Jamshedpur Human Rights Awareness Campaign : मानवाधिकार जागरूकता अभियान से शिक्षा का नया आयाम
जमशेदपुर में मानवाधिकार दिवस पर झारखंड मानवाधिकार संघ ने मानगो वर्कर्स कॉलेज में जागरूकता अभियान चलाया। जानें इस अभियान का उद्देश्य और छात्रों के अनुभव।
जमशेदपुर। आज 10 दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस के मौके पर झारखंड मानवाधिकार संघ ने मानगो वर्कर्स कॉलेज में एक विशेष जागरूकता अभियान का आयोजन किया। यह अभियान मानवाधिकारों के महत्व को समझने और अपनी स्वतंत्रता और अधिकारों के प्रति सजग रहने के लिए छात्रों और शिक्षकों को प्रेरित करने के उद्देश्य से चलाया गया।
मानवाधिकार दिवस का महत्व: एक ऐतिहासिक दृष्टि
अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस की शुरुआत 1948 में हुई थी, जब संयुक्त राष्ट्र ने मानवाधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा को अंगीकार किया। यह दिन दुनिया भर में उन मूलभूत अधिकारों की याद दिलाने के लिए मनाया जाता है, जो हर व्यक्ति को जन्म से ही प्राप्त होते हैं। इन अधिकारों में जीवन जीने की स्वतंत्रता, शिक्षा, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, और अन्य मौलिक अधिकार शामिल हैं।
अभियान का उद्देश्य और गतिविधियां
मानगो वर्कर्स कॉलेज में आयोजित इस अभियान में झारखंड मानवाधिकार संघ के पदाधिकारी, शिक्षक और छात्र शामिल हुए। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य छात्रों और शिक्षकों को उनके मौलिक अधिकारों के प्रति जागरूक करना था। संघ के पदाधिकारियों ने बताया कि मानवाधिकार केवल एक कानूनी प्रावधान नहीं, बल्कि प्रत्येक व्यक्ति का जन्मसिद्ध अधिकार है।
अधिकारों की रक्षा के लिए सही जानकारी और शिक्षा का होना आवश्यक है। इस अवसर पर छात्रों को यह भी बताया गया कि किसी भी परिस्थिति में अपने अधिकारों के लिए आवाज़ कैसे उठानी चाहिए और इस प्रक्रिया में क्या-क्या कदम उठाए जा सकते हैं।
मानवाधिकारों के प्रति जागरूकता का महत्व
आज के दौर में, जब समाज में अनेक समस्याएं और असमानताएं हैं, तब मानवाधिकारों के प्रति जागरूक रहना और उन्हें समझना बेहद जरूरी है। झारखंड मानवाधिकार संघ के अध्यक्ष ने कहा, "हमारा उद्देश्य है कि हर व्यक्ति को उसके अधिकारों के बारे में पूरी जानकारी हो, ताकि वह अपनी आवाज़ उठा सके और समाज में समानता और न्याय की स्थापना कर सके।"
छात्रों का दृष्टिकोण
कार्यक्रम में शामिल छात्रों ने कहा कि यह अभियान उनके लिए नई जानकारी का स्रोत साबित हुआ। एक छात्र ने कहा, "हमने आज सीखा कि अगर हम अपने अधिकारों के लिए आवाज़ नहीं उठाएंगे तो समाज में बदलाव नहीं आएगा। यह कार्यक्रम हमारे लिए एक प्रेरणा है कि हम अपने अधिकारों के प्रति जागरूक रहें और उन्हें बनाए रखने के लिए प्रयासरत रहें।"
कार्यक्रम की खास बातें
कार्यक्रम के दौरान, संघ के पदाधिकारियों ने मौलिक अधिकारों, उनके उल्लंघन के मामलों, और कानूनी सहायता के उपायों पर भी विस्तार से जानकारी साझा की। इसके अलावा, छात्रों को यह भी बताया गया कि समाज में मानवाधिकारों की रक्षा के लिए सामूहिक प्रयास आवश्यक हैं।
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