Jamshedpur Initiative: महिला हिंसा और बदहाल वन स्टॉप सेंटर पर उठे सवाल, उपायुक्त को सौंपी मांगें
जमशेदपुर के वन स्टॉप सेंटर में सुविधाओं का अभाव, हिंसा की शिकार महिलाओं को नहीं मिल रहा समय पर सहारा। उपायुक्त से महिला प्रतिनिधिमंडल ने की सुधार की मांग।
जमशेदपुर के रेड क्रॉस भवन स्थित वन स्टॉप सेंटर, जिसे महिलाओं के लिए आपातकालीन सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से स्थापित किया गया था, अब अपनी बदहाली के चलते सुर्खियों में है। एनजीओ ‘युवा’ के सर्वे में खुलासा हुआ कि यह सेंटर अपनी मूलभूत जिम्मेदारियां निभाने में पूरी तरह विफल है।
2017 में निर्भया कांड के बाद पूरे देश में महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए वन स्टॉप सेंटर की शुरुआत हुई। जमशेदपुर के रेड क्रॉस भवन में भी बड़े उत्साह के साथ यह केंद्र स्थापित किया गया था।
- उद्देश्य:
हिंसा की शिकार महिलाओं को चिकित्सा, कानूनी और मनोवैज्ञानिक सहायता प्रदान करना। - वर्तमान स्थिति:
सेंटर में बुनियादी सुविधाओं की भारी कमी है। न तो घायल महिलाओं के इलाज की सुविधा है, न 24 घंटे संचालन का प्रबंध। सिक्योरिटी और पानी जैसी आवश्यक सुविधाएं भी नदारद हैं।
एनजीओ ‘युवा’ के सर्वे से खुलासा
एनजीओ ‘युवा’ ने हाल ही में वन स्टॉप सेंटर की स्थिति पर एक सर्वे किया।
- सर्वे के मुख्य बिंदु:
- घायल महिलाओं के इलाज की कोई सुविधा नहीं।
- सुरक्षा के लिए कोई गार्ड उपलब्ध नहीं।
- सेंटर का संचालन केवल खानापूर्ति के लिए।
- महिलाओं को रात के समय सहायता नहीं मिल पाती।
सर्वे के निष्कर्षों ने महिलाओं के लिए कार्यरत संगठनों और स्थानीय प्रशासन को झकझोर दिया।
महिला प्रतिनिधिमंडल ने उपायुक्त से की मुलाकात
एनजीओ ‘युवा’ की संस्थापक वर्णाली चक्रवर्ती के नेतृत्व में सामाजिक कार्यकर्ताओं और पत्रकारों का एक प्रतिनिधिमंडल उपायुक्त अनन्य मित्तल से मिला।
- प्रमुख मांगें:
- वन स्टॉप सेंटर को 24 घंटे सुचारू रूप से चलाने की व्यवस्था।
- सभी पंचायतों और स्कूलों में दिव्यांग अनुकूल शौचालय।
- मजदूर महिलाओं के लिए नि:शुल्क ग्राम गाड़ी।
- सरकारी कार्यालयों और अस्पतालों में रैंप और लिफ्ट की सुविधा।
उपायुक्त ने इन मांगों पर उचित पहल का भरोसा दिलाया।
महिला सुरक्षा: क्या हम सही दिशा में हैं?
महिला अधिकारों और सुरक्षा पर चर्चा के बीच यह सवाल उठता है कि क्या सरकारी योजनाएं वास्तव में जमीनी स्तर पर काम कर रही हैं।
- वन स्टॉप सेंटर का उद्देश्य:
इन केंद्रों का मकसद महिलाओं को हिंसा से बचाने के लिए त्वरित सहायता प्रदान करना है। - हकीकत में क्या हो रहा है:
- संसाधनों की कमी।
- संचालन में लापरवाही।
- महिलाओं की समस्याओं की अनदेखी।
सामाजिक कार्यकर्ता प्रभा जायसवाल का कहना है, "महिलाओं की सुरक्षा सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए। वन स्टॉप सेंटर का सही संचालन इसके लिए बेहद जरूरी है।"
क्या बदलाव संभव है?
महिला प्रतिनिधिमंडल की इस पहल ने एक सकारात्मक बदलाव की उम्मीद जगाई है।
- एनजीओ और प्रशासन का सहयोग:
‘युवा’ की रिपोर्ट ने महिलाओं की समस्याओं को उजागर किया है, लेकिन इसे सुधारने के लिए प्रशासन का सहयोग अनिवार्य है। - भविष्य की योजनाएं:
- इंफ्रास्ट्रक्चर सुधार।
- सेंटर को 24 घंटे चालू रखना।
- महिलाओं के लिए जागरूकता कार्यक्रम।
सुरक्षा और सहारा—हर महिला का अधिकार
जमशेदपुर का वन स्टॉप सेंटर जिस उद्देश्य के साथ शुरू किया गया था, वह अब एक सवालिया निशान बन चुका है। लेकिन महिला प्रतिनिधिमंडल और सामाजिक कार्यकर्ताओं की सक्रियता से यह उम्मीद की जा रही है कि प्रशासन इस दिशा में ठोस कदम उठाएगा।
What's Your Reaction?