Jamshedpur विरोध मार्च: भाकपा ने डीसी ऑफिस तक किया प्रतिरोध, राष्ट्रपति को सौंपा ज्ञापन

पूर्वी सिंहभूम भाकपा ने जन समस्याओं के खिलाफ साकची से उपायुक्त कार्यालय तक निकाला विरोध मार्च, राष्ट्रपति को सौंपा पांच सूत्री ज्ञापन। जानें पूरी खबर।

Dec 10, 2024 - 13:35
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Jamshedpur विरोध मार्च: भाकपा ने डीसी ऑफिस तक किया प्रतिरोध, राष्ट्रपति को सौंपा ज्ञापन
Jamshedpur विरोध मार्च: भाकपा ने डीसी ऑफिस तक किया प्रतिरोध, राष्ट्रपति को सौंपा ज्ञापन

पूर्वी सिंहभूम जिले के आम जन के मुद्दों को लेकर भाकपा (मार्क्सवादी) ने मंगलवार को जोरदार प्रतिरोध मार्च निकाला। यह मार्च साकची के आम बगान से शुरू होकर उपायुक्त कार्यालय तक पहुंचा, जहां पार्टी प्रतिनिधिमंडल ने उपायुक्त को महामहिम राष्ट्रपति के नाम पांच सूत्री ज्ञापन सौंपा। इस ज्ञापन में आम जनता की समस्याओं को लेकर सरकार से उचित कार्रवाई की मांग की गई।

जन समस्याओं के खिलाफ उठी आवाज:

भाकपा के जिला सचिव अंबुज कुमार ठाकुर ने बताया कि देश में आम जनता की बढ़ती समस्याओं के खिलाफ उनकी पार्टी ने यह मार्च आयोजित किया है। उन्होंने कहा कि बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी, ठेका प्रथा का फैलाव, श्रम कानूनों में किए जा रहे बदलाव और किसानों की बिगड़ती स्थिति जैसी ज्वलंत समस्याओं ने आम लोगों की जिंदगी को कठिन बना दिया है। ठाकुर ने कहा कि पार्टी का उद्देश्य इन समस्याओं की ओर सरकार का ध्यान आकर्षित करना और जनहित में कार्रवाई करवाना है।

मार्च का विवरण:

साकची के आम बगान से शुरू हुआ यह मार्च पूर्वी सिंहभूम के विभिन्न हिस्सों से आए पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थकों से भरा हुआ था। मार्च ने उपायुक्त कार्यालय तक पहुंचने में कुछ समय लिया, जहां पर पार्टी के नेताओं ने उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में सरकार से उन समस्याओं का समाधान करने का आग्रह किया गया जिनसे आम जनता प्रतिदिन जूझ रही है।

पार्टी की प्रमुख मांगें:

पार्टी द्वारा राष्ट्रपति को सौंपे गए ज्ञापन में निम्नलिखित मुद्दों को प्रमुख रूप से शामिल किया गया:

  1. बढ़ती महंगाई: जन जीवन को प्रभावित कर रही महंगाई पर लगाम लगाने की मांग।
  2. बेरोजगारी: युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाने की आवश्यकता।
  3. ठेका प्रथा का बढ़ावा: श्रमिकों के अधिकारों की रक्षा और ठेका प्रथा को समाप्त करने की मांग।
  4. श्रम कानूनों में बदलाव: श्रमिकों के खिलाफ हो रहे कानूनों में बदलाव की आलोचना।
  5. किसानों की समस्याएं: कृषि क्षेत्र में किसानों की सहायता के लिए ठोस कदम उठाने की अपील।

इतिहास की परतें:

भाकपा ने भारतीय राजनीति में अपनी अलग पहचान बनाई है, खासकर मजदूरों, किसानों और गरीबों के हक की लड़ाई में। पिछले दशकों में इस पार्टी ने कई बार आंदोलनों का नेतृत्व किया है, जिससे उनके समर्थकों और जनता के बीच मजबूत बंधन बना है। मंगलवार का मार्च भी इसी संघर्ष का हिस्सा था, जिसमें पार्टी ने एक बार फिर अपनी ताकत और आम जनता की समस्याओं के प्रति अपनी संवेदनशीलता दिखाई।

भविष्य की योजनाएं:

भाकपा के नेताओं ने बताया कि यह मार्च सिर्फ शुरुआत है। पार्टी अब और भी व्यापक स्तर पर जन जागरूकता अभियान चलाने की योजना बना रही है। उनका लक्ष्य है कि पूरे जिले और राज्य में इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया जाए ताकि सरकार पर दबाव बनाया जा सके।

पूर्वी सिंहभूम में भाकपा का विरोध मार्च जन समस्याओं के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। ऐसे मार्च और आंदोलन यह सुनिश्चित करते हैं कि सरकारें जनता के हित में कदम उठाने के लिए मजबूर हों। अब देखना यह है कि सरकार इस ज्ञापन पर कब और क्या कार्रवाई करती है।

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Manish Tamsoy मनीष तामसोय कॉमर्स में मास्टर डिग्री कर रहे हैं और खेलों के प्रति गहरी रुचि रखते हैं। क्रिकेट, फुटबॉल और शतरंज जैसे खेलों में उनकी गहरी समझ और विश्लेषणात्मक क्षमता उन्हें एक कुशल खेल विश्लेषक बनाती है। इसके अलावा, मनीष वीडियो एडिटिंग में भी एक्सपर्ट हैं। उनका क्रिएटिव अप्रोच और टेक्निकल नॉलेज उन्हें खेल विश्लेषण से जुड़े वीडियो कंटेंट को आकर्षक और प्रभावी बनाने में मदद करता है। खेलों की दुनिया में हो रहे नए बदलावों और रोमांचक मुकाबलों पर उनकी गहरी पकड़ उन्हें एक बेहतरीन कंटेंट क्रिएटर और पत्रकार के रूप में स्थापित करती है।