Jamshedpur Protest: ट्रेलर यूनियन की आर-पार की लड़ाई, जल्द होगा बड़ा आंदोलन

जमशेदपुर ट्रेलर ओनर यूनियन ने जाम, ट्रेलर चालकों की समस्याओं और रेट घटाने को लेकर आंदोलन का ऐलान किया। जानिए बैठक की पूरी चर्चा और आगे की रणनीति।

Dec 13, 2024 - 13:50
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Jamshedpur Protest: ट्रेलर यूनियन की आर-पार की लड़ाई, जल्द होगा बड़ा आंदोलन
Jamshedpur Protest: ट्रेलर यूनियन की आर-पार की लड़ाई, जल्द होगा बड़ा आंदोलन

जमशेदपुर: शहर में बढ़ती जाम की समस्या, ट्रेलर चालकों के शोषण और रेट में लगातार कटौती से आहत जमशेदपुर ट्रेलर ओनर यूनियन ने आर-पार की लड़ाई का ऐलान कर दिया है। शुक्रवार को यूनियन कार्यालय में आयोजित बैठक में आंदोलन की रणनीति पर चर्चा हुई।

यूनियन के अध्यक्ष जयकिशोर सिंह ने कहा कि बरमामाइंस और आसपास के क्षेत्रों में 24 घंटे जाम की स्थिति रहती है। इस समस्या से न केवल ट्रेलर चालक बल्कि आम जनता भी प्रभावित हो रही है। स्थिति इतनी गंभीर है कि एंबुलेंस को भी रास्ता नहीं मिल पाता।

यूनियन की शिकायतें और बढ़ते असंतोष की कहानी

1. ट्रैफिक जाम का कहर:
बरमामाइंस पार्किंग से लेकर पूरे इलाके में ट्रक और ट्रेलर के कारण भीषण जाम की समस्या बनी रहती है। यूनियन का कहना है कि टाटा कंपनी प्रबंधन इस मुद्दे को हल करने में असफल रही है।

2. रेट कटौती:
यूनियन ने आरोप लगाया कि कंपनी द्वारा बाहर से लोगों को टेंडर देकर स्थानीय ट्रेलर मालिकों को नजरअंदाज किया जा रहा है। इससे रेट में लगातार गिरावट हो रही है, जिससे लोकल ट्रेलर ओनर्स और उनके कर्मचारियों की आजीविका पर असर पड़ा है।

3. प्रदूषण और अन्य समस्याएं:
जयकिशोर सिंह ने कहा, "कंपनी का प्रदूषण यहां के स्थानीय निवासियों को झेलना पड़ रहा है, लेकिन ठेका बाहरी लोगों को दिया जा रहा है। यह स्थिति अब असहनीय हो गई है।"

ट्रेलर यूनियन का इतिहास: संघर्ष और समस्याएं

जमशेदपुर ट्रेलर ओनर यूनियन की स्थापना का उद्देश्य स्थानीय ट्रेलर मालिकों और चालकों के हितों की रक्षा करना था।

  • पिछली लड़ाई: 2000 के दशक में भी यूनियन ने रेट में गिरावट और पार्किंग सुविधाओं की कमी को लेकर आंदोलन किया था।
  • वर्तमान समस्या: बढ़ती जाम और कंपनी प्रबंधन की नीतियों ने यूनियन को फिर से सड़क पर उतरने के लिए मजबूर कर दिया है।

आर-पार की लड़ाई की तैयारी

यूनियन ने स्पष्ट कर दिया है कि यदि कंपनी चार से पांच दिनों के भीतर उनकी समस्याओं का समाधान नहीं करती, तो वे कंपनी के उत्पादन को बाधित करेंगे।

  • आंदोलन की योजना:
    • पहले चरण में शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन।
    • अगर समाधान नहीं निकला, तो ट्रेलर और ट्रकों की आवाजाही रोकने की योजना।

जयकिशोर सिंह ने कहा, "हमारे पास अब धैर्य का समय नहीं है। कंपनी ने यदि जल्द समाधान नहीं निकाला, तो यूनियन आर-पार की लड़ाई लड़ेगी।"

स्थानीय जनता और प्रशासन की भूमिका

स्थानीय नागरिकों ने भी यूनियन की शिकायतों का समर्थन किया है।

  • जाम की समस्या ने आम लोगों की दिनचर्या को प्रभावित किया है।
  • एंबुलेंस जैसी आपातकालीन सेवाओं में बाधा से स्थिति और गंभीर हो गई है।

यूनियन ने जिला प्रशासन से हस्तक्षेप की मांग की है।

क्या होगा आंदोलन का असर?

यदि यूनियन द्वारा उत्पादन बाधित किया गया, तो इसका सीधा असर टाटा कंपनी की कार्यक्षमता पर पड़ेगा।

  • कंपनी को आर्थिक नुकसान: उत्पादन रुकने से आपूर्ति श्रृंखला प्रभावित हो सकती है।
  • स्थानीय मुद्दों का समाधान: आंदोलन सफल रहा, तो स्थानीय ट्रेलर मालिकों और चालकों की समस्याएं हल हो सकती हैं।

जमशेदपुर ट्रेलर ओनर यूनियन का आंदोलन सिर्फ ट्रेलर चालकों की समस्या का मुद्दा नहीं है, बल्कि यह स्थानीय रोजगार, यातायात प्रबंधन और कंपनी की जिम्मेदारी पर भी सवाल उठाता है।

क्या टाटा कंपनी यूनियन की मांगों को मानेगी, या फिर यह आंदोलन बड़े संघर्ष का रूप ले लेगा?
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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।