Jamshedpur Issue: झूलते तार और खस्ताहाल खंभे बने जान का खतरा, जिला पार्षद ने उठाई आवाज

जमशेदपुर के बागबेड़ा कीताडीह क्षेत्र में बिजली के जर्जर तार और खंभे बन रहे हैं खतरे का कारण। जिला पार्षद डॉ. कविता परमार ने बिजली विभाग से समाधान की अपील की।

Dec 17, 2024 - 16:42
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Jamshedpur Issue: झूलते तार और खस्ताहाल खंभे बने जान का खतरा, जिला पार्षद ने उठाई आवाज
Jamshedpur Issue: झूलते तार और खस्ताहाल खंभे बने जान का खतरा, जिला पार्षद ने उठाई आवाज

जमशेदपुर के बागबेड़ा कीताडीह जिला परिषद क्षेत्र में बिजली की बदहाल स्थिति ने लोगों की जिंदगी को जोखिम में डाल दिया है। कई पंचायतों और बस्तियों में बिजली के तार नीचे झूल रहे हैं, और खंभों की हालत इतनी खराब है कि कभी भी बड़ी दुर्घटना हो सकती है। इस समस्या को लेकर स्थानीय लोग लंबे समय से परेशान थे।

बस्तीवासियों की शिकायतें और बढ़ता खतरा

बजरंग टेकरी, रामनगर, गांधीनगर, पोस्तो नगर और प्रधान टोला जैसे इलाकों में बिजली के तार और खंभों की हालत बेहद खराब हो गई है।

  • स्थानीय समस्या: बिजली के झूलते तार बस्तीवासियों के लिए हर दिन एक नई चुनौती पेश कर रहे हैं।
  • दुर्घटनाओं का डर: इन जर्जर तारों की वजह से बिजली के झटके और आग लगने जैसी घटनाओं का खतरा बढ़ गया है।

बस्तीवासियों का कहना है कि कई बार शिकायतों के बाद भी स्थिति में कोई सुधार नहीं हो सका, जिसके कारण उन्होंने जिला पार्षद से मदद की अपील की।

जिला पार्षद डॉ. कविता परमार ने दिखाई सक्रियता

बिजली समस्या को लेकर जिला पार्षद डॉ. कविता परमार ने स्थानीय लोगों की शिकायतों को गंभीरता से लिया।

  • बिजली विभाग से मुलाकात: उन्होंने बिजली विभाग के कार्यपालक अभियंता से मिलकर इस मुद्दे पर चर्चा की और समस्या का जल्द समाधान करने का आग्रह किया।
  • पार्षद का बयान: "यह समस्या केवल बिजली की नहीं है, बल्कि लोगों की सुरक्षा से जुड़ी है। हम इसे प्राथमिकता से हल करेंगे।"

बिजली व्यवस्था का इतिहास और मौजूदा स्थिति

जमशेदपुर जैसे औद्योगिक शहर में बिजली आपूर्ति हमेशा से प्राथमिक मुद्दा रही है।

  • इतिहास की झलक:
    जमशेदपुर के औद्योगिक विकास के साथ बिजली आपूर्ति की मजबूत प्रणाली विकसित की गई थी, लेकिन शहरीकरण के दबाव ने धीरे-धीरे इस व्यवस्था को कमजोर कर दिया।
  • मौजूदा स्थिति:
    ग्रामीण और शहरी इलाकों के बीच संसाधनों के असमान वितरण की वजह से समस्याएं बढ़ रही हैं।

कार्यपालक अभियंता का आश्वासन

बिजली विभाग के कार्यपालक अभियंता ने स्थानीय प्रशासन और जनता को आश्वासन दिया कि समस्या का समाधान जल्द किया जाएगा।

  • कार्रवाई की योजना:
    उन्होंने बताया कि तकनीकी टीमों को समस्या वाले इलाकों में भेजा जाएगा।
  • नए खंभे और तारों की स्थापना:
    खस्ताहाल खंभों और झूलते तारों को बदलने का काम प्राथमिकता पर किया जाएगा।

स्थानीय प्रशासन का सहयोग और जनता की उम्मीदें

स्थानीय प्रशासन ने समस्या को सुलझाने की प्रक्रिया में पारदर्शिता और तेजी लाने का आश्वासन दिया है।

  • सरकार से उम्मीदें:
    लोगों को उम्मीद है कि सरकार और बिजली विभाग मिलकर इस समस्या का स्थायी समाधान निकालेंगे।
  • आवश्यक कदम:
    नियमित निरीक्षण और पुराने उपकरणों की जगह नई तकनीकों का इस्तेमाल इस समस्या को जड़ से खत्म कर सकता है।

क्या यह समस्या वाकई हल होगी?

झूलते बिजली तारों और खंभों की समस्या केवल जमशेदपुर तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पूरे झारखंड में आम है। सवाल यह है कि क्या यह सिर्फ एक और आश्वासन बनकर रह जाएगा, या वास्तव में जमीन पर बदलाव नजर आएगा?

सुरक्षा प्राथमिकता होनी चाहिए

बिजली विभाग और स्थानीय प्रशासन की यह जिम्मेदारी बनती है कि लोगों की जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। जिला पार्षद डॉ. कविता परमार की पहल ने उम्मीद जगाई है, लेकिन समस्या के स्थायी समाधान के लिए जनता और प्रशासन का सक्रिय सहयोग आवश्यक है।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।