Jamshedpur Tribute – नेताजी के सपनों का भारत: क्या होता अगर देश उनके नेतृत्व में आजाद हुआ होता?

जमशेदपुर में नेताजी सुभाष चंद्र बोस को सरयू राय ने दी श्रद्धांजलि। जानें, अगर नेताजी के नेतृत्व में भारत आजाद होता तो क्या देश बंटता? मैदान के सौंदर्यीकरण की योजना।

Jan 23, 2025 - 13:50
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Jamshedpur Tribute – नेताजी के सपनों का भारत: क्या होता अगर देश उनके नेतृत्व में आजाद हुआ होता?
Jamshedpur Tribute – नेताजी के सपनों का भारत: क्या होता अगर देश उनके नेतृत्व में आजाद हुआ होता?

जमशेदपुर। जमशेदपुर पश्चिमी के विधायक सरयू राय ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि अगर भारत नेताजी के नेतृत्व में आजाद हुआ होता, तो देश का बंटवारा नहीं होता। नेताजी की योजनाओं के आधार पर भारत चलता तो आज यह एक अत्यधिक विकसित देश होता। सरयू राय ने यह विचार नेताजी सुभाष चंद्र बोस मैदान, साकची में उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण और उनके स्वतंत्रता संग्राम की चित्र-पट्ट विवरणिका के उद्घाटन के दौरान व्यक्त किए।

नेताजी की लोकप्रियता का अनोखा उदाहरण

सरयू राय ने नेताजी की अद्भुत लोकप्रियता पर प्रकाश डालते हुए कहा, "यह वह दौर था जब न तो टेलीफोन था, न रेडियो, और न ही कोई आधुनिक संचार साधन। फिर भी, भारत के हर कोने का बच्चा-बच्चा नेताजी के बारे में जानता था। यह उनकी असाधारण नेतृत्व क्षमता और करिश्माई व्यक्तित्व का प्रमाण है।"

अगर नेताजी का प्लानिंग कमीशन लागू होता

1937 में नेताजी ने अपने विजन के तहत एक "प्लानिंग कमीशन" की स्थापना की थी। सरयू राय ने कहा, "अगर यह योजना लागू होती, तो भारत आर्थिक, सामाजिक और वैज्ञानिक विकास के मामले में कहीं आगे होता।" उन्होंने कहा कि नेताजी की योजनाएं न केवल स्वतंत्रता की परिकल्पना करती थीं, बल्कि स्वतंत्र भारत को एक आत्मनिर्भर और उन्नत राष्ट्र बनाने का रोडमैप भी थीं।

"तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा"

नेताजी के स्वतंत्रता संग्राम में दिए गए नारों का आज भी वही महत्व है। "जय हिंद" और "तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा" जैसे नारे लोगों के दिलों में देशभक्ति की भावना जगाते हैं। सरयू राय ने कहा कि नेताजी के नेतृत्व में भारत पहले ही आजाद हो सकता था, लेकिन नागासाकी और हिरोशिमा पर परमाणु हमले जैसे विश्व युद्ध के दुर्भाग्यपूर्ण घटनाक्रमों ने इस सपने को रोक दिया।

नेताजी सुभाष चंद्र बोस मैदान का सौंदर्यीकरण

कार्यक्रम के दौरान सरयू राय ने साकची स्थित नेताजी सुभाष चंद्र बोस मैदान की खस्ताहालत पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा, "यह मैदान अब नेताजी के नाम से जाना जाता है, लेकिन इसकी स्थिति दयनीय है। टाटा स्टील ने शहर में कई मैदान विकसित किए, लेकिन इसे नजरअंदाज कर दिया गया।" राय ने घोषणा की कि इस मैदान का सौंदर्यीकरण किया जाएगा और यहां "लाइट एंड साउंड" शो आयोजित करने की योजना बनाई जाएगी। इस शो में नेताजी के जीवन और उनके योगदान को 30 मिनट की प्रस्तुति में दिखाया जाएगा, जिससे नई पीढ़ी को उनके बारे में जानने का मौका मिलेगा।

नेताजी की स्मृति को स्थायी बनाने की पहल

कार्यक्रम के दौरान उपस्थित लोगों ने सुझाव दिया कि शहर की किसी एक सड़क का नाम नेताजी के नाम पर रखा जाए। सरयू राय ने आश्वासन दिया कि इस मुद्दे पर प्रशासन से बात की जाएगी। उन्होंने कहा, "नेताजी के योगदान को हर भारतीय तक पहुंचाना हमारी जिम्मेदारी है। उनकी स्मृति को जिंदा रखने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।"

नेताजी के प्रति जनता की भावनाएं

नेताजी के प्रति लोगों के सम्मान और प्यार को देखते हुए सरयू राय ने कहा कि नेताजी का कोई विकल्प नहीं हो सकता। "हम उनसे प्रेरणा लेते हैं और उनका आदर्श आज भी हमारे लिए मार्गदर्शक है। उनकी योजनाओं और विचारों से हम एक मजबूत और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में आगे बढ़ सकते हैं।"

उपस्थित लोगों की सूची

इस मौके पर शहर के कई प्रतिष्ठित लोग मौजूद रहे, जिनमें शेखर डे, सुबोध श्रीवास्तव, राजीव सिंह, पप्पू सिंह, और अन्य प्रमुख लोग शामिल थे।

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