जमशेदपुर में Traffic Problem: मानगो के जाम से परेशान जनता ने उठाई स्मार्ट ट्रैफिक मैनेजमेंट की मांग
जमशेदपुर के मानगो क्षेत्र में रोजाना लगने वाले ट्रैफिक जाम से परेशान जनता ने स्मार्ट ट्रैफिक मैनेजमेंट की मांग की। क्या फ्लाइओवर के बाद भी यह समस्या सुलझ पाएगी? पढ़ें पूरी खबर।
जमशेदपुर, 21 नवंबर 2024: जमशेदपुर के मानगो क्षेत्र में हर दिन लगने वाले भीषण ट्रैफिक जाम से जनता परेशान है। समस्या इतनी विकराल हो चुकी है कि यहां का सामान्य जनजीवन बाधित हो रहा है।
स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता मनोज मिश्रा ने एक बैठक के दौरान प्रशासन की निष्क्रियता पर सवाल उठाते हुए कहा कि जमशेदपुर का ट्रैफिक सिस्टम पूरी तरह से ध्वस्त हो चुका है। प्रशासन के पास इस समस्या का स्थायी समाधान सुझाने के लिए कोई ठोस योजना नहीं है।
फ्लाइओवर समाधान या दिखावा?
बैठक में लोगों ने सवाल उठाया कि क्या फ्लाइओवर का निर्माण ही ट्रैफिक समस्या का इकलौता समाधान है?
मनोज मिश्रा ने कहा:
"फ्लाइओवर बनने के बाद भी यदि ट्रैफिक पुलिस और प्रशासन ने व्यवस्था में सुधार नहीं किया, तो समस्या जस की तस बनी रहेगी।"
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस हेलमेट चेकिंग जैसे सतही उपायों में व्यस्त रहती है, जबकि ऑटो और अन्य कमर्शियल वाहनों के कागजात की कभी जांच नहीं होती।
स्मार्ट ट्रैफिक मैनेजमेंट की मांग
मनोज मिश्रा ने सुझाव दिया कि जमशेदपुर और मानगो को मेट्रो सिटी के तर्ज पर स्मार्ट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (एमटीएम) की जरूरत है।
देश के अन्य मेट्रो शहरों में यह प्रणाली जाम से निजात दिलाने और बेहतर ट्रैफिक संचालन में सफल रही है। एमटीएम के तहत,
- ट्रैफिक लाइट्स का स्मार्ट नियंत्रण,
- लाइव ट्रैफिक मॉनिटरिंग,
- अनियमित वाहनों पर कार्रवाई जैसी योजनाएं लागू होती हैं।
मानगो में हस्ताक्षर अभियान की योजना
बैठक में मौजूद लोगों ने ट्रैफिक समस्या का स्थायी समाधान न मिलने पर नाराजगी जाहिर की।
मनोज मिश्रा ने बताया कि मानगो क्षेत्र में जल्द ही हस्ताक्षर अभियान शुरू किया जाएगा। इस अभियान के जरिए जिला प्रशासन पर दबाव बनाया जाएगा कि वे स्मार्ट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम लागू करें।
उन्होंने कहा:
"घनी आबादी वाले शहरों में स्मार्ट ट्रैफिक मैनेजमेंट ने सफलतापूर्वक जाम की समस्या का समाधान किया है। जमशेदपुर में इसे लागू करना जरूरी है।"
बैठक में शामिल हुए ये लोग
बैठक में स्थानीय निवासी और सामाजिक कार्यकर्ता शामिल हुए, जिनमें प्रमुख नाम हैं:
- रेणु सिंह
- सुबोध कुमार
- निभा शुक्ला
- शंकर दत्ता
- किशोर वर्मा
- रीता देवी
- कल्पना झा
सभी ने एकमत होकर प्रशासन से इस समस्या का ठोस समाधान निकालने की अपील की।
जमशेदपुर का ट्रैफिक इतिहास
जमशेदपुर जैसे तेजी से विकसित हो रहे शहर में ट्रैफिक समस्या कोई नई बात नहीं है।
- पिछले एक दशक में, बढ़ते शहरीकरण के साथ वाहनों की संख्या में भारी वृद्धि हुई है।
- मानगो, साकची, और बिष्टुपुर जैसे व्यस्त क्षेत्रों में सड़कें पुरानी व्यवस्था के कारण भारी दबाव झेल रही हैं।
- 2015 में फ्लाइओवर योजना की घोषणा हुई थी, लेकिन यह ट्रैफिक की समस्या का केवल अस्थायी समाधान साबित हुआ।
क्या होगा आगे का रास्ता?
अब देखना यह है कि प्रशासन और ट्रैफिक विभाग जनता की मांगों पर क्या कदम उठाते हैं।
क्या जमशेदपुर का ट्रैफिक स्मार्ट सिस्टम के जरिए सुगम होगा, या यह समस्या अनसुलझी ही रह जाएगी?
आने वाले दिनों में होने वाला हस्ताक्षर अभियान और जनता का आक्रोश इस दिशा में बड़ा बदलाव ला सकता है।
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