Mango Nagar Nigam: जमशेदपुर में कचड़ा निष्पादन संकट, क्या प्रशासन की लापरवाही से और बिगड़ेगी स्थिति?
जमशेदपुर के मानगो क्षेत्र में कचड़ा निष्पादन की बिगड़ी व्यवस्था, विधायक सरयू राय के नेतृत्व में प्रशासन से कड़ी कार्रवाई की मांग। जानें क्या हो रहा है इस समस्या का समाधान।
जमशेदपुर में पिछले पांच वर्षों में कचड़ा निष्पादन व्यवस्था की बिगड़ी स्थिति के कारण मानगो नगर निगम क्षेत्र में समस्या विकराल रूप ले चुकी है। पूर्व विधायक और उनकी सरकार तथा मानगो नगर निगम द्वारा इस क्षेत्र में ठोस कार्य योजना न बनाने के कारण कचड़े का ढेर गली-मोहल्लों में लग चुका है, जिससे नागरिकों के लिए जीवन यापन मुश्किल हो गया है।
विधायक सरयू राय के नेतृत्व में वरिष्ठ नेता सुबोध श्रीवास्तव ने प्रशासन को कड़ी चेतावनी दी है और कचड़ा निष्पादन की प्रक्रिया को जल्द से जल्द बहाल करने की मांग की है। साथ ही, उन्होंने प्रशासन से यह भी कहा कि अगर तत्काल कार्रवाई नहीं की गई, तो वे आंदोलन का रास्ता अख्तियार करेंगे।
क्या है कचड़ा निष्पादन का संकट?
मानगो नगर निगम क्षेत्र में पिछले कुछ महीनों से डोर टू डोर कचड़ा उठाव की प्रक्रिया पूरी तरह से ठप हो गई है। नतीजतन, हर गली और मोहल्ले में कचड़े का अंबार लग गया है, जो न सिर्फ स्वास्थ्य संकट का कारण बन रहा है, बल्कि सामाजिक असंतोष भी उत्पन्न कर रहा है। पूर्व जेएमएम-कांग्रेस सरकार और प्रशासन की उदासीनता के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई है, जिससे स्थानीय लोग परेशान हैं और अपनी समस्याओं का समाधान चाहते हैं।
सुबोध श्रीवास्तव ने इस संकट के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि यदि कचड़े का निष्पादन और डोर टू डोर कचड़ा उठाव की प्रक्रिया को पुनः शुरू नहीं किया गया, तो वे सरकार और जिला प्रशासन के खिलाफ आंदोलन करेंगे। उनका कहना था कि यह समस्या केवल स्थानीय स्तर पर नहीं, बल्कि पूरे शहर में बढ़ रही है और इसके समाधान के लिए तत्काल कदम उठाए जाने चाहिए।
क्या कदम उठाए जाएंगे?
सुबोध श्रीवास्तव और उनके प्रतिनिधिमंडल ने उप नगर आयुक्त सुरेश यादव से मुलाकात की और कचड़ा निष्पादन के लिए जल्द से जल्द विकल्प तैयार करने की मांग की। उन्होंने कहा कि प्रशासन को कचड़ा निष्पादन के लिए तत्काल कदम उठाने चाहिए, ताकि सड़कों पर बिखरे कचड़े को जल्द से जल्द हटाया जा सके और लोगों को राहत मिल सके।
उप नगर आयुक्त सुरेश यादव ने इस बात का आश्वासन दिया कि कचड़े का निष्पादन करने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था शीघ्र तैयार की जा रही है। इसके साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि जिला प्रशासन की बैठक चल रही है, जिसमें कचड़े के प्रभावी निष्पादन के उपायों पर चर्चा की जा रही है।
क्या कहता है इतिहास?
मानगो नगर निगम के कचड़ा निष्पादन की समस्या पहली बार नहीं उठ रही है। इससे पहले भी झारखंड में कई स्थानों पर इस प्रकार की समस्याएं सामने आई हैं, जहां प्रशासन की लापरवाही के कारण स्वच्छता की स्थिति बिगड़ी है। लेकिन जमशेदपुर में यह समस्या अधिक गंभीर हो गई है क्योंकि यहां के लोग पहले से ही स्वच्छता अभियान में भागीदारी दिखा रहे हैं और उन्हें स्वच्छता के लिए सरकारी प्रयासों में नाकामयाबी के कारण निराशा का सामना करना पड़ रहा है।
सफाई व्यवस्था पर कड़ी नजर
यह मुद्दा सिर्फ कचड़ा उठाव तक सीमित नहीं है, बल्कि यह स्वच्छता अभियान और नगर निगम की कार्यशैली पर भी सवाल उठाता है। क्षेत्रवासियों की माने तो कचड़ा निष्पादन, पानी की आपूर्ति, और सड़क निर्माण जैसी बुनियादी समस्याओं पर उचित ध्यान नहीं दिया गया, जिससे नागरिकों में असंतोष बढ़ा है।
सुबोध श्रीवास्तव और उनके सहयोगियों ने इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि प्रशासन को स्वच्छता के लिए ठोस कार्य योजना बनानी चाहिए और इस पर जल्दी से जल्दी काम शुरू करना चाहिए।
क्या है अगला कदम?
जमशेदपुर में सफाई की स्थिति को सुधारने के लिए प्रशासन द्वारा उठाए जाने वाले कदमों का नागरिक बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। वहीं, सुबोध श्रीवास्तव और उनके प्रतिनिधिमंडल ने चेतावनी दी है कि अगर कचड़ा उठाव की प्रक्रिया को तुरंत नहीं बहाल किया गया और स्वच्छता के लिए ठोस योजना नहीं बनाई गई, तो नागरिकों की ओर से सख्त विरोध और आंदोलन किया जाएगा।
इस बीच, यह देखना होगा कि मानगो नगर निगम और जिला प्रशासन इस समस्या का समाधान कब तक निकालते हैं और क्या वे नागरिकों के स्वास्थ्य और स्वच्छता की स्थिति में सुधार कर पाते हैं।
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