Jamshedpur Traffic: पार्किंग विवाद ने बढ़ाया ट्रैफिक जाम, चालान और झगड़ों का बना केंद्र
जमशेदपुर में ट्रैफिक व्यवस्था बदहाल, पार्किंग और नो पार्किंग बोर्ड के बीच तालमेल की कमी ने लोगों को किया परेशान। जानें कैसे सड़क पर अतिक्रमण और गलत पार्किंग ने शहर को जाम से बेहाल कर दिया है।
जमशेदपुर के चौक-चौराहों और सड़कों पर अतिक्रमण और अव्यवस्थित पार्किंग ने ट्रैफिक की समस्या को विकराल बना दिया है। जहां एक ओर जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति (जेएनएसी) सड़कों के किनारे पार्किंग के लिए जगह आवंटित कर शुल्क वसूलती है, वहीं दूसरी ओर ट्रैफिक पुलिस ने इन्हीं जगहों पर नो पार्किंग का बोर्ड लगाकर चालान काटने की प्रक्रिया तेज कर दी है।
इस विरोधाभास ने वाहन चालकों को भ्रमित कर दिया है कि वाहन कहां खड़ा करें और कहां नहीं। इस समस्या के कारण चालान कटने, विवाद, और झगड़े की घटनाएं बढ़ रही हैं।
इतिहास में पार्किंग विवाद और ट्रैफिक का बढ़ता दबाव
देशभर में बढ़ते शहरीकरण और वाहन संख्या ने पार्किंग की समस्या को गंभीर बना दिया है। 1990 के दशक में, पार्किंग केवल मुख्य बाजार क्षेत्रों तक सीमित थी। जैसे-जैसे शहर बढ़ा, सड़कें पार्किंग जोन में तब्दील हो गईं। जमशेदपुर जैसे शहर में, जहां उद्योग और व्यापारिक गतिविधियां तेजी से बढ़ी हैं, पार्किंग की समस्या और गंभीर हो गई है।
पहले, ट्रैफिक पुलिस और नगर निगम मिलकर पार्किंग और नो पार्किंग क्षेत्र निर्धारित करते थे। लेकिन अब दोनों विभागों में तालमेल की कमी ने हालात बदतर कर दिए हैं।
पार्किंग और नो पार्किंग के विवादित क्षेत्र
- बिष्टुपुर पीएम मॉल: यहां जेएनएसी ने पार्किंग की अनुमति दी है, जबकि पास में ट्रैफिक पुलिस ने नो पार्किंग का बोर्ड लगा रखा है।
- साकची बाजार: यहां सड़कों के किनारे वाहनों की भरमार है। आधी सड़क पार्किंग से घिरी रहती है, जिससे जाम और हादसों की आशंका बढ़ जाती है।
- गोलमुरी और झंडा चौक: ये क्षेत्र अनाधिकृत पार्किंग का हॉटस्पॉट बन चुके हैं, जहां वाहन चालकों को अक्सर चालान का सामना करना पड़ता है।
ट्रैफिक व्यवस्था में खामियां और समाधान की दरकार
सीसीटीवी और चालान का खेल
शहर के कई क्षेत्रों में नो पार्किंग का बोर्ड नहीं लगा है, जिससे लोग अनजाने में नियम तोड़ बैठते हैं। ट्रैफिक पुलिस के सीसीटीवी कैमरे ऐसे चालकों पर पैनी नजर रखते हैं।
आधिकारिक पार्किंग और विवादित चालान
जेएनएसी द्वारा अधिकृत पार्किंग क्षेत्रों में चालान काटने के कारण लोगों में नाराजगी है। वाहन चालकों का कहना है कि जब वे पर्ची लेकर पार्किंग करते हैं, तब भी चालान काट दिया जाता है।
सड़कों का अतिक्रमण और जाम
शहर के मुख्य बाजार क्षेत्रों में दुकानदारों द्वारा किए गए अतिक्रमण और अनधिकृत पार्किंग से ट्रैफिक जाम एक नियमित समस्या बन गया है।
प्रमुख पार्किंग क्षेत्र और अनाधिकृत स्थान
पार्किंग एरिया:
- बिष्टुपुर पोस्ट ऑफिस से लाइट सिग्नल तक
- साकची भोला महाराज स्वीट्स के पीछे
- साकची बाजार के डालडा लाइन और आम बागान एरिया
- गोलमुरी पेट्रोल पंप और आकाशदीप प्लाजा
अनाधिकृत क्षेत्र:
- झंडा चौक से आरडी टाटा गोलचक्कर
- गोलमुरी चौक पेट्रोल पंप और होटल दयाल इंटरनेशनल के आसपास
क्या कहते हैं अधिकारी?
कृष्ण कुमार (उप नगर आयुक्त, जेएनएसी):
"पार्किंग शुल्क वसूलने के लिए टेंडर जारी कर सड़क किनारे जगह नीलाम की जाती है। इससे राजस्व संग्रह होता है और नियमों का पालन किया जाता है।"
नीरज (ट्रैफिक डीएसपी):
"जाम को नियंत्रित करने के लिए नो पार्किंग क्षेत्र चिन्हित किए गए हैं। कई जगह स्थानीय थाने के स्तर से बोर्ड लगाए गए हैं।"
समाधान के लिए सुझाव
- समन्वय बढ़ाना: ट्रैफिक पुलिस और जेएनएसी को मिलकर पार्किंग और नो पार्किंग क्षेत्रों को स्पष्ट रूप से चिन्हित करना चाहिए।
- जागरूकता अभियान: वाहन चालकों को नियमों के बारे में जागरूक करने के लिए व्यापक अभियान चलाया जाए।
- डिजिटल पार्किंग सिस्टम: पार्किंग स्लॉट बुकिंग और चालान से बचाव के लिए डिजिटल तकनीक का उपयोग किया जाए।
- अतिक्रमण हटाना: सड़क किनारे के अतिक्रमण को हटाने के लिए सख्त कदम उठाए जाएं।
जमशेदपुर में ट्रैफिक और पार्किंग की समस्या ने न केवल सड़क पर अराजकता बढ़ाई है, बल्कि लोगों के समय और धन की भी बर्बादी की है। इसे सुलझाने के लिए प्रशासन और जनता को मिलकर प्रयास करना होगा।
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