Ranchi Action: स्कूली बच्चियों से छेड़खानी पर IG की सख्त कार्रवाई, चार पुलिसकर्मी सस्पेंड

रांची में स्कूली बच्चियों से छेड़खानी मामले में लापरवाही बरतने पर IG अखिलेश झा ने चार पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया। जानिए पूरा मामला।

Dec 17, 2024 - 17:02
Dec 17, 2024 - 17:08
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Ranchi Action: स्कूली बच्चियों से छेड़खानी पर IG की सख्त कार्रवाई, चार पुलिसकर्मी सस्पेंड
Ranchi Action: स्कूली बच्चियों से छेड़खानी पर IG की सख्त कार्रवाई, चार पुलिसकर्मी सस्पेंड

झारखंड की राजधानी रांची में स्कूली बच्चियों से छेड़खानी का एक मामला तूल पकड़ चुका है। घटना के बाद पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठने लगे, जिससे ना केवल स्थानीय लोगों में आक्रोश था बल्कि पुलिस प्रशासन की साख पर भी असर पड़ा। इस मामले में लापरवाही बरतने वाले चार पुलिसकर्मियों को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया गया है।

कैसे हुआ मामले का खुलासा?

घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद झारखंड पुलिस हरकत में आई।

  • डीजीपी अनुराग गुप्ता ने लिया संज्ञान:
    वीडियो सामने आते ही डीजीपी ने कड़ी कार्रवाई के आदेश दिए।
  • मामले की जांच:
    IG अखिलेश झा को जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई। जांच में पाया गया कि स्थानीय कोतवाली थाना और महिला थाना दोनों ने बच्चियों की शिकायत को गंभीरता से नहीं लिया।
  • गिरफ्तारी में देरी:
    आरोपी को घटना के अगले दिन गिरफ्तार किया गया, लेकिन पहले दिन की लापरवाही पुलिस की भूमिका पर सवाल खड़े करती है।

लापरवाही के दोषी कौन?

इस मामले में चार पुलिसकर्मी दोषी पाए गए:

  1. सनातन हेम्ब्रम (सहायक अवर निरीक्षक, कोतवाली थाना)
  2. अविनाश कुमार (मुंशी, कोतवाली थाना)
  3. उर्मिला कोरबा (एसआई, महिला थाना)
  4. उषा कुमारी (सहायक अवर निरीक्षक, महिला थाना)

जांच में पाया गया कि इन पुलिसकर्मियों ने शिकायत दर्ज करने के बावजूद समय पर कार्रवाई नहीं की।

पुलिस प्रशासन पर बढ़ा दबाव

इस घटना ने झारखंड पुलिस की कार्यप्रणाली पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया।

  • लोगों का गुस्सा:
    स्थानीय लोगों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस लापरवाही की निंदा की।
  • पुलिस की साख पर असर:
    रांची जैसे बड़े शहर में इस तरह की घटना और पुलिस की निष्क्रियता ने प्रशासन की कार्यशैली पर उंगलियां उठाई हैं।

क्या है वनस्परता में छेड़खानी की घटनाओं का इतिहास?

देश में स्कूली बच्चियों से छेड़छाड़ के मामले लंबे समय से चिंता का विषय रहे हैं।

  • निर्भया कांड (2012):
    इस घटना ने देशभर को झकझोर दिया और महिलाओं की सुरक्षा को लेकर नए कानून बने।
  • झारखंड में बढ़ते मामले:
    राज्य में महिलाओं और बच्चियों के खिलाफ अपराध की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं।
  • पुलिस की जिम्मेदारी:
    ऐसे मामलों में तुरंत कार्रवाई न केवल कानून व्यवस्था का हिस्सा है, बल्कि यह पीड़ितों के लिए न्याय का एकमात्र जरिया भी है।

IG अखिलेश झा की सख्त कार्रवाई

जांच पूरी होने के बाद IG अखिलेश झा ने चार पुलिसकर्मियों को निलंबित कर यह संदेश दिया है कि पुलिस प्रशासन में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

  • संदेश:
    दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई से यह स्पष्ट हो गया है कि कानून-व्यवस्था को लेकर पुलिस प्रशासन गंभीर है।
  • भविष्य की योजना:
    प्रशासन ने इस बात पर जोर दिया है कि इस तरह की घटनाओं से निपटने के लिए महिलाओं की सुरक्षा से जुड़े मामलों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।

एक सख्त कदम, मगर आगे का रास्ता लंबा

रांची की इस घटना ने झारखंड पुलिस को न केवल अपनी गलतियों से सबक लेने पर मजबूर किया, बल्कि यह भी साबित किया कि सही नेतृत्व में प्रशासन अपनी गलतियों को सुधार सकता है।

अब यह देखना होगा कि पुलिस प्रशासन इस घटना से सबक लेकर महिला सुरक्षा को प्राथमिकता देता है या फिर ऐसी लापरवाही दोबारा देखने को मिलेगी।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।