Jharkhand Swearing-in: हेमंत सोरेन सरकार के मंत्रियों ने ली शपथ, 6 दिसंबर को होगी महत्वपूर्ण कैबिनेट बैठक
झारखंड की नई हेमंत सोरेन सरकार के मंत्रियों ने शपथ ली। कैबिनेट की पहली बैठक 6 दिसंबर को होगी। जानिए सरकार के गठन और कैबिनेट कार्य योजना के बारे में।
रांची। झारखंड में हेमंत सोरेन की नई सरकार ने शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए अपने कैबिनेट मंत्रियों को शपथ दिलाई। इस मौके पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में 11 मंत्रियों ने एक साथ शपथ ली। इस नई सरकार के गठन के बाद यह पहला मौका है जब पूरी कैबिनेट एक साथ सक्रिय हुई है। अब मंत्रियों के कार्यों के बंटवारे के लिए 6 दिसंबर को दोपहर 3:00 बजे कैबिनेट बैठक का आयोजन किया गया है।
कैबिनेट की पहली बैठक में क्या होगा खास?
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपनी पिछली बैठक में कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी दी थी, जिसमें राज्य के विकास से संबंधित विभिन्न योजनाओं पर चर्चा की गई थी। अब, नई कैबिनेट के सभी मंत्रियों के शपथ ग्रहण के बाद, पहली बार पूरी कैबिनेट के साथ बैठक होगी। इस बैठक में मंत्रियों के बीच कार्यों का वितरण तय होगा और आने वाले दिनों में राज्य की विकास योजनाओं को तेजी से लागू करने की दिशा तय की जाएगी।
हेमंत सोरेन सरकार का ऐतिहासिक संदर्भ
हेमंत सोरेन ने पहली बार 2019 में झारखंड के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी और उनके नेतृत्व में राज्य में कई नई योजनाएं शुरू हुई थीं। उनकी सरकार को आम जनता के बीच से व्यापक समर्थन मिला है, खासकर आदिवासी और पिछड़े वर्गों के बीच। अब, इस नई सरकार के गठन के साथ, राज्य को उम्मीद है कि हेमंत सोरेन की टीम नए उत्साह और योजनाओं के साथ विकास की गति को और तेज करेगी।
मंत्रियों की भूमिका और कार्य योजना
शपथ ग्रहण के बाद अब मंत्रियों के बीच कार्यों का बंटवारा होगा। प्रत्येक मंत्री अपने-अपने विभागों के लिए रणनीतियों का प्रस्ताव तैयार करेंगे और राज्य के विकास में योगदान देने के लिए अपनी योजनाओं को लागू करेंगे। यह नई कैबिनेट बैठक राज्य की राजनीति और प्रशासन में एक नई शुरुआत मानी जा रही है।
जनता की प्रतिक्रिया
राज्य की जनता और राजनीतिक विश्लेषक इस बैठक का बड़ी उम्मीद से इंतजार कर रहे हैं। लोगों का मानना है कि हेमंत सोरेन की सरकार के नेतृत्व में झारखंड का विकास एक नई दिशा की ओर बढ़ेगा। इस बार सरकार की प्राथमिकताओं में शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और बुनियादी ढांचे को प्राथमिकता दी जाएगी।
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