Tatanagar: स्टेशन स्टॉल पर लगा जुर्माना, अन्य संचालकों में हड़कंप!
टाटानगर रेलवे स्टेशन के एमपीएस स्टॉल पर 10 हजार रुपये जुर्माना। विजिलेंस टीम की जांच के बाद अन्य स्टॉल संचालकों में मचा हड़कंप। जानिए पूरी खबर।
जमशेदपुर, 28 नवंबर 2024: टाटानगर रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर-1 पर स्थित मल्टी-पर्पस स्टॉल (एमपीएस) पर रेलवे नियमों का उल्लंघन करने के चलते 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है। इस कार्रवाई से स्टेशन पर अन्य स्टॉल संचालकों में भारी हड़कंप मच गया है।
यह जुर्माना दक्षिण पूर्व रेलवे जोन मुख्यालय कोलकाता से आए आदेश पर लगाया गया। 24 अक्टूबर 2024 को विजिलेंस टीम ने स्टेशन पर जांच अभियान चलाया था। टीम को एमपीएस संचालक अनुबंध से जुड़े दस्तावेज दिखाने में असफल रहा। इसके बाद मामला जोन मुख्यालय पहुंचा, जहां से यह कार्रवाई की गई।
कैसे हुई कार्रवाई?
रेलवे सूत्रों के अनुसार, दक्षिण पूर्व जोन की विजिलेंस टीम ने टाटानगर स्टेशन के सभी स्टॉलों की गहन जांच की। इस दौरान पाया गया कि कई स्टॉल रेलवे के नियमों और शर्तों का पालन नहीं कर रहे थे।
एमपीएस संचालक टीम को जरूरी दस्तावेज नहीं दिखा सके, जिसके चलते 10 हजार रुपये जुर्माने का आदेश जारी किया गया।
अन्य स्टॉल संचालकों में मचा हड़कंप
एमपीएस स्टॉल पर कार्रवाई के बाद से स्टेशन के अन्य स्टॉल संचालकों में चिंता का माहौल है। जानकारी के मुताबिक, विजिलेंस टीम ने कई अन्य स्टॉलों के खिलाफ भी रिपोर्ट तैयार कर गार्डेनरीच भेजी है।
विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले दिनों में अन्य स्टॉल संचालकों पर भी कार्रवाई हो सकती है, और उन्हें भी जुर्माना भरने का नोटिस जारी किया जा सकता है।
रेलवे नियमों का पालन क्यों है जरूरी?
रेलवे स्टेशन पर मौजूद स्टॉल संचालकों को रेलवे के नियमों और अनुबंध शर्तों का सख्ती से पालन करना अनिवार्य है। इन नियमों का मकसद यात्रियों को उच्च गुणवत्ता वाली सेवाएं प्रदान करना और स्टेशन पर व्यवस्था बनाए रखना है।
इतिहास पर नजर डालें तो भारतीय रेलवे ने पहले भी कई बार नियमों का उल्लंघन करने वाले स्टॉल संचालकों पर भारी जुर्माना लगाया है। रेलवे का मानना है कि ऐसा कदम न केवल अनुशासन बनाए रखने के लिए जरूरी है, बल्कि इससे यात्रियों के अनुभव को भी बेहतर किया जा सकता है।
क्या कहता है इतिहास?
रेलवे स्टेशन पर स्टॉल संचालन का इतिहास ब्रिटिश शासनकाल तक जाता है, जब छोटे दुकानदारों को प्लेटफॉर्म पर भोजन, पानी और अन्य जरूरी सामान बेचने की अनुमति दी गई थी। समय के साथ, रेलवे ने इन सेवाओं को प्रायोजित अनुबंध के माध्यम से संगठित किया।
आज, स्टॉल संचालकों को सख्त अनुबंध के तहत काम करना होता है। अनुबंध न होने या उसके उल्लंघन पर रेलवे कड़ी कार्रवाई करता है।
टाटानगर स्टेशन: झारखंड का प्रमुख स्टेशन
टाटानगर रेलवे स्टेशन, झारखंड के सबसे व्यस्त स्टेशनों में से एक है। यह स्टेशन दक्षिण पूर्व रेलवे के महत्वपूर्ण मार्गों पर स्थित है और रोजाना हजारों यात्री यहां से यात्रा करते हैं। स्टेशन पर साफ-सफाई और उच्च गुणवत्ता वाली सेवाएं रेलवे की प्राथमिकता हैं।
स्थानीय व्यवसाय पर असर
इस जुर्माने के बाद स्टेशन पर संचालित अन्य स्टॉल संचालक अनुबंध और कागजी कार्रवाई को लेकर सतर्क हो गए हैं। हालांकि, कुछ स्थानीय व्यापारियों का कहना है कि ऐसे जुर्माने से छोटे व्यवसाय प्रभावित हो सकते हैं।
स्टॉल संचालकों की ओर से मांग की जा रही है कि रेलवे दस्तावेज प्रक्रिया को सरल बनाए और उन्हें नियमों का पालन करने के लिए पर्याप्त समय दे।
क्या है आगे की संभावना?
रेलवे का कहना है कि वह सभी स्टॉलों की जांच जारी रखेगा। यात्रियों को उच्च गुणवत्ता की सेवाएं देने के लिए रेलवे जीरो टॉलरेंस पॉलिसी अपनाने के मूड में है।
इस बीच, जुर्माना वसूली की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और अन्य स्टॉल संचालकों को सतर्क रहने की सलाह दी जा रही है।
यात्रियों का क्या कहना है?
यात्रियों का मानना है कि यह कदम सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार के लिए जरूरी है। हालांकि, कुछ यात्रियों ने स्टॉल संचालकों को वित्तीय मदद देने की भी अपील की है, ताकि वे नियमों का पालन करने में सक्षम हो सकें।
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