Jamshedpur Celebration: 50 वर्षों की सेवा के बाद एमटीएमएच ने मनाई गोल्डन जुबली, रतन टाटा के सपने को साकार करने की दिशा में बड़ा कदम!
जमशेदपुर के मेहरबाई टाटा मेमोरियल अस्पताल (एमटीएमएच) ने अपनी 50 वर्षों की कैंसर चिकित्सा सेवा का जश्न मनाया। जानें इस ऐतिहासिक सफर की पूरी कहानी और भविष्य की योजनाएं।
झारखंड में कैंसर उपचार की अग्रणी संस्था मेहरबाई टाटा मेमोरियल अस्पताल (एमटीएमएच) ने 4 फरवरी 2025 को अपनी गोल्डन जुबली धूमधाम से मनाई। पिछले 50 वर्षों में इस अस्पताल ने हजारों कैंसर मरीजों को न केवल उपचार दिया, बल्कि उम्मीद भी दी। इस अवसर पर कुडी महंती ऑडिटोरियम में एक विशेष समारोह आयोजित किया गया, जिसमें एमटीएमएच के योगदान और भविष्य की योजनाओं को साझा किया गया।
समारोह की प्रमुख झलकियां
इस ऐतिहासिक समारोह में एमटीएमएच के चेयरमैन डॉ. आर.एन. शर्मा मुख्य अतिथि रहे, जबकि वाइस चेयरमैन चाणक्य चौधरी विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुए। टाटा स्टील के वरिष्ठ अधिकारी, कैंसर से उबर चुके मरीज, एमटीएमएच स्टाफ और अन्य गणमान्य लोग इस कार्यक्रम के साक्षी बने।
एमटीएमएच के 50 वर्षों की यात्रा को सम्मानित करते हुए:
- चेयरमैन डॉ. आर.एन. शर्मा ने अस्पताल के भविष्य की दिशा साझा की।
- वाइस चेयरमैन चाणक्य चौधरी ने सालभर चलने वाली गतिविधियों की घोषणा की, जिसमें शामिल हैं:
- एचपीवी टीकाकरण अभियान (पहली किशोरी को डीबीएमएस स्कूल में वैक्सीन दी गई)।
- ग्रामीण इलाकों में कैंसर स्क्रीनिंग कैंप।
- ऑन्कोलॉजी कॉन्फ्रेंस का आयोजन।
- मार्च 2025 में जुबली ओटी ब्लॉक का उद्घाटन।
इस मौके पर एमटीएमएच एम्प्लाई यूनियन के प्रेसिडेंट राकेश्वर पांडे ने भी अस्पताल की ऐतिहासिक उपलब्धियों पर प्रकाश डाला।
एमटीएमएच: 50 वर्षों का सफर और ऐतिहासिक योगदान
1975 में स्थापित एमटीएमएच, झारखंड का पहला कैंसर अस्पताल है, जिसे जमशेदपुर कैंसर सोसाइटी (तत्कालीन भारतीय कैंसर सोसाइटी, जमशेदपुर शाखा) द्वारा शुरू किया गया था। यह अस्पताल सर दोराबजी जमशेदजी टाटा की पत्नी लेडी मेहरबाई टाटा की स्मृति में बनाया गया था।
शुरुआती दिनों से लेकर अब तक:
- 1975: JRD टाटा ने अस्पताल का उद्घाटन किया।
- 2018: रतन टाटा ने एमटीएमएच को अपग्रेड करने के लिए टाटा ट्रस्ट्स और टाटा स्टील की साझेदारी में बड़ा निवेश किया।
- 2019: रतन टाटा ने नए, आधुनिक कैंसर सेंटर का उद्घाटन किया, जिसमें अत्याधुनिक तकनीक जोड़ी गई।
- 2025: एमटीएमएच 130 बेड, एडवांस रेडिएशन थेरेपी, NABL लैब और PET CT स्कैन सुविधाओं के साथ झारखंड के सर्वश्रेष्ठ कैंसर अस्पतालों में शामिल हो गया।
रतन टाटा का सपना और एमटीएमएच का भविष्य
रतन टाटा ने 2018 में इस कैंसर संस्थान को अपग्रेड करते समय कहा था:
"किसी भी कैंसर मरीज को इलाज के लिए अपने राज्य से बाहर नहीं जाना चाहिए।"
इसी सोच के साथ एमटीएमएच आगे बढ़ रहा है:
- आयुष्मान भारत और मुख्यमंत्री गंभीर बीमारी योजना के तहत गरीब मरीजों का इलाज।
- सूरी सेवा फाउंडेशन के सहयोग से प्रीतपाल पैलिएटिव केयर सेंटर की स्थापना।
- नई सर्जरी सुविधाओं, रेडिएशन थेरेपी और केमोथेरेपी तकनीकों का विस्तार।
एमटीएमएच ने बीते 50 वर्षों में हजारों कैंसर मरीजों को न केवल जीवनदान दिया, बल्कि उन्हें जीने की नई उम्मीद भी दी। यह अस्पताल झारखंड और पूर्वी भारत के लिए कैंसर उपचार का प्रमुख केंद्र बन चुका है। गोल्डन जुबली समारोह ने यह दिखाया कि कैसे टाटा समूह और एमटीएमएच का मिशन "किफायती, आधुनिक और सुलभ कैंसर उपचार" देना है।
भविष्य में यह संस्थान कैंसर चिकित्सा में और भी नए आयाम जोड़ते हुए मरीजों के लिए एक वरदान साबित होगा।
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