय निवासी प्रमाण पत्र
- जिम्मेदार अधिकारी: अनुमंडल अधिकारी
- समय सीमा: 30 दिन
- यदि प्रमाण पत्र तय समय में जारी न हो:
- पहली अपील: उपायुक्त
- दूसरी अपील: प्रमंडलीय आयुक्त
आवेदन सीधे मिलने पर
- जिम्मेदार अधिकारी: प्रखंड विकास पदाधिकारी (BDO) या अंचल अधिकारी (CO)
- समय सीमा: 15 दिन
सरकार ने कैसे सुनिश्चित की पारदर्शिता?
- हर सप्ताह नागरिकों की शिकायतों का निपटारा सुनिश्चित किया जाएगा।
- प्रमाण पत्र समय पर जारी न होने पर तीन-स्तरीय अपीलीय प्रक्रिया लागू की गई है।
- नागरिक अपनी शिकायतें संबंधित अधिकारियों के पास दर्ज करवा सकते हैं, और उन्हें 15 दिनों में जवाब मिलेगा।
झारखंड के नागरिकों के लिए क्या है फायदा?
- तेज़ और पारदर्शी प्रक्रिया:
सरकारी सेवाओं में देरी से निजात। - शिकायत निवारण:
तय समय सीमा में समाधान मिलने की गारंटी। - सरकारी योजनाओं में आसान पहुंच:
जाति और निवास प्रमाण पत्र समय पर बनवाने से शिक्षा, रोजगार और सामाजिक कल्याण योजनाओं का लाभ लेना आसान होगा।
भ्रष्टाचार पर रोकथाम की कोशिश
सरकार का यह कदम न केवल प्रक्रिया को तेज करेगा, बल्कि बिचौलियों और भ्रष्टाचार पर भी लगाम लगाएगा।
पहले जहां लोग महीनों तक चक्कर काटते थे, अब तय समय सीमा के भीतर समाधान मिलेगा।
झारखंड का प्रशासनिक सुधार
झारखंड सरकार का यह फैसला राज्य में डिजिटल इंडिया और ई-गवर्नेंस के लक्ष्य को आगे बढ़ाता है।
नागरिकों को यह जानकर राहत मिलेगी कि अब उनके प्रमाण पत्र समय पर बनेंगे।
आपको क्या लगता है, क्या यह फैसला सरकारी सेवाओं को बेहतर बनाएगा? अपनी राय साझा करें।
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