Jamshedpur Admission: गरीब बच्चों का भविष्य संकट में! प्रवेश तिथि बढ़ाने की उठी मांग
जमशेदपुर के निजी स्कूलों में गरीब और कमजोर वर्ग के बच्चों का नामांकन संकट में! बीपीएल प्रमाण पत्र न बनने के कारण अंतिम तिथि बढ़ाने की मांग। पढ़ें पूरी खबर।

झारखंड के जमशेदपुर में गरीब और कमजोर वर्ग के बच्चों की शिक्षा पर एक नया संकट मंडरा रहा है। शहर के निजी स्कूलों में प्रवेश कक्षा (Entry-Level) की आरक्षित सीटों पर नामांकन के लिए अंतिम तिथि 20 फरवरी 2025 तय की गई है। लेकिन बड़ी संख्या में ऐसे बच्चे हैं, जिनका बीपीएल (BPL) आय प्रमाण पत्र अभी तक तैयार नहीं हुआ है।
अगर समय रहते इस समस्या का समाधान नहीं हुआ, तो कई अभिवंचित बच्चे (Underprivileged Children) शिक्षा से वंचित रह जाएंगे। इस गंभीर स्थिति को देखते हुए, जमशेदपुर अभिभावक संघ के अध्यक्ष डॉ. उमेश कुमार ने उपायुक्त को पत्र लिखकर नामांकन की अंतिम तिथि 15 दिन बढ़ाने की मांग की है।
गरीब बच्चों के लिए शिक्षा: एक ऐतिहासिक संघर्ष
भारत में शिक्षा को मौलिक अधिकार माना गया है, लेकिन गरीब और कमजोर वर्ग के बच्चों को इसका लाभ मिलने में हमेशा संघर्ष करना पड़ा है। सर्व शिक्षा अभियान (2001) और निःशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा अधिनियम (RTE) 2009 के तहत यह सुनिश्चित किया गया कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के बच्चों को भी निजी स्कूलों में प्रवेश मिले।
लेकिन, जमीनी हकीकत इससे अलग है। कागजी कार्यवाही और सरकारी प्रक्रियाओं में देरी के कारण हर साल हजारों बच्चे शिक्षा से वंचित रह जाते हैं। जमशेदपुर में यही स्थिति एक बार फिर देखने को मिल रही है, जहां बीपीएल प्रमाण पत्र न बनने के कारण गरीब बच्चों का नामांकन रुक सकता है।
क्या है समस्या और क्यों जरूरी है तिथि बढ़ाना?
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बीपीएल प्रमाण पत्र में देरी:
- हजारों गरीब परिवारों ने अपने बच्चों के नामांकन के लिए बीपीएल प्रमाण पत्र के लिए आवेदन किया था।
- लेकिन, अंचल कार्यालय में लंबित फाइलों और धीमी सरकारी प्रक्रिया के कारण यह प्रमाण पत्र अभी तक नहीं बना है।
- 20 फरवरी की अंतिम तिथि तक इसके बनने की संभावना भी नहीं दिख रही।
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बिना प्रमाण पत्र के नामांकन असंभव:
- निजी स्कूलों में आरक्षित सीटों पर नामांकन के लिए बीपीएल प्रमाण पत्र अनिवार्य है।
- यदि यह समय पर नहीं बना, तो हजारों बच्चे आवेदन से वंचित रह जाएंगे।
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सरकारी लापरवाही के कारण बच्चों का नुकसान:
- यह सरकार की जिम्मेदारी है कि वह इन बच्चों को शिक्षा का अधिकार दिलाए।
- प्रशासनिक सुस्ती के कारण बच्चों को उनके अधिकार से वंचित करना न केवल अन्याय है, बल्कि कानून के खिलाफ भी है।
जमशेदपुर अभिभावक संघ की मांग: 15 दिन की हो तिथि वृद्धि
इस गंभीर स्थिति को देखते हुए, जमशेदपुर अभिभावक संघ के अध्यक्ष डॉ. उमेश कुमार ने उपायुक्त को पत्र लिखकर दो प्रमुख मांगें रखी हैं:
- 20 फरवरी 2025 की अंतिम तिथि को 15 दिन और बढ़ाया जाए, ताकि सभी बच्चों के बीपीएल प्रमाण पत्र बन सकें और वे प्रवेश के लिए आवेदन कर सकें।
- अंचल कार्यालय को निर्देश दिया जाए कि वे बीपीएल प्रमाण पत्र बनाने की प्रक्रिया में तेजी लाएं, ताकि कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ और सामाजिक कार्यकर्ता?
शिक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि सरकारी प्रक्रियाओं की धीमी गति के कारण गरीब बच्चों को सबसे ज्यादा नुकसान झेलना पड़ता है। एक सामाजिक कार्यकर्ता ने कहा,
“जब सरकार ने गरीब बच्चों के लिए आरक्षित सीटें तय की हैं, तो उन्हें यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि वे बच्चों को समय पर दस्तावेज उपलब्ध कराएं। प्रशासन की लापरवाही के कारण किसी भी बच्चे को शिक्षा से वंचित नहीं किया जाना चाहिए।”
अब क्या करेगी सरकार?
अब सवाल यह है कि क्या सरकार इस मांग को स्वीकार करेगी?
- यदि तिथि नहीं बढ़ाई गई, तो हजारों गरीब बच्चे शिक्षा से वंचित हो जाएंगे।
- यदि प्रशासन जल्द कदम उठाए, तो इन बच्चों का भविष्य बचाया जा सकता है।
- क्या उपायुक्त महोदय इस मुद्दे को गंभीरता से लेकर उचित कदम उठाएंगे?
जनता की राय: आप क्या सोचते हैं?
क्या आपको लगता है कि प्रशासन को तुरंत तिथि बढ़ाने का फैसला लेना चाहिए? या फिर गरीब बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है? अपनी राय नीचे कमेंट करें और इस खबर को शेयर करें, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों तक यह मुद्दा पहुंचे।
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