Jamshedpur Action: कदमा में सरकारी जमीन से अवैध कब्जा हटाया, प्रशासन ने दिखाई सख्ती!
जमशेदपुर के कदमा थाना क्षेत्र में सरकारी जमीन पर किए गए अवैध कब्जे को प्रशासन ने ध्वस्त कर दिया। जानिए पूरी खबर और प्रशासन की सख्ती।
झारखंड के जमशेदपुर में प्रशासन ने सरकारी भूमि से अवैध कब्जा हटाने के लिए बड़ी कार्रवाई की है। कदमा थाना क्षेत्र के अधिसूचित इलाके वार्ड नंबर 2 में सरकारी जमीन पर अवैध निर्माण कर कब्जा किया गया था, जिसे धालभूम अनुमंडल पदाधिकारी के आदेश पर पूरी तरह ध्वस्त कर दिया गया।
कैसे हुआ अतिक्रमण?
कदमा थाना क्षेत्र के खाता नंबर 1217, प्लॉट नंबर 55/2797 पर पिछले कुछ समय से अवैध निर्माण किया जा रहा था। सरकारी जमीन पर किए गए इस कब्जे के खिलाफ बी.पी.एल.ई/जे.पी.एल.ई के तहत वाद दर्ज किया गया था। कोर्ट ने अतिक्रमण हटाने का आदेश जारी करते हुए कब्जाधारकों को सात दिनों का समय दिया था।
हालांकि, निर्धारित समयसीमा के बावजूद अतिक्रमण नहीं हटाया गया, जिसके बाद प्रशासन ने सख्त कार्रवाई का निर्णय लिया।
प्रशासन की कड़ी कार्रवाई
धालभूम अनुमंडल पदाधिकारी के आदेशानुसार, जमशेदपुर के अंचल अधिकारी मनोज कुमार के नेतृत्व में कार्यपालक दंडाधिकारी सुदीप्त राज, कदमा थाना के पुलिस पदाधिकारी और पुलिस बल की उपस्थिति में अतिक्रमण को हटाया गया।
कार्रवाई के मुख्य बिंदु:
- कड़ी सुरक्षा व्यवस्था: कार्रवाई के दौरान दंडाधिकारी, पुलिस अधिकारी, सशस्त्र बल, लाठी बल और महिला बल तैनात किए गए थे।
- निर्माण ध्वस्त: अवैध निर्माण को पूरी तरह से जमींदोज कर दिया गया।
- शांतिपूर्ण कार्रवाई: प्रशासन ने बिना किसी हिंसा के कार्रवाई पूरी की।
इतिहास में अतिक्रमण और प्रशासन की भूमिका
जमशेदपुर जैसे औद्योगिक शहरों में भूमि अतिक्रमण एक गंभीर समस्या रही है। 1990 के दशक में भी प्रशासन को ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई करनी पड़ी थी।
तत्कालीन समय में भी सरकारी जमीन पर अवैध कब्जों को हटाने के लिए कई अभियान चलाए गए थे, लेकिन हाल के वर्षों में प्रशासन ने और अधिक सख्ती दिखाई है।
कदमा क्षेत्र का महत्व और सरकारी भूमि पर कब्जे की समस्या
कदमा थाना क्षेत्र, जमशेदपुर का एक प्रमुख आवासीय और व्यवसायिक क्षेत्र है। यह इलाका टाटा स्टील और अन्य औद्योगिक इकाइयों के कारण महत्वपूर्ण है।
सरकारी भूमि पर अवैध कब्जे से:
- सार्वजनिक सुविधाओं के विकास में बाधा आती है।
- सरकारी योजनाओं का क्रियान्वयन प्रभावित होता है।
- आम जनता के अधिकारों का हनन होता है।
प्रशासन का सख्त संदेश
इस कार्रवाई ने स्पष्ट कर दिया कि झारखंड सरकार किसी भी सरकारी भूमि पर अवैध कब्जे को बर्दाश्त नहीं करेगी। अनुमंडल पदाधिकारी ने चेतावनी दी है कि:
- भविष्य में भी सरकारी जमीनों पर अवैध निर्माण पाए जाने पर सख्त कार्रवाई होगी।
- संबंधित अधिकारियों को भूमि की नियमित निगरानी के निर्देश दिए गए हैं।
सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जा रोकने के लिए उठाए गए कदम:
- डिजिटल लैंड मैपिंग: सरकारी जमीनों को डिजिटल रूप से रिकॉर्ड करना।
- जन-जागरूकता अभियान: जनता को सरकारी संपत्तियों के दुरुपयोग के बारे में शिक्षित करना।
- कानूनी कार्रवाई: अतिक्रमण के खिलाफ तेजी से कोर्ट में मामले दर्ज कराना।
जनता की प्रतिक्रिया
स्थानीय निवासियों ने प्रशासन के इस कदम की सराहना की है। उन्होंने उम्मीद जताई है कि इस प्रकार की कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी, जिससे सरकारी संसाधनों का सही उपयोग सुनिश्चित हो सके।
जमशेदपुर के कदमा क्षेत्र में की गई यह कार्रवाई दर्शाती है कि झारखंड सरकार और स्थानीय प्रशासन, सरकारी संपत्तियों की सुरक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। यह कदम अन्य क्षेत्रों के लिए भी एक मिसाल बन सकता है।
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