Jamshedpur Meeting: उपायुक्त ने लगाई फटकार, अधूरे विकास कार्यों पर सख्त निर्देश
जमशेदपुर में उपायुक्त अनन्य मित्तल की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक में अधूरे विकास कार्यों को लेकर सख्त निर्देश दिए गए। जानें किन योजनाओं पर चर्चा हुई।
जमशेदपुर समाहरणालय सभागार में बुधवार को उपायुक्त अनन्य मित्तल की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक का मुख्य उद्देश्य जिले में चल रहे CSR फंड, DMFT, MP, MLA फंड और अन्य अनाबद्ध निधि के तहत स्वीकृत विकास योजनाओं की स्थिति की समीक्षा करना था।
बैठक में विभिन्न तकनीकी और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ सिविल सर्जन डॉ. साहिर पाल, एडीएम लॉ एंड ऑर्डर अनिकेत सचान, निदेशक एनईपी संतोष गर्ग, कार्यपालक अभियंता पथ प्रमंडल दीपक सहाय समेत अन्य अधिकारी शामिल रहे।
बैठक क्यों हुई?
जिले में कई विकास कार्य अधूरे पड़े हैं। इन योजनाओं में देरी से जनता को असुविधा हो रही है और सरकारी धन का सही उपयोग नहीं हो पा रहा। उपायुक्त मित्तल ने इस देरी पर नाराजगी जताते हुए संबंधित अधिकारियों को फटकार लगाई।
2023-24 वित्तीय वर्ष:
- स्वीकृत योजनाएं: 79
- पूर्ण योजनाएं: 69
- अधूरी योजनाएं: 10
2024-25 वित्तीय वर्ष:
- स्वीकृत योजनाएं: 99
- पूर्ण योजनाएं: 35
- अधूरी योजनाएं: 64
उपायुक्त ने निर्देश दिया कि जो योजनाएं पूरी हो चुकी हैं, उनके उपयोगिता प्रमाण पत्र (UC) जल्द जमा किए जाएं।
कौन से मुद्दे रहे चर्चा में?
- कार्यपालक अभियंता एनआरईपी को कारण बताओ नोटिस: बिना पूर्व अनुमति बैठक में अनुपस्थित रहने पर कारण बताओ नोटिस जारी किया गया।
- संवेदकों को ब्लैकलिस्ट करने का निर्देश: जो संवेदक समय पर कार्य पूरा नहीं कर रहे हैं, उन्हें ब्लैकलिस्ट किया जाएगा।
- स्वास्थ्य क्षेत्र को प्राथमिकता: सीएसआर फंड का उपयोग स्वास्थ्य सेवाओं के लिए किया जाएगा, जैसे – एंबुलेंस सेवा, सामुदायिक भवन, हाईमास्ट लाइट आदि।
इतिहास और संदर्भ:
झारखंड के औद्योगिक हब, जमशेदपुर, को टाटा स्टील के मुख्यालय के रूप में जाना जाता है। यहां कई बड़े विकास कार्य टाटा समूह और सरकारी फंडिंग से होते रहे हैं। परंतु, योजनाओं की धीमी गति और अधूरे प्रोजेक्ट्स के कारण जनता को बार-बार असुविधाओं का सामना करना पड़ा है।
2019 में भी जिला प्रशासन ने इसी तरह की समीक्षा बैठक बुलाई थी, जिसमें अधूरी योजनाओं पर रिपोर्ट प्रस्तुत की गई थी।
प्रमुख योजनाओं का अद्यतन:
MP और MLA फंड का अद्यतन:
- MP फंड (2023-24): 132 स्वीकृत योजनाओं में से 75 पूर्ण और 57 अधूरी।
- MLA फंड (2023-24): 525 स्वीकृत योजनाओं में से 251 पूर्ण और 274 अधूरी।
उपायुक्त ने कहा कि कुछ योजनाएं स्थानीय विवाद और NOC (अनापत्ति प्रमाण पत्र) के अभाव में रुकी हुई हैं। उन्होंने अभियंताओं को निर्देश दिया कि स्थानीय जनप्रतिनिधियों से समन्वय बनाकर विवाद सुलझाएं।
क्या मिले निर्देश?
- सभी योजनाओं को समयबद्ध रूप से पूरा करने का आदेश।
- अधूरी योजनाओं पर तेजी लाने और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के निर्देश।
- स्थानीय विवाद और NOC समस्याओं का त्वरित समाधान।
तकनीकी विभागों के लिए विशेष निर्देश:
- ग्रामीण कार्य विभाग, पथ प्रमंडल, लघु सिंचाई, विद्युत विभाग और भवन निर्माण विभाग को निर्देश दिया गया कि कार्यों की प्रगति रिपोर्ट शीघ्र प्रस्तुत करें।
- योजनाओं में गुणवत्ता की सख्ती से जांच होगी।
उपायुक्त का स्पष्ट संदेश:
उपायुक्त मित्तल ने स्पष्ट किया कि जिले में विकास कार्यों में कोई लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जो अधिकारी या संवेदक काम में कोताही बरतेंगे, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
जमशेदपुर में जिला प्रशासन ने विकास कार्यों में तेजी लाने के लिए सख्त रुख अपनाया है। यह बैठक सरकार की जवाबदेही और पारदर्शिता को दर्शाती है। आने वाले दिनों में जिले में अधूरे विकास कार्यों के पूरा होने की उम्मीद की जा रही है।
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